किन्नौर: हिमाचल दिवस (himachal foundation day) के मौके पर 15 अप्रैल को किन्नौर के आईटीबापी मैदान में जिलास्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. कार्यक्रम के आयोजन को लेकर डीसी किन्नौर ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों (dc kinnaur meeting regarding himachal day ) के साथ बैठक की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि कार्यक्रम में पारंपरिक नृत्य व अन्य प्रस्तुतियां भी दी जाएंगी.
डीसी किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने हिमाचल दिवस की तैयारियों को लेकर जिले के सभी अधिकारियों को तैयार रहने के निर्देश दिए (Himachal Day on 15 April) हैं. डीसी ने कहा कि कोरोनाकाल के चलते पिछले दो वर्षों से जिले के अंदर कोई भी कार्यक्रम बड़े स्तर पर आयोजित नहीं हो पाए. अब प्रदेश के अंदर कोरोना की स्थिति सुधरी है और कोविड के नियमों में छूट भी दी गई है. ऐसे में इस वर्ष 15 अप्रैल को हिमाचल दिवस पर बड़े स्तर पर कार्यक्रम (function in kinnaur on 15 april) का आयोजन किया जाएगा. हिमाचल दिवस पर पारंपरिक नृत्य, हिमाचली नृत्य, देशभक्ति गीत, मशहूर कायंग नृत्य, बुद्धिस्ट छम नृत्य इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे.
डीसी ने कहा कि इसके अलावा उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को भी प्रशासन द्वारा सम्मानित किया जाएगा. कोविड (DC kinnaur on Himachal Day function) के कुछ ऐसे नियम जो सरकार ने अभी भी बरकरार रखे हैं, उन सभी नियमों की पालना सख्ती से किया जाएगा, ताकि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.
बता दें, आजादी के बाद 15 अप्रैल 1948 को छोटी-बड़ी रियासतों को मिलाकर हिमाचल का गठन हुआ. वो समय अभावों का था. यहां विकास के नाम पर कुछ भी गर्व करने लायक नहीं था. बाद में 25 जनवरी 1971 को हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला. उसके बाद से प्रदेश की तरक्की की रफ्तार बढ़ी. हिमाचल निर्माता और प्रदेश के पहले सीएम डॉ. वाईएस परमार ने हिमाचल के विकास की नींव रखी.
हिमाचल प्रदेश बेशक आबादी के लिहाज से छोटा राज्य है, लेकिन इसकी उपलब्धियां विशाल हैं. कोरोना के कारण सकल घरेलू उत्पाद, प्रति व्यक्ति आय, विकास दर और सैलानियों की आमद में गिरावट आई है. ये महामारी पूरी दुनिया को परेशान कर रही है, लिहाजा हिमाचल भी इसके असर से अछूता नहीं है. वैसे हिमाचल को मुख्य रूप से फल राज्य के तौर पर जाना जाता है.
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