शिमला/कुल्लू: अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति ने महंगाई के खिलाफ मंगलवार को धरना प्रदर्शन (Demonstration of democratic women association) किया. समिति की सदस्यों का कहना है कि केंद्र सरकार सिर्फ पूंजी पतियों को फायदा पहुंचा रही है. जबकि आम जनता को राहत देने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. जनवादी महिला समिति भी लगातार केंद्र व प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों के बारे में ग्रामीण जनता को जागरूक करने में जुटी हुई है.
राजधानी शिमला में डीसी के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन सौंपने के बाद समिति की राज्य सचिव फालमा चौहान (falma chauhan targeted bjp govt) ने कहा कि प्रदेश में अब भाजपा की सरकार सत्ता में आई थी तब सरकार ने प्रदेश की महिलाओं से महंगाई कम करने का वादा किया था, लेकिन सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया. आज महंगाई अपनी चरम सीमा पर पहुंच गई है. गैस सिलेंडर का दाम 1050 रुपये पहुंच गया है और उपभोक्ताओं के खातें में सब्सिडी के नाम पर महज 31 रुपये आ रहे हैं.
धरने को संबोधित करते हुए महिला समिति की सदस्य और मिड-डे मील की राज्य सचिव हिमी ने कहा कि आज जो महिलाएं आउटसोर्स पर काम कर रही हैं. उनका जीना भी बहुत मुश्किल हो गया. प्रदेश सरकार ने उनके लिए कोई नीति नहीं बनाई है.
वहीं, कुल्लू जिला मुख्यालय ढालपुर में भी जनवादी महिला समिति ने सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन (Protest against HP govt) किया. महिला समिति ने ढालपुर तक रोष रैली निकाली और डीसी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान केंद्र व प्रदेश सरकार के द्वारा खाद्य पदार्थों की कीमतों को बढ़ाने के बारे में विरोध व्यक्त किया गया और केंद्र सरकार की नवउदारवादी नीतियों की आलोचना की गई.
जनवादी महिला समिति की महासचिव ममता नेगी ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों का सीधा फायदा पूंजी पतियों को हो रहा है. जबकि आम आदमी की आय कोरोना संकट के बाद काफी कम हुई है और उस आय को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार कोई प्रयास नहीं कर रही है. प्रदेश में भी खाद्य वस्तुओं के दामों में कोई कमी नहीं आई है. वहीं, आम जनता को भी राहत देने की दिशा में प्रदेश सरकार ने कोई नीति तैयार नहीं की है.