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आईटीबीपी के नगासति हेलीपैड निर्माण का रास्ता साफ, वन भूमि के डायवर्जन को मिली मंजूरी

शिमला में वाइल्ड लाइफ सेंचुरी बोर्ड की बैठक में नगासति में हेलीपैड के निर्माण (Construction of helipad in Nagasati) के लिए 0.0375 हेक्टेयर वन भूमि के डाइवर्जन को मंजूरी दी गई है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित बोर्ड की बैठक में इसकी मंजूरी दी गई. दरअसल किन्नौर के रकछम-छितकुल वन्यप्राणी अभयारण्य के भीतर नगासति में भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल (Indo Tibetan Border Police Force in Nagasati) लंबे समय से हेलीपैड की मांग कर रहा था.

Indo Tibetan Border Police Force in Nagasati
आईटीबीपी के नगासति हेलीपैड निर्माण
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Published : Mar 22, 2022, 8:35 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में वन्य प्राणी अभ्यारण्य यानी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के भीतर आईटीबीपी के हेलीपैड निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. किन्नौर के रकछम-छितकुल वन्यप्राणी अभयारण्य के भीतर नगासति में भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल (Indo Tibetan Border Police Force in Nagasati) हेलीपैड की मांग कर रहा था. यह वन भूमि है और वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के तहत आती है.

मंगलवार को शिमला में वाइल्ड लाइफ सेंचुरी बोर्ड की बैठक में नगासति में हेलीपैड के निर्माण (Construction of helipad in Nagasati) के लिए 0.0375 हेक्टेयर वन भूमि के डाइवर्जन को स्वीकृति प्रदान की गई. साथ ही इसे राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड को अनुशंसित करने को स्वीकृति भी दी गई. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित बोर्ड की बैठक में कई विषयों पर चर्चा हुई.

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ ऐसी परियोजनाओं की भी योजना बनाई जानी चाहिए जिन्हें पर्यटन गतिविधियों से जोड़ा जा सके. उन्होंने कहा कि मेगा वाइल्ड लाइफ प्रोजेक्ट्स तैयार करने का भी प्रयास किया जाना चाहिए, जिन्हें केंद्रीय वित्त पोषण के लिए भेजा किया जा सके. जयराम ठाकुर ने कहा कि वन्य जीवों का संरक्षण महत्वपूर्ण है, लेकिन साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वन्यप्राणी क्षेत्रों से संबंधित विभिन्न मामलों के विकास कार्य बाधित न हों.

बैठक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अधिकारियों को थुनाग-पजूत-लंबासफर-चिलमगढ़-शिकारीदेवी से प्रस्तावित सड़क निर्माण के लिए समयबद्ध स्वीकृति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा (tourism in himachal) मिलेगा. उन्होंने दुर्लभ हिमालयी प्रजातियों (rare Himalayan species) के पशु-पक्षियों के संरक्षण के लिए ठोस योजना बनाए जाने पर भी बल दिया.

बैठक में मेसर्स प्रीमियर अल्कोबेव प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कांगड़ा जिले के औद्योगिक क्षेत्र संसारपुर टैरेस में ग्रेन बेस्ड डिस्टिलरी और सह-उत्पादन बिजली संयंत्र के विस्तार के मामले को राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड को अनुशंसा के लिए भेजने के फैसला लिया गया. प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन्य प्राणी एवं मुख्य वन्य प्राणी संरक्षक राजीव कुमार ने मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया.

उन्होंने बैठक का संचालन करते हुए पूर्व बैठक की कार्य सूची पर कार्रवाई की रिपोर्ट और वन्य प्राणी खण्ड की विभिन्न गतिविधियों पर प्रस्तुति भी दी. इस बैठक में बंजार के विधायक तथा राज्य वन्य प्राणी बोर्ड के सदस्य सुरेंद्र शौरी, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन निशा सिंह, प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन बल प्रमुख) अजय श्रीवास्तव तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.

ये भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश में बढ़ रहा गिद्धों का कुनबा, इसलिए कम हो रही थी संख्या

शिमला: हिमाचल प्रदेश में वन्य प्राणी अभ्यारण्य यानी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के भीतर आईटीबीपी के हेलीपैड निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. किन्नौर के रकछम-छितकुल वन्यप्राणी अभयारण्य के भीतर नगासति में भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल (Indo Tibetan Border Police Force in Nagasati) हेलीपैड की मांग कर रहा था. यह वन भूमि है और वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के तहत आती है.

मंगलवार को शिमला में वाइल्ड लाइफ सेंचुरी बोर्ड की बैठक में नगासति में हेलीपैड के निर्माण (Construction of helipad in Nagasati) के लिए 0.0375 हेक्टेयर वन भूमि के डाइवर्जन को स्वीकृति प्रदान की गई. साथ ही इसे राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड को अनुशंसित करने को स्वीकृति भी दी गई. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित बोर्ड की बैठक में कई विषयों पर चर्चा हुई.

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ ऐसी परियोजनाओं की भी योजना बनाई जानी चाहिए जिन्हें पर्यटन गतिविधियों से जोड़ा जा सके. उन्होंने कहा कि मेगा वाइल्ड लाइफ प्रोजेक्ट्स तैयार करने का भी प्रयास किया जाना चाहिए, जिन्हें केंद्रीय वित्त पोषण के लिए भेजा किया जा सके. जयराम ठाकुर ने कहा कि वन्य जीवों का संरक्षण महत्वपूर्ण है, लेकिन साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वन्यप्राणी क्षेत्रों से संबंधित विभिन्न मामलों के विकास कार्य बाधित न हों.

बैठक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अधिकारियों को थुनाग-पजूत-लंबासफर-चिलमगढ़-शिकारीदेवी से प्रस्तावित सड़क निर्माण के लिए समयबद्ध स्वीकृति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा (tourism in himachal) मिलेगा. उन्होंने दुर्लभ हिमालयी प्रजातियों (rare Himalayan species) के पशु-पक्षियों के संरक्षण के लिए ठोस योजना बनाए जाने पर भी बल दिया.

बैठक में मेसर्स प्रीमियर अल्कोबेव प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कांगड़ा जिले के औद्योगिक क्षेत्र संसारपुर टैरेस में ग्रेन बेस्ड डिस्टिलरी और सह-उत्पादन बिजली संयंत्र के विस्तार के मामले को राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड को अनुशंसा के लिए भेजने के फैसला लिया गया. प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन्य प्राणी एवं मुख्य वन्य प्राणी संरक्षक राजीव कुमार ने मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया.

उन्होंने बैठक का संचालन करते हुए पूर्व बैठक की कार्य सूची पर कार्रवाई की रिपोर्ट और वन्य प्राणी खण्ड की विभिन्न गतिविधियों पर प्रस्तुति भी दी. इस बैठक में बंजार के विधायक तथा राज्य वन्य प्राणी बोर्ड के सदस्य सुरेंद्र शौरी, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन निशा सिंह, प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन बल प्रमुख) अजय श्रीवास्तव तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.

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