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वैक्सीनेशन में रिकॉर्ड के बावजूद हिमाचल को डरा रहा कोरोना, एक्टिव केस में उतार चढ़ाव से बढ़ी चिंता - हिमाचल में कोरोना के मामले

कोरोना वैक्सीन अभियान की सफलता पर प्रधानमंत्री मोदी ने तारीफ कर स्वास्थ्य कर्मियों से संवाद किया,लेकिन कुछ समय से प्रदेश में रिकॉर्ड वैक्सीनेशन के बावजूद एक्टिव केस में उतार चढ़ाव ने चिंता बढ़ा दी है. वहीं, शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में 27 सितंबर से कक्षा 9वीं से 12वीं तक स्कूल खोलने का फैसला भी लिया गया. स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी का दावा है कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को लेकर तैयारियां की गई है.

covid cases and deaths increase in Himachal
वैक्सीनेशन में रिकॉर्ड.
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Published : Sep 24, 2021, 8:03 PM IST

Updated : Sep 24, 2021, 9:23 PM IST

शिमला: कोरोना वैक्सीन अभियान (corona vaccine campaign ) में हिमाचल प्रदेश ने बेहतरीन काम कर देशभर में वाहवाही लूटी और प्रदेश की जनता का तेजी से वैक्सीनेशन किया. प्रदेश सरकार द्वारा तय लक्ष्य के अनुसार नवंबर महीने तक हिमाचल वैक्सीनेशन अभियान की दूसरी डोज में भी शत प्रतिशत सफलता हासिल कर लेगा, लेकिन इसके बावजूद प्रदेश में कोरोना के एक्टिव मामलों में तेजी से हो रही फ्लक्चुएशन (Fluctuation) ने सरकार को चिंता में डाल दिया है.

हिमाचल सरकार ने हालांकि, 27 सितंबर से छात्रों के लिए स्कूल खोलने का फैसला ले लिया और एक सप्ताह तक स्थिति का अध्ययन किया जाएगा. उसके बाद छोटी कक्षाओं के स्कूल खोलने पर निर्णय लिया जाएगा, लेकिन 23 सितंबर को प्रदेश में कोरोना की स्थिति पर नजर डालें तो एक्टिव मामलों की संख्या 1778 तक पहुंच गई. इसके अलावा 11 दिन के बच्चे की कोरोना संक्रमण से मौत और आवासीय विद्यालय में एक साथ 40 छात्रों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव (corona report positive ) आना जरूर चिंताजनक है. इस स्कूल में तीन दिन में 79 बच्चे पॉजिटिव आ चुके हैं.

कोरोना रोकथाम के लिए सरकार ने तेजी से वैक्सीनेशन किया, बावजूद इसके 19 सितंबर से अब तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह सरकार के लिए चिंताजनक बने हुए हैं. प्रदेश में 19 सितंबर को एक्टिव मामलों की संख्या 1562 थी, 20 सितंबर को यह बढ़कर 1616 हो गई, 22 सितंबर को एक्टिव केस बढ़कर 1823 तक पहुंच गए. कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी हो रही वृद्धि सरकार के लिए चिंताजनक है. अब प्रशासन इस बात का पता लगाने में जुटा है कि एक्टिव मामलों की संख्या में यह फ्लक्चुएशन किन कारणों से हो रही है. ऐसे कौन से क्षेत्र हैं जहां पर कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है.



प्रदेश में अब तक कोरोना संक्रमण से 3,646 लोगों की मौत हो चुकी है. हिमाचल में अब तक 2 लाख 17 हजार 776 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 2 लाख 12 हजार 336 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं. हिमाचल में एक्टिव केस (active case) 1,778 हो गए हैं. स्वास्थ्य विभाग (health Department) की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन (health bulletin) के मुताबिक हिमाचल में अब तक कुल 34,09,020 लोगों के कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं. इनमें 31,91,1188 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है. प्रदेश में पिछले कई दिनों से एक्टिव मामलों की संख्या 1500 से नीचे नहीं आ पा रही है. ऐसे में तीसरी लहर की आशंका लगातार बनी हुई है. इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) से प्राप्त एडवाइजरी के बाद भी प्रदेश सरकार कोरोना के खिलाफ जंग में तैयारियों का रिव्यू कर रही है.

स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी (Health Secretary Amitabh Awasthi) के अनुसार हालांकि, हिमाचल में लंबे समय से कोरोना संक्रमण के मामलों अब अधिक वृद्धि नहीं हो रही और कई दिनों से एक्टिव केस 1500 के आसपास ही हैं, लेकिन चिंताजनक बात यह है प्रदेश में हर प्रकार का वेरिएंट मौजूद है. वर्तमान में सबसे अधिक मामले डेल्टा वेरिएंट (Delta Variants) के सामने आ रहे हैं, लेकिन प्रदेश में कोरोना संक्रमण का बी.वन-3 के मामले भी सामने आ रहे हैं. इससे पहले प्रदेश में साउथ अफ्रीकन (South African) और डेल्टा प्लस वेरिएंट का मामला भी सामने आ चुका है. उन्होंने प्रदेशवासियों से अभी भी सावधानी अपनाने की सलाह दी है, ताकि कोरोना संक्रमण से बचा जा सके.

प्रस्तावित सभी पीएसए संयंत्रों के शुरू होने के बाद प्रदेश में 100 मीट्रिक टन से अधिक मेडिकल ऑक्सीजन (medical oxygens) उपलब्ध हो जाएगी, जबकि अनुमान के अनुसार कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने के लिए अधिकतम 65 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का लक्ष्य रखा गया था. स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमिताभ अवस्थी ने कहा कि कुछ पीएसए संयंत्रों ने पहले से ही काम कर रहे हैं. इसके अलावा 11 अन्य पीएसएस संयंत्रों को तैयार कर दिया गया है, जिनमें से 6 का शुभारंभ इसी महीने किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जहां भी ऑक्सीजन प्लांट (oxygen plant) स्थापित गए हैं. वहां पाइप लाइन के माध्यम से ऑक्सीजन बेड तक पहुंचाने की पूरी सुविधा भी स्थापित की जा चुकी है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर (oxygen cylinder) भी उपलब्ध हैं. इससे मरीजों को ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी.

अमिताभ अवस्थी ने कहा कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रदेश के अस्पतालों में 11 हजार से अधिक बिस्तरों की व्यवस्था कर दी गई है. इन सभी बिस्तरों तक मेडिकल ऑक्सीजन सप्लाई भी सुनिश्चित की गई है. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में 880 आईसीयू बेड (ICU beds) उपलब्ध हैं इसके जरूरत पड़ने पर इनकी संख्या और बढ़ाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने तीसरी लहर के लिए तैयारी कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर अध्ययन के आधार पर की है.

प्रदेश में सभी व्यस्क लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव का पहला टीका लग गया है. उम्मीद है कि जल्द ही दूसरा टीका भी लग जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि ऐसे में तीसरी लहर से कोरोना संक्रमण के मरीज काफी कम संख्या में अस्पताल में दाखिल होंगे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का बच्चों पर अधिक प्रभाव पड़ सकता है. इसको देखते हुए विभाग ने 1400 स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष ट्रेनिंग दी है.

ये भी पढ़ें : हिमाचल में हर साल बिकती है 1500 करोड़ की दारू, पांच साल पहले सरकार ने खुद संभाल लिया था शराब का थोक कारोबार

शिमला: कोरोना वैक्सीन अभियान (corona vaccine campaign ) में हिमाचल प्रदेश ने बेहतरीन काम कर देशभर में वाहवाही लूटी और प्रदेश की जनता का तेजी से वैक्सीनेशन किया. प्रदेश सरकार द्वारा तय लक्ष्य के अनुसार नवंबर महीने तक हिमाचल वैक्सीनेशन अभियान की दूसरी डोज में भी शत प्रतिशत सफलता हासिल कर लेगा, लेकिन इसके बावजूद प्रदेश में कोरोना के एक्टिव मामलों में तेजी से हो रही फ्लक्चुएशन (Fluctuation) ने सरकार को चिंता में डाल दिया है.

हिमाचल सरकार ने हालांकि, 27 सितंबर से छात्रों के लिए स्कूल खोलने का फैसला ले लिया और एक सप्ताह तक स्थिति का अध्ययन किया जाएगा. उसके बाद छोटी कक्षाओं के स्कूल खोलने पर निर्णय लिया जाएगा, लेकिन 23 सितंबर को प्रदेश में कोरोना की स्थिति पर नजर डालें तो एक्टिव मामलों की संख्या 1778 तक पहुंच गई. इसके अलावा 11 दिन के बच्चे की कोरोना संक्रमण से मौत और आवासीय विद्यालय में एक साथ 40 छात्रों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव (corona report positive ) आना जरूर चिंताजनक है. इस स्कूल में तीन दिन में 79 बच्चे पॉजिटिव आ चुके हैं.

कोरोना रोकथाम के लिए सरकार ने तेजी से वैक्सीनेशन किया, बावजूद इसके 19 सितंबर से अब तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह सरकार के लिए चिंताजनक बने हुए हैं. प्रदेश में 19 सितंबर को एक्टिव मामलों की संख्या 1562 थी, 20 सितंबर को यह बढ़कर 1616 हो गई, 22 सितंबर को एक्टिव केस बढ़कर 1823 तक पहुंच गए. कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी हो रही वृद्धि सरकार के लिए चिंताजनक है. अब प्रशासन इस बात का पता लगाने में जुटा है कि एक्टिव मामलों की संख्या में यह फ्लक्चुएशन किन कारणों से हो रही है. ऐसे कौन से क्षेत्र हैं जहां पर कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है.



प्रदेश में अब तक कोरोना संक्रमण से 3,646 लोगों की मौत हो चुकी है. हिमाचल में अब तक 2 लाख 17 हजार 776 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 2 लाख 12 हजार 336 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं. हिमाचल में एक्टिव केस (active case) 1,778 हो गए हैं. स्वास्थ्य विभाग (health Department) की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन (health bulletin) के मुताबिक हिमाचल में अब तक कुल 34,09,020 लोगों के कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं. इनमें 31,91,1188 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है. प्रदेश में पिछले कई दिनों से एक्टिव मामलों की संख्या 1500 से नीचे नहीं आ पा रही है. ऐसे में तीसरी लहर की आशंका लगातार बनी हुई है. इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) से प्राप्त एडवाइजरी के बाद भी प्रदेश सरकार कोरोना के खिलाफ जंग में तैयारियों का रिव्यू कर रही है.

स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी (Health Secretary Amitabh Awasthi) के अनुसार हालांकि, हिमाचल में लंबे समय से कोरोना संक्रमण के मामलों अब अधिक वृद्धि नहीं हो रही और कई दिनों से एक्टिव केस 1500 के आसपास ही हैं, लेकिन चिंताजनक बात यह है प्रदेश में हर प्रकार का वेरिएंट मौजूद है. वर्तमान में सबसे अधिक मामले डेल्टा वेरिएंट (Delta Variants) के सामने आ रहे हैं, लेकिन प्रदेश में कोरोना संक्रमण का बी.वन-3 के मामले भी सामने आ रहे हैं. इससे पहले प्रदेश में साउथ अफ्रीकन (South African) और डेल्टा प्लस वेरिएंट का मामला भी सामने आ चुका है. उन्होंने प्रदेशवासियों से अभी भी सावधानी अपनाने की सलाह दी है, ताकि कोरोना संक्रमण से बचा जा सके.

प्रस्तावित सभी पीएसए संयंत्रों के शुरू होने के बाद प्रदेश में 100 मीट्रिक टन से अधिक मेडिकल ऑक्सीजन (medical oxygens) उपलब्ध हो जाएगी, जबकि अनुमान के अनुसार कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने के लिए अधिकतम 65 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का लक्ष्य रखा गया था. स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमिताभ अवस्थी ने कहा कि कुछ पीएसए संयंत्रों ने पहले से ही काम कर रहे हैं. इसके अलावा 11 अन्य पीएसएस संयंत्रों को तैयार कर दिया गया है, जिनमें से 6 का शुभारंभ इसी महीने किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जहां भी ऑक्सीजन प्लांट (oxygen plant) स्थापित गए हैं. वहां पाइप लाइन के माध्यम से ऑक्सीजन बेड तक पहुंचाने की पूरी सुविधा भी स्थापित की जा चुकी है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर (oxygen cylinder) भी उपलब्ध हैं. इससे मरीजों को ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी.

अमिताभ अवस्थी ने कहा कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रदेश के अस्पतालों में 11 हजार से अधिक बिस्तरों की व्यवस्था कर दी गई है. इन सभी बिस्तरों तक मेडिकल ऑक्सीजन सप्लाई भी सुनिश्चित की गई है. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में 880 आईसीयू बेड (ICU beds) उपलब्ध हैं इसके जरूरत पड़ने पर इनकी संख्या और बढ़ाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने तीसरी लहर के लिए तैयारी कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर अध्ययन के आधार पर की है.

प्रदेश में सभी व्यस्क लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव का पहला टीका लग गया है. उम्मीद है कि जल्द ही दूसरा टीका भी लग जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि ऐसे में तीसरी लहर से कोरोना संक्रमण के मरीज काफी कम संख्या में अस्पताल में दाखिल होंगे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का बच्चों पर अधिक प्रभाव पड़ सकता है. इसको देखते हुए विभाग ने 1400 स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष ट्रेनिंग दी है.

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Last Updated : Sep 24, 2021, 9:23 PM IST
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