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हिमाचल पुलिस के व्यवहार से आहत किसान, कहा: आतंकवादियों की तरह किया व्यवहार

सिंघु बॉर्डर से किसान आंदोलन के लिए शिमला के रिज पर समर्थन की अपील करने पहुंचे किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. पुलिस स्टेशन में पुलिस अधिकारियों ने इन किसानों से पूछताछ की जिसके बाद इन किसानों को जाने दिया गया.

farmers protest in shimla
शिमला में किसान आंदोलन
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Published : Jan 19, 2021, 6:18 PM IST

शिमला: सिंघु बॉर्डर से किसान आंदोलन के लिए शिमला के रिज पर समर्थन की अपील करने पहुंचे किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. पुलिस ने किसानों को करीब 5 घंटे तक सदर पुलिस स्टेशन में रखा और पूछताछ की गई. इसके बाद किसानों को एसडीएम के पास पेश करने के बाद छोड़ दिया गया.

पुलिस के व्यवहार से किसान आहत

पुलिस स्टेशन में पुलिस अधिकारियों ने इन किसानों से पूछताछ की जिसके बाद इन किसानों को जाने दिया गया. वहीं, पुलिस के व्यवहार से यह किसान काफी आहत नजर आए और पुलिस पर दुर्व्यवहार करने और बीजेपी सरकार पर किसानों के आंदोलन को दबाने के आरोप लगाए.

वीडियो रिपोर्ट

पुलिस ने किया आतंकवादियों की तरह व्यवहार: किसान नेता

किसान नेता हरप्रीत ने कहा कि वह किसानों की बात रखने शिमला आए थे. उन्होंने कहा कि पुलिस ने उन्हें रिज मैदान से पहले ही गिरफ्तार किया और पुलिस स्टेशन ले गई. उन्होंने कहा कि पुलिस ने उन्हें आतंकवादियों की किया और पुलिस स्टेशन में भी पूछताछ की गई. उन्होंने कहा कि वह शिमला में किसानों का समर्थन लेने आए थे. उन्होंने कहा कि वह शिमला केंद्र सरकार के लाए गए काले कानून के बारे में लोगों को जागरूक करने पहुंचे लेकिन बीजेपी शाषित राज्यों में किसानों की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है.

कानून वापिस लेने तक किसान जारी रखेंगे आंदोलन

किसानों ने कहा कि वह कई राज्यों में गए लेकिन जिस तरह का दुव्यवहार यहां किया गया ऐसा कही नहीं हुआ. सिंघु बॉर्डर पर काफी समय से किसान आंदोलन कर रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार किसानों के आंदोलन को बदनाम करने में जुटी है. उन्होंने कहा कि सरकार के कृषि कानून वापस लेने तक किसान आंदोलन जारी रखेंगे.

पढ़ें: बर्ड फ्लू का कहर! पौंग बांध में अब तक 4936 पक्षियों की मौत, वन मंत्री ने दिए ये निर्देश

शिमला: सिंघु बॉर्डर से किसान आंदोलन के लिए शिमला के रिज पर समर्थन की अपील करने पहुंचे किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. पुलिस ने किसानों को करीब 5 घंटे तक सदर पुलिस स्टेशन में रखा और पूछताछ की गई. इसके बाद किसानों को एसडीएम के पास पेश करने के बाद छोड़ दिया गया.

पुलिस के व्यवहार से किसान आहत

पुलिस स्टेशन में पुलिस अधिकारियों ने इन किसानों से पूछताछ की जिसके बाद इन किसानों को जाने दिया गया. वहीं, पुलिस के व्यवहार से यह किसान काफी आहत नजर आए और पुलिस पर दुर्व्यवहार करने और बीजेपी सरकार पर किसानों के आंदोलन को दबाने के आरोप लगाए.

वीडियो रिपोर्ट

पुलिस ने किया आतंकवादियों की तरह व्यवहार: किसान नेता

किसान नेता हरप्रीत ने कहा कि वह किसानों की बात रखने शिमला आए थे. उन्होंने कहा कि पुलिस ने उन्हें रिज मैदान से पहले ही गिरफ्तार किया और पुलिस स्टेशन ले गई. उन्होंने कहा कि पुलिस ने उन्हें आतंकवादियों की किया और पुलिस स्टेशन में भी पूछताछ की गई. उन्होंने कहा कि वह शिमला में किसानों का समर्थन लेने आए थे. उन्होंने कहा कि वह शिमला केंद्र सरकार के लाए गए काले कानून के बारे में लोगों को जागरूक करने पहुंचे लेकिन बीजेपी शाषित राज्यों में किसानों की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है.

कानून वापिस लेने तक किसान जारी रखेंगे आंदोलन

किसानों ने कहा कि वह कई राज्यों में गए लेकिन जिस तरह का दुव्यवहार यहां किया गया ऐसा कही नहीं हुआ. सिंघु बॉर्डर पर काफी समय से किसान आंदोलन कर रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार किसानों के आंदोलन को बदनाम करने में जुटी है. उन्होंने कहा कि सरकार के कृषि कानून वापस लेने तक किसान आंदोलन जारी रखेंगे.

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