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संजय चौहान का सरकार पर जुबानी हमला, कहा: संकट काल में लोगों पर बढ़ाया गया आर्थिक बोझ - शिमला न्यूज

माकपा के राज्य सचिव मंडल सदस्य संजय चौहान ने कहा कि सरकार की अनदेखी के कारण ही आज बाजार में भी खाद्य वस्तुओं जिनमें आलू, प्याज, तेल, दाल आदि की कीमतें आसमान छू रही है लेकिन सरकार इस पर रोक लगाने के लिए कोई भी उचित कदम नहीं उठा रही है.

Sanjay Chauhan attacks govt
माकपा नेता संजय चौहान
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Published : Nov 1, 2020, 4:35 PM IST

शिमला: माकपा के राज्य सचिव मंडल सदस्य संजय चौहान ने देश और प्रदेश में बढ़ती महंगाई पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले सात महीने से कोरोना काल में जनता को कोई भी राहत प्रदान नहीं की है बल्कि इसके उलट इस दौरान पेट्रोल, डीजल, राशन, बिजली, पानी, स्कूल व परीक्षा फीस, प्रॉपर्टी टैक्स आदि की दरों में वृद्धि कर जनता पर इस संकट काल में और अधिक आर्थिक बोझ डाला है.

माकपा नेता संजय चौहान ने कहा कि सरकार की अनदेखी के कारण ही आज बाजार में भी खाद्य वस्तुओं जिनमें आलू, प्याज, तेल, दाल आदि की कीमतें आसमान छू रही है लेकिन सरकार इस पर रोक लगाने के लिए कोई भी उचित कदम नहीं उठा रही है. माकपा ने सरकार से मांग की है कि बिजली, पानी, राशन, स्कूल व परीक्षा फीस, प्रॉपर्टी टैक्स और अन्य करों मे की गई वृद्धि को वापिस ले.

संजय चौहान ने कहा कि राहत के तौर पर आयकर के दायरे से बाहर सभी को 7500 रुपये प्रति महीने और 10 किलोग्राम राशन प्रति व्यक्ति मुफ्त उपलब्ध करवाए. यदि सरकार इन मांगों पर अमल नहीं करती तो पार्टी सरकार की इन जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन चलाएगी. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण जनता का अधिकांश हिस्सा जिसमें मजदूर, किसान, छोटा दुकानदार व अन्य कारोबारी सबका रोजगार व कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.

माकपा का मानना है कि केंद्र व राज्य सरकार की लागू की जा रही नवउदारवादी नीतियों के कारण केवल पूंजीपतियों और कॉरपोरेट घरानों को ही लाभ हो रहा है जबकि देश की मेहनतकश जनता जिसमें मजदूर, किसान, छोटा दुकानदार और कारोबारी सब आज इनसे प्रभावित हुए हैं और लोगों पर रोजगार का संकट खड़ा हो गया है.

ये भी पढ़ें: मुख्यमंत्री के हरोली दौरे को लेकर तैयारियां शुरू, डीसी ऊना ने लिया जायजा

शिमला: माकपा के राज्य सचिव मंडल सदस्य संजय चौहान ने देश और प्रदेश में बढ़ती महंगाई पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले सात महीने से कोरोना काल में जनता को कोई भी राहत प्रदान नहीं की है बल्कि इसके उलट इस दौरान पेट्रोल, डीजल, राशन, बिजली, पानी, स्कूल व परीक्षा फीस, प्रॉपर्टी टैक्स आदि की दरों में वृद्धि कर जनता पर इस संकट काल में और अधिक आर्थिक बोझ डाला है.

माकपा नेता संजय चौहान ने कहा कि सरकार की अनदेखी के कारण ही आज बाजार में भी खाद्य वस्तुओं जिनमें आलू, प्याज, तेल, दाल आदि की कीमतें आसमान छू रही है लेकिन सरकार इस पर रोक लगाने के लिए कोई भी उचित कदम नहीं उठा रही है. माकपा ने सरकार से मांग की है कि बिजली, पानी, राशन, स्कूल व परीक्षा फीस, प्रॉपर्टी टैक्स और अन्य करों मे की गई वृद्धि को वापिस ले.

संजय चौहान ने कहा कि राहत के तौर पर आयकर के दायरे से बाहर सभी को 7500 रुपये प्रति महीने और 10 किलोग्राम राशन प्रति व्यक्ति मुफ्त उपलब्ध करवाए. यदि सरकार इन मांगों पर अमल नहीं करती तो पार्टी सरकार की इन जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन चलाएगी. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण जनता का अधिकांश हिस्सा जिसमें मजदूर, किसान, छोटा दुकानदार व अन्य कारोबारी सबका रोजगार व कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.

माकपा का मानना है कि केंद्र व राज्य सरकार की लागू की जा रही नवउदारवादी नीतियों के कारण केवल पूंजीपतियों और कॉरपोरेट घरानों को ही लाभ हो रहा है जबकि देश की मेहनतकश जनता जिसमें मजदूर, किसान, छोटा दुकानदार और कारोबारी सब आज इनसे प्रभावित हुए हैं और लोगों पर रोजगार का संकट खड़ा हो गया है.

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