शिमला: हिमाचल सरकार ने स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों को और बढ़ावा देने के लिए लोन टर्म अवधि को 30 साल से बढ़ाकर 40 साल करने का फैसला लिया है. बुधवार को शिमला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में पावर सेक्टर को लेकर कई अहम बिंदुओं पर चर्चा हुई. यह बैठक सरकार और जल विद्युत परियोजनाओं से जुड़ी बोनाफाइड हिमाचली एसोसिएशन के बीच हुई. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों की सुविधा के लिए मौजूदा ऋण अवधि को 30 वर्ष से बढ़ाकर 40 वर्ष करेगी. उन्होंने कहा कि एकमुश्त निपटान (ओटीएस) या एकमुश्त बिक्री पर विचार करने के लिए बैंक के समक्ष स्वतंत्र बिजली उत्पादकों के आग्रह पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) ने एसोसिएशन की मांग पर कहा कि राज्य सरकार स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों को माइक्रो एंड मिनी पावर प्रोजेक्ट्स के निर्माण पर लोन की ब्याज दरों में कटौती पर विचार करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में राज्य सहकारी बैंक बिजली उत्पादकों को 10.50 प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवा रहा है. पहले यह दर 13.75 प्रतिशत थी.
ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने मुख्यमंत्री से राज्य सहकारी बैंक (electricity producers in Himachal) द्वारा दिए गए ऋणों पर ब्याज दर कम करने का आग्रह किया ताकि राज्य के स्वतंत्र बिजली उत्पादकों को लाभान्वित किया जा सके. उन्होंने कहा कि अनसर्वड ब्याज को शून्य प्रतिशत ब्याज की दर से फंडिड इंटरेस्ट टर्म लोन में बदलने के मामले पर भी विचार किया जाएगा. अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा एवं उद्योग आरडी धीमान, राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष खुशी राम बालनाहटा, सचिव सहकारिता डॉ. अजय शर्मा, हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा, हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्रवण मांटा और स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों के प्रतिनिधि भी बैठक में मौजूद रहे.