शिमला: सदन में आशा वर्कर पर पूछे गए सवाल का स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि आशा वर्कर ने महत्वपूर्ण कार्य कोरोना संक्रमण के दौरान किया है. आशा वर्करों को 2 हजार रुपये केंद्र और 2 हजार रुपये प्रदेश सरकार दे रही है. दो-तीन दिनों में प्रदेश सरकार द्वारा इनको घोषित बढ़ा हुआ मेहनताना मिल जाएगा. 1500 रुपये जो प्रदेश सरकार द्वारा घोषित किया है वह दे दिया गया है.
अरुण कुमार ने पूछा कि क्या प्रदेश और केंद्र सरकार को इनका मानदेय बढ़ाने का प्रस्ताव भेजेगी. इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हम केंद्र से निवेदन करेंगे कि इनका मेहनताना बढ़ाया जाए.
प्रश्नकाल के दौरान माकपा विधायक राकेश सिंघा ने विषय उठाया कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान आशा कार्यकर्ताओं की ओर से दो महीने में किए गए बेहतरीन कामों की एवज में जयराम सरकार की ओर से उन्हें घोषित की गई पंद्रह-पंद्रह सौ रुपये की प्रोत्साहन राशि और बजट सत्र में बढ़ाए गए मानदेय की रकम को अभी तक क्यों नहीं दिया गया. हालांकि स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने सदन में कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को अदा की जाने वाली करीब 24 करोड़ रुपये की राशि मंजूर हो गई है. इसमें 14 करोड़ रुपये की रकम जारी कर दी गई है. इस रकम को जल्द की आशा कार्यकर्ताओं को अदा कर दिया जाएगा.
उन्होंने सदन में कहा कि कोरोना के दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने सराहनीय काम किया है. उन्हें अपमान भी झेलना पड़ा और उन पर कई जगहों पर पत्थर भी बरसाए गए. विधायक राकेश सिंघा ने प्रश्नकाल के दौरान सदन में यह मसला उठाया व कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को कितने घंटे काम करना होता है और ड्यूटी के दौरान कितनी दूरी तय करती हैं. सैजल ने कहा कि कितनी दूरी तय करती हैं, यह तो मालूम नहीं वह पता करने का प्रयास करेंगे.
प्रश्नकाल के दौरान विधायक राकेश सिंघा ने पिछले तीन सालों में बागावानों के साथ हुई धोखाधड़ी व अब तक आढ़तियों से बागवानों की वसूली गई रकम को लेकर प्रश्न पूछा. मुख्यमंत्री की जगह पर अधिकृत बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि इन बागवानों की शिकायतों की जांच करने के लिए गठित विशेष जांच दल के पास अभी 28 एफआईआर और 311 शिकायतें लंबित हैं. महेंद्र सिंह ने कहा कि जो 28 एफआईआर लंबित हैं, उनके तहत बागवानों का 11 करोड़ 97 लाख 33 हजार 143 रुपए आढ़तियों के पास फंसा हुआ है. इनमें से एसआईटी के दखल के बाद पांच करोड़ 63 लाख 77 हजार रुपए बागवानों को अदा कर दिए गए हैं, जबकि 6 करोड़ 33 लाख 55 हजार रुपये की अदायगी अभी भी आढ़तियों ने नहीं की है.
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