शिमला: हिमाचल प्रदेश में नशा तस्करी जोरों (drugs smuggling in himachal) पर है. पुलिस रोजाना चिट्टा और स्मैक की खेप बरामद कर रही है. प्रदेश की युवा पीढ़ी नशे की जद में आती जा रही है. पुलिस लगातार नशा तस्करों पर शिकंजा कस रही है. ताजा मामला जिला शिमला का है.
शिमला पुलिस की डिटेक्शन सेल की टीम ने नारकंडा में कार सवार (drug smugglers arrested in shimla ) दो व्यक्तियों के कब्जे से 803 ग्राम चरस (charas recovered in shimla) बरामद किया है. आरोपियों के खिलाफ पुलिस स्टेशन कुमारसैन में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस हर पहलू को ध्यान में रखकर मामले की छानबीन कर रही है.
नशा एक धीमा जहर है (intoxication is a slow poison) जो व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक सामाजिक एवं आर्थिक रूप से कमजोर करता है. इसके लगातार सेवन से व्यक्ति अनेक प्रकार के रोगों से ग्रसित हो जाता है. नशा करने वाला स्वयं तो मौत का ग्रास बनता ही है, लेकिन वह समाज विशेषकर अपने परिजनों के लिए भी दुख का कारण बनता है. नशे के सेवन से व्यक्ति सदैव चिन्तित व उदासीन रहता है (effects of intoxication) तथा हाथों में पसीना, अकेले में रहने की प्रवृत्ति, भूख न लगना, वजन कम होना, आंखों में लाली, सूजन का होना, आवाज का लड़खड़ाना, थकान एवं चिडचिड़ापन आदि मौजूद है.
युवा पीढ़ी लगातार नशे की चपेट में आती जा रही है. ड्रग्स, चिट्टे जैसे नशे की लत युवा पीढ़ी को लग रही है. पीढ़ी को निशाना बनाकर नशे का काला कारोबार चमकाने का प्रयास किया जा रहा है. विद्यार्थियों को टारगेट कर उन्हें नशे की लत लगाई जा रही है. ऐसे में हिमाचल पुलिस भी सतर्क हो गई है और रोजाना नशा तस्करों पर कार्रवाई कर रही है.
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