शिमला: पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या (sidhu moose wala murder case ) पर अब सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस और बीजेपी ने पंजाब सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी सिद्धू मूसेवाला की हत्या पर पंजाब सरकार को कठघरे में (CM Jairam thakur attacks on punjab government ) खड़ा किया है. सीएम ने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और हम इसकी निंदा करते हैं. इसके साथ ही सीएम जयराम के घटना में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. सीएम जयराम ने पंजाब सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि खबर में बने रहने के लिए कुछ नेताओं को एक अलग तरह का ही शौक चढ़ा है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.
सीएम जयराम ने कहा कि घटना से एक दिन पहले ही मुसेवाला की सुरक्षा (CM Jairam on sidhu moose wala murder case) वापस ली गई थी, जो पूरी तरह राजनीतिक निर्णय था. उन्होंने कहा कि सुरक्षा किसे कितनी मिलनी चाहिए, इसका एक पैरामीटर तय किया गया है. एक कमेटी तय करती है कि किस व्यक्ति को किस तरह की सुरक्षा देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इसे पॉलिटिकल डिजाइन के रूप में नहीं लेना चाहिए, लेकिन देश भर में खबर में बने रहने के लिए इस तरह का निर्णय लेना ठीक नहीं है.
सीएम ने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार (Aam Aadmi Party Government in Himachal) बनने के 2 महीने के बाद लोगों के हाथों में एके 47 कैसे आई, यह सोच का विषय है. उन्होंने कहा कि पंजाब में इस तरह का घटनाक्रम बहुत तेजी से घटित हो रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार बनने के बाद वहां बातें ऊंची-ऊंची की जा रही है, लेकिन व्यावहारिक रूप से चीजों को समझने की जरूरत है.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पंजाब के लोग हिमाचल आकर खालिस्तान के झंडे लगाकर चले गए, लेकिन यहां कि अधिकारी 5 दिन के भीतर आरोपियों को वहां से उठाकर ले आए. लेकिन पंजाब में अनेक जगह खालिस्तान के झंडे लगे और नारे लगाए गए. बावजूद इसके वहां कार्रवाई क्यों नहीं हुई. आखिर इसका अभिप्राय क्या है. यह भी सोचने की जरूरत है.
सीएम जयराम ने आम आदमी पार्टी की सरकार से सवाल किया है कि आखिर वह खालिस्तान के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे? इसके साथ ही सीएम ने पंजाब में सुरक्षा व्यवस्था (security arrangements in punjab) को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया. साथ ही उन्होंने 5 जनवरी को पंजाब में प्रधानमंत्री के काफिले के रोके जाने की घटना की भी निंदा की और कहा कि पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा को भी हल्के में लिया जाता है.
इसके अलावा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पंजाब में भ्रष्टाचार के मामले (corruption cases in punjab) में एक मंत्री को बर्खास्त करना पड़ा.सीएम जयराम ने कहा कि अगर 2 महीने की सरकार में मंत्री भ्रष्टाचार में संलिप्त पाया जाता है तो क्या पार्टी के आलाकमान को इसकी जानकारी नहीं थी क्या. ऐसे में पिछले कुछ समय से पंजाब में जो घटनाएं घट रही हैं, वह देश हित में नहीं हैं और पंजाब के हित में बिल्कुल भी नहीं है.
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