शिमला: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पूरे देश में संयुक्त किसान मोर्चा द्बारा किया गया भारत बंद का मिलाजुला असर हिमाचल में भी दिखा. इस बंद को कई राजनीतिक दल भी अपना समर्थन दे रहे हैं. वहीं, किसान आंदोलन के समर्थन में राजधानी शिमला में भी माकपा समर्थित किसान सभा ने आंदोलन कर विक्ट्री टनल पर चक्का जाम किया.
किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए माकपा समर्थित छात्र संगठनों और किसान सभा ने एक रैली निकाली और विक्ट्री टनल पर चक्का जाम कर दिया. इस दौरान किसान सभा ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की और कृषि कानूनों का विरोध किया. इस दौरान दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई और लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
किसान सभा के अध्यक्ष कुलदीप तंवर ने कहा कि केंद्र के 3 कृषि कानून किसानों पर भारी पड़ रहे हैं और जब तक यह कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि, जब तक किसानों और बागवानों उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं दिया जाता तब तक पूरे देश में किसान इसी तरह अपने हक की लड़ाई लड़ता रहेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि, सरकार हर क्षेत्र का निजीकरण करने में लगी है. यहां तक स्वास्थ्य और शिक्षा का भी निजीकरण किया जा रहा है जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.
वहीं, इस दौरान पुलिस की लापरवाही भी सामने आयी. दरअसल, माकपा समर्थित किसान सभा ने आंदोलन की चेतावनी पहले ही दे दी थी. ऐसे में चक्का जाम से निपटने के लिए पुलिस को कोई व्यवस्था करनी चाहिए थी जो कि नहीं की गई, अगर समय रहते लॉन्ग रूट की गाड़ियां बाईपास से भेजीं जाती तो जाम की समस्या से निपटा जा सकता था.
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