रामपुर: न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ ने नई पेंशन नीति (एनपीएस) के विरोध में शुक्रवार को काले बिल्ले व रिबन लगाकर अपना काम किया और इस नीति के प्रति अपना विरोध जताया. न्यू पैंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ का कहना है कि पुरानी पेंशन नीति को बहाल करने को लेकर संघर्षरत है. केंद्र सरकार ने अप्रैल, 2004 से न्यू पैंशन निति को अपने कर्मचारियों पर लागू किया है.
इसी तर्ज पर हिमाचल सरकार ने भी अगस्त, 2005 में इसकी अधिसूचना जारी करते हुए इस कर्मचारी विरोधी निति को आज ही के दिना यानी 15 मई, 2003 से केंद्र से भी पहले ही लागू करवा दिया था.
एनपीएस कर्मचारी महासंघ जिला शिमला अध्यक्ष कुशाल शर्मा ने कहा कि इसी को लेकर पिछले कई सालों से एनपीएस कर्मचारी महासंघ इस नीति के विरोध में इस दिन को काला दिवस के रुप में मनाता आ रहा है.
एनपीएस कर्मचारी महासंघ ने विभिन्न कार्यालयों में अपने कामकाज काले बिल्ले पहन कर निपटाए. उन्होंने कहा कि 15 मई का दिन हिमाचल कर्मचारियों के इतिहास में पुरानी पैंशन की बहाली तक हर वर्ष काला दिवस के रुप में मनाया जाता रहेगा.
कुशाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि वे पुरानी पैंशन नीति को बहाल करें और साथ ही केंद्र की 2009 की अधिसूचना अनुसार अपने एनपीएस कर्मचारियों को केंद्र सरकार के अनुसार दिव्यांगता होने पर अपने एनपीएस कर्मचारी पारिवारिक पैंशन को तत्काल प्रभाव से लागू करें.
उन्होंने बताया कि एनपीएस कर्मचारियों ने कोविड-19 के अंतर्गत अपनी सैलरी कटौती के अलावा एनपीएस एसोसिएशन के माध्यम से साढ़े तैईस लाख के करीब राशि का चैक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को समर्पित किया गया.
कुशाल शर्मा ने आगे कहा कि अभी देश कोरोना वायरस की महामारी की वजह से बूरे दौर से गुजर रहा है जिसमें एनपीएस कर्मचारी अपनी निष्ठा व ईमानदारी के साथ सरकार का सहयोग करते हुए कोविड-19 की रोकथाम के लिए अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं.
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