शिमलाः देवभूमि कहे जाने वाले हिमाचल में महिलाएं आज भी सुरक्षित नहीं हैं. प्रदेश में साल दर साल महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले बढ़ते जा रहे हैं. महिलाएं के साथ अब बच्चियों से भी हैवानियत का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है.
प्रदेश में आए दिन बलात्कार के मामले सामने आ रहे हैं. 2018 में महिलाओं से अपराध के मामलों की संख्या 1617 तक पहुंची गई है. जिसमें रेप के मामले ही 345 से अधिक है, जबकि महिलाओं से छेड़छाड़ के 515 मामले दर्ज किए गए. इतना ही नहीं, महिलाओं के प्रति हिंसा के मामलों में कोई कमी नहीं है. साल 2018 में हिंसा के 191 मामले दर्ज किए गए.
2004 से लेकर 2006 तक प्रदेश में महिलाओं से पेश आए अपराधों के मामलों की संख्या सालाना एक हजार से कम थी, लेकिन उसके बाद से इन मामलों में लगातार बढ़ोतरी होती गई और 2007 से 2012 तक यह आंकड़ा सालाना 1100 के आसपास रहा, लेकिन 2013 में महिलाओं के साथ सबसे अधिक आपराधिक मामले प्रदेश के विभिन्न थानों में दर्ज किए गए.
2013 में प्रदेश में महिलाओं के साथ अपराध के कुल 1596 मामले पुलिस रिकॉर्ड में शामिल हुए और अब ये मामले लगातार हर साल बढ़ रहे हैं.अन्य राज्यों की तरह हिमाचल में भी महिलाएं अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं. प्रदेश में हर साल दुराचार के मामलों में इजाफा हो रहा है. 2008 में प्रदेश में 157 महिलाएं दुराचार का शिकार हुईं, तो 2009 में यह आंकड़ा बढ़कर 182 पर जा पहुंचा. 2010 में 160, 2011 में 168, 2012 में 183, 2013 में 250 और 2014 में 284 महिलाओं से दुराचार के मामले सामने आए.
2013 से यह आंकड़ा 200 से ऊपर रहा, तो 2018 में पहली बार रेप के तीन सौ अधिक मामलों ने प्रदेश को हिला कर रख दिया. 2018 में 345 मामले दर्ज किए गए यानि हर माह औसतन रेप के 29 मामले सामने आए. पुलिस का तर्क है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 354 में संशोधन से शिकायतों का दायरा बढ़ गया है और जो मामले पहले दबा दिए जाते थे और पुलिस तक नहीं पहुंच पाते थे, वहीं, अब महिलाएं जागरूक हो गई हैं. जिसके चलते अब मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं.
एसपी लॉ एंड ऑर्डर कुशाल शर्मा का कहना है कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर पुलिस सख्त कदम उठा रही है. कोई भी मामला सामने आता है तो तुरंत उस पर कार्यवाई की जाती है. उनका कहना है कि महिलाओं के प्रति अपराध का कारण लोगों की सोच है. महिलाओं के खिलाफ अपराधों को कम जागरूकता से किया जा सकता है. उनका कहना है कि पहले ज्यादातर मामले दबा दिए जाते थे, लेकिन अब महिलाएं जागरूक हो गई हैं और वो पुलिस के पास पहुंच रही हैं. जिसकी वजह से महिलाओं के प्रति अपराध के मामलों का ग्राफ बढ़ रहा है.
गुड़िया हेल्पलाइन पर मिली 3757 शिकायतें
शिमला के कोटखाई में गुड़िया के साथ हुए दुराचार के बाद बीजेपी सरकार ने महिलाओं की शिकायते दर्जकराने के लिए गुड़िया हेल्पलाइन शुरू की गई. 26 जनवरी 2018 से 31 दिसंबर तक 3757 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 3284 शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है. वहीं, महिलाओं की सुविधा के लिए 11 महिला पुलिस थाने पूर्ण रूप से कार्य कर रहे हैं.