शिमलाः कोविड-19 के संक्रमण के बाद स्वास्थ्य जगत के क्षेत्र में हल्दी दूध यानी गोल्डन मिल्क की खूब चर्चा है. किसी भी संक्रमण के खिलाफ हल्दी वाले दूध को कारगर पाया गया है. हल्दी दूध के गुणों को देखते हुए बुधवार को जन्माष्टमी वाले दिन हिमाचल सरकार ने यह हिम हल्दी दूध लॉन्च किया है.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मिल्कफेड के ‘हिम हल्दी दूध’ का शुभारम्भ किया. उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस से राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम के तहत मंडी, शिमला और कुल्लू जिले के दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहन राशि वितरित की और उनसे बातचीत भी की.
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हिम हल्दी दूध पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विकसित किया गया है, जिसका पेटेंट करवाया गया है. उन्होंने कहा कि यह पेय डिटॉक्स ड्रिंक है. इसमें एंटी हैंगओवर, एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी इन्फ्लेमेटरी और रोग प्रतिरोधक क्षमता शामिल है.
उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह पेय आम जनता के बीच लोकप्रिय होगा. जयराम ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम के तहत मिल्कफेड ने बुधवार 835 दूध उत्पादकों के बैंक खातों में कुल 16.70 लाख रुपये हस्तांतरित किए.
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि दुग्ध उत्पादकों को सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार ने दूध के खरीद मूल्य में दो बार बढ़ोतरी की है. वर्तमान में दुग्ध उत्पादकों से 27.80 रुपये प्रति लीटर की दर पर दूध क्रय किया जा रहा है.
ग्रामीण विकास, कृषि व पशुपालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि राज्य में दुग्ध सहकारी सभाओं को पांच प्रतिशत कमीशन दी जा रही है. वर्तमान में प्रतिदिन मिल्कफेड द्वारा 1.24 लाख लीटर दूध एकत्रित किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें- CM जयराम से समय न मिलने पर IGMC के नए भवन का नहीं हो पा रहा उद्घाटन
ये भी पढ़ें- हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज व AIIMS का निर्माण कार्य बंद, रेलवेलाइन-फोरलेन भी नहीं पकड़ पाए रफ्तार