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हिमाचल में डॉक्टर्स की पेन डाउन हड़ताल को माकपा का समर्थन - हिमाचल में डॉक्टर्स की हड़ताल

हिमाचल में डॉक्टर्स की हड़ताल का माकपा ने समर्थन किया है. राज्य सचिव संजय चौहान ने कहा कि डॉक्टर्स की जायज मांगों को मानकर सरकार हड़ताल खत्म कराए. उन्होंने कहा कि मानव विकास में स्वास्थ्य सेवाओं तथा इसमें डॉक्टरों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का महत्वपूर्ण योगदान है. कोरोना काल में डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

CPIM support to doctors pen down strike
माकपा राज्य सचिव संजय चौहान
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Published : Feb 10, 2022, 4:21 PM IST

शिमला: प्रदेश में चल रहे डॉक्टर्स की पेन डाउन हड़ताल (doctors pen down strike in Himachal) के समर्थन में माकपा भी कूद पड़ी है. गुरुवार को माकपा के राज्य सचिव मंडल सदस्य चौहान ने कहा कि भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) प्रदेश सरकार से मांग करती है कि प्रदेश में डॉक्टर्स की जायज मांगों को लेकर जारी हड़ताल को खत्म करने के लिए हस्तक्षेप करे. इनकी मांगों को मान कर इस हड़ताल को समाप्त करवाया जाए ताकि अस्पतालों में नियमित व सुचारू रूप से स्वास्थ्य व्यवस्था चल सके.

संजय चौहान ने कहा कि डॉक्टर काफी समय से सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रख रहे हैं, लेकिन सरकार इनकी मांगों पर गौर नहीं कर रही है और अब डॉक्टर्स को सरकार के इस अड़ियल रवय्ये के कारण मजबूरन हड़ताल पर जाना पड़ा है. इस हड़ताल के कारण आज प्रदेश भर में जनता को इलाज करवाने मे भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

चौहान ने कहा कि आज के दौर में मानव विकास में स्वास्थ्य सेवाओं तथा इसमें डॉक्टरों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का महत्वपूर्ण योगदान है. कोरोना काल में डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, लेकिन सरकार इनकी सेवाओं व योगदान को बिल्कुल भी ध्यान में नहीं रख रही है. सरकार का इनके प्रति इस उदासीन रवय्ये के कारण आज डॉक्टरों में निराशा है. इस हड़ताल से जनता की परेशानी और अधिक बढ़ी है.

डॉक्टरों की मांगें- छठे वेतन आयोग में वेतन विसंगतियों को दूर कर वेतन को पंजाब के आधार पर तय करना, नॉन प्रैक्टिस भत्ता (NPA) जो 25 फीसदी से घटा कर 20 फीसदी कर दिया है. उस कटौती को समाप्त किया जाए. पंजाब के वेतनमान के आधार से 2.37 लाख पर ही तय किया जाए, प्रोमोशन में 4-9-14 को लागू किया जाए, PG व अन्य डॉक्टरों को विशेषज्ञ भत्ता दिया जाए तथा इसके साथ कॉन्ट्रेक्ट आधार पर भर्ती डॉक्टरों के 40 फीसदी कटौती को समाप्त कर पूर्ण 57100 के वेतनमान के आधार पर वेतन प्रदान किया जाए.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में चिकित्सकों की पेन डाउन स्ट्राइक, 2 घंटे मरीज हुए परेशान

शिमला: प्रदेश में चल रहे डॉक्टर्स की पेन डाउन हड़ताल (doctors pen down strike in Himachal) के समर्थन में माकपा भी कूद पड़ी है. गुरुवार को माकपा के राज्य सचिव मंडल सदस्य चौहान ने कहा कि भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) प्रदेश सरकार से मांग करती है कि प्रदेश में डॉक्टर्स की जायज मांगों को लेकर जारी हड़ताल को खत्म करने के लिए हस्तक्षेप करे. इनकी मांगों को मान कर इस हड़ताल को समाप्त करवाया जाए ताकि अस्पतालों में नियमित व सुचारू रूप से स्वास्थ्य व्यवस्था चल सके.

संजय चौहान ने कहा कि डॉक्टर काफी समय से सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रख रहे हैं, लेकिन सरकार इनकी मांगों पर गौर नहीं कर रही है और अब डॉक्टर्स को सरकार के इस अड़ियल रवय्ये के कारण मजबूरन हड़ताल पर जाना पड़ा है. इस हड़ताल के कारण आज प्रदेश भर में जनता को इलाज करवाने मे भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

चौहान ने कहा कि आज के दौर में मानव विकास में स्वास्थ्य सेवाओं तथा इसमें डॉक्टरों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का महत्वपूर्ण योगदान है. कोरोना काल में डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, लेकिन सरकार इनकी सेवाओं व योगदान को बिल्कुल भी ध्यान में नहीं रख रही है. सरकार का इनके प्रति इस उदासीन रवय्ये के कारण आज डॉक्टरों में निराशा है. इस हड़ताल से जनता की परेशानी और अधिक बढ़ी है.

डॉक्टरों की मांगें- छठे वेतन आयोग में वेतन विसंगतियों को दूर कर वेतन को पंजाब के आधार पर तय करना, नॉन प्रैक्टिस भत्ता (NPA) जो 25 फीसदी से घटा कर 20 फीसदी कर दिया है. उस कटौती को समाप्त किया जाए. पंजाब के वेतनमान के आधार से 2.37 लाख पर ही तय किया जाए, प्रोमोशन में 4-9-14 को लागू किया जाए, PG व अन्य डॉक्टरों को विशेषज्ञ भत्ता दिया जाए तथा इसके साथ कॉन्ट्रेक्ट आधार पर भर्ती डॉक्टरों के 40 फीसदी कटौती को समाप्त कर पूर्ण 57100 के वेतनमान के आधार पर वेतन प्रदान किया जाए.

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