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घाटे के बोर्ड और निगम: बिजली बोर्ड का घाटा 2 हजार करोड़ पार, वित्त निगम 166 करोड़ के घाटे में

हिमाचल सरकार के निगम व बोर्ड घाटे से नहीं उबर पा रहे हैं. एचआरटीसी का घाटा 1,232.48 करोड़ रुपए हो गया है. प्रदेश के वित्त निगम का घाटा 166.56 करोड़ रुपए आंका गया है. विधानसभा में रखी गई वर्ष 2018-19 की कैग रिपोर्ट में कुल 13 निगम बोर्ड के घाटे दर्शाए गए हैं.

घाटे के बोर्ड और निगम
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Published : Aug 13, 2021, 9:39 PM IST

शिमला: तमाम प्रयासों के बावजूद हिमाचल सरकार के निगम व बोर्ड घाटे से नहीं उबर पा रहे हैं. उर्जा राज्य हिमाचल प्रदेश का बिजली बोर्ड दो हजार करोड़ रुपए से अधिक के घाटे में है. पूरे प्रदेश के 13 निगम व बोर्ड इस समय घाटे में चल रहे हैं. लंबे अरसे से ये सब घाटे में हैं और इससे उबर नहीं पा रहे हैं. कैग रिपोर्ट में निगम व बोर्ड के घाटे का ब्यौरा सामने आया. प्रदेश में इस समय राज्य बिजली बोर्ड सबसे अधिक घाटे में है. हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड का घाटा 2,043.85 करोड़ रुपए तक चला गया. फिर हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम का घाटा भी हजार करोड़ रुपए से अधिक है.

एचआरटीसी का घाटा 1,232.48 करोड़ रुपए हो गया है. प्रदेश के वित्त निगम का घाटा 166.56 करोड़ रुपए आंका गया है. विधानसभा में रखी गई वर्ष 2018-19 की कैग रिपोर्ट में कुल 13 निगम बोर्ड के घाटे दर्शाए गए हैं. यहां गौर करने वाली बात है कि बजट सत्र में सदन में दी गई जानकारी में घाटे में चल रहे 11 निगम एवं 1 बोर्ड में अध्यक्ष-उपाध्यक्षों पर बीते 3 साल में बड़ी राशि खर्च की गई. पर्यटन निगम में 2.67 लाख रुपए, ऊर्जा निगम में 5.45 लाख रुपए, एस.सी. व एस.टी. निगम में 13.33 लाख रुपए, एच.पी.एम.सी. में 13.42 लाख रुपए, वन निगम में 30.16 लाख रुपए, एच.आर.टी.सी. में 56.75 लाख रुपए, हस्तशिल्प व हथकरघा निगम में 28.57 लाख रुपए व्यय किए गए थे.

किस निगम-बोर्ड को कितना घाटा
निगम/बोर्ड
कितना घाटा
बिजली बोर्ड लिमिटेड 2,043.85 करोड़
एच.आर.टी.सी. 1,232.48 करोड़
वित्त निगम 166.56 करोड़

एच.पी.एम.सी.
86.55 करोड़

एग्रो इंडस्ट्रीयल पैकेजिंग
78.23 करोड़
वन निगम 63.02 करोड़
ऊर्जा निगम 36.87 करोड़
पर्यटन विकास निगम 22.08 करोड़
हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम 15.24 करोड़
एग्रो इंडस्ट्री 14.25 करोड़
विद्युत संचरण निगम12.14 करोड़
एच.पी. वर्सेटेड मिल्ज लिमिटेड 5.44 करोड़
अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम 4.77 करोड़

भी पढ़ें:मानसून सत्र : 46 घंटे 11 मिनट चली सदन की कार्यवाही, कुल 402 तारांकित और 184 अतारांकित प्रश्न लगे

शिमला: तमाम प्रयासों के बावजूद हिमाचल सरकार के निगम व बोर्ड घाटे से नहीं उबर पा रहे हैं. उर्जा राज्य हिमाचल प्रदेश का बिजली बोर्ड दो हजार करोड़ रुपए से अधिक के घाटे में है. पूरे प्रदेश के 13 निगम व बोर्ड इस समय घाटे में चल रहे हैं. लंबे अरसे से ये सब घाटे में हैं और इससे उबर नहीं पा रहे हैं. कैग रिपोर्ट में निगम व बोर्ड के घाटे का ब्यौरा सामने आया. प्रदेश में इस समय राज्य बिजली बोर्ड सबसे अधिक घाटे में है. हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड का घाटा 2,043.85 करोड़ रुपए तक चला गया. फिर हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम का घाटा भी हजार करोड़ रुपए से अधिक है.

एचआरटीसी का घाटा 1,232.48 करोड़ रुपए हो गया है. प्रदेश के वित्त निगम का घाटा 166.56 करोड़ रुपए आंका गया है. विधानसभा में रखी गई वर्ष 2018-19 की कैग रिपोर्ट में कुल 13 निगम बोर्ड के घाटे दर्शाए गए हैं. यहां गौर करने वाली बात है कि बजट सत्र में सदन में दी गई जानकारी में घाटे में चल रहे 11 निगम एवं 1 बोर्ड में अध्यक्ष-उपाध्यक्षों पर बीते 3 साल में बड़ी राशि खर्च की गई. पर्यटन निगम में 2.67 लाख रुपए, ऊर्जा निगम में 5.45 लाख रुपए, एस.सी. व एस.टी. निगम में 13.33 लाख रुपए, एच.पी.एम.सी. में 13.42 लाख रुपए, वन निगम में 30.16 लाख रुपए, एच.आर.टी.सी. में 56.75 लाख रुपए, हस्तशिल्प व हथकरघा निगम में 28.57 लाख रुपए व्यय किए गए थे.

किस निगम-बोर्ड को कितना घाटा
निगम/बोर्ड
कितना घाटा
बिजली बोर्ड लिमिटेड 2,043.85 करोड़
एच.आर.टी.सी. 1,232.48 करोड़
वित्त निगम 166.56 करोड़

एच.पी.एम.सी.
86.55 करोड़

एग्रो इंडस्ट्रीयल पैकेजिंग
78.23 करोड़
वन निगम 63.02 करोड़
ऊर्जा निगम 36.87 करोड़
पर्यटन विकास निगम 22.08 करोड़
हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम 15.24 करोड़
एग्रो इंडस्ट्री 14.25 करोड़
विद्युत संचरण निगम12.14 करोड़
एच.पी. वर्सेटेड मिल्ज लिमिटेड 5.44 करोड़
अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम 4.77 करोड़

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