शिमला: राजधानी के टूटीकंडी जंगल में लगी आग के तांडव के बीच (Fire in Tutikandi forest) एक तरफ जहां बाल आश्रम के बच्चों की जान पर बनी हुई थी तो वहीं, दूसरी ओर चाइल्ड केअर के साथ लगते वाइल्ड लाइफ रेस्क्यू सेंटर में रखे जानवरों की जान भी जोखिम में थी. दोपहर बाद जंगल से फैली आग देखते ही देखते रेस्क्यू सेंटर के चारों ओर (Fire in Wildlife Rescue Center Shimla) फैल गई थी. जिससे वहां पर रखे गए करीब 17 तेंदुए और 7 भालुओं को बचाना कमर्चारियों के लिए बहुत मुश्किल काम था.
रेस्क्यू सेंटर में (Wildlife Rescue Center Shimla) अंदर तक आग पहुंच गई थी और पानी की कमी और फायर ब्रिगेड के मौके पर न पहुंच पाने के कारण आग बुझाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा. कर्मचारियों ने सभी जानवरों को नाइट शेड में शिफ्ट किया, जिस कारण सभी की जान को बचाया जा सका. वहीं, सोमवार को सीआईएफ वाइल्डलाइफ की टीम ने रेस्क्यू सेंटर का निरीक्षण किया. वाइल्डलाइफ कर्मी अनिल शर्मा ने बताया कि रविवार को टूटीकंडी जंगल में भयानक आग लग गई थी और चारों ओर धुआं ही धुआं था. आग जब रेस्क्यू सेंटर के चारों ओर फैल गई तो सबसे पहले जानवरों को बचाने की कोशिश की गई.
जानवरों को नाइट शेड में बंद कर दिया. उन्होंने कहा कि सड़क छोटी होने की वजह से फायर ब्रिगेड की बड़ी गाड़ियां यहां नहीं आ सकी जिस कारण खतरा बढ़ रहा था. उन्होंने कहा कि विभाग को चाहिए की फायर हाइड्रेंट दो चार जगहों पर लगाने चाहिए ताकि व्हीकल ना आने की स्तिथि में आग पर काबू पाया जा सके. अनिल शर्मा ने बताया कि सीआईएफ वाइल्डलाइफ और एडिशनल पीसीआईएफ वाइल्डलाइफ अनिल ठाकुर ने भी मौके का विजिट किया है और उन्हें भी सारी समस्याएं बताई गई हैं.
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