ETV Bharat / city

राजनीतिक दृष्टि से एक खिलौना न बनें कर्मचारी, प्रतिनिधिमंडल से वार्ता को हमेशा तैयार: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर

वीरवार को हिमाचल सरकार के सैकड़ों कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना बहाल (old pension scheme in Himachal) करने की मांग करते हुए विधानसभा के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी विधानसभा का घेराव न कर सकें, इसलिए सरकार ने गुरुवार को छुट्टी का ऐलान किया था. इसके बावजूद कर्मचारियों का हुजूम विधानसभा के बाहर इकट्ठा हो गया. इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कड़ा ऐतराज जताया है. उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को अगर बात रखनी थी कि तो उनके प्रतिनिधि आते और बात करते. सभी लोगों को अपनी मांग रखने का हक है.

CM JAIRAM ON GOVT EMPLOYEES PROTEST
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर.
author img

By

Published : Mar 3, 2022, 7:57 PM IST

Updated : Mar 3, 2022, 10:01 PM IST

शिमला: राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना की बहाली के ऐलान के बाद हिमाचल प्रदेश में भी इसकी मांग तेज हो गई है. हिमाचल सरकार के सैकड़ों कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग करते हुए विधानसभा के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया. कर्मचारी रैली की शक्ल में चौड़ा मैदान में प्रदर्शन के लिए जा रहे थे, लेकिन उन्हें पुलिस प्रशासन ने नेशनल हाईवे 5 पर सुरंग नंबर 103 के पास रोक दिया. जिससे नाराज कर्मचारियों ने वहीं रोड पर बैठक सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नजर आए.

हालांकि इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हलकी झड़प भी हुई. इस दौरान पुलिस ने हल्का बल और वॉटर केनन का भी इस्तेमाल किया. इसके बाद धीरे-धीरे कर्मचारी विधानसभा पहुंचने लगे और वहां, ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने को लेकर नारेबाजी करने लगे. बता दें कि प्रदर्शनकारी विधानसभा का घेराव न कर सकें, इसलिए सरकार ने गुरुवार को छुट्टी का ऐलान किया था. इसके बावजूद कर्मचारियों का हुजूम विधानसभा (old pension scheme in Himachal) के बाहर इकट्ठा हो गया. इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कड़ा ऐतराज जताया है. उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को अगर बात रखनी थी कि तो उनके प्रतिनिधि आते और बात करते. सभी लोगों को अपनी मांग रखने का हक है.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकारी कर्मचारी राजनीतिक दृष्टि से खिलौना बन रहे हैं. मैं अपील करता हूं कि उनके जो प्रतिनिधि हैं वो आकर हमसे बात करें. शांतिप्रिय ढंग से अपनी बात रखें. उनकी वजह से किसी को परेशानी न हो और कानून व्यव्स्था बनी रहे. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हम हमेशा कर्मचारियों के हक में रहे हैं और हमने कर्मचारियों के हर मुद्दे को एक-एक करके सुलझाया है. कोविड की स्थिति होने के बावजूद भी हमने न पेंशन में देरी की न ही किसी प्रकार का कोई बकाया रखा.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार की तरफ से कहा गया (RESTORATION OF OLD PENSION) था कि कर्मचारियों के प्रतिनिधि आएं और बात रखें, लेकिन उन्होंने 103 टनल के पास सैकड़ों की संख्या में पहुंच कर ट्रैफिक जाम कर दिया. जिसकी वजह से आम लोगों को भी भारी परेशानी हुई. इसके बाद पुलिस के साथ भी झड़प करने की कोशिश की. मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सरकार के कर्मचारी हैं और अपनी बात शालीनता से रख सकते हैं, क्योंकि जिस भाषा में कुछ लोग बात रखने की कोशिश कर रहे हैं वो सही नहीं है. ये कर्मचारियों के लिए उचित नहीं है. इस तरह आंदोलन करके किसी भी समस्या का हल नहीं होगा.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर.

बता दें कि एनपीएसकेएम पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग कर रहा है. अपनी मांगों को लेकर उन्होंने 23 फरवरी को मंडी से पैदल मार्च शुरू किया था. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने 3 मार्च को राज्य विधानसभा के घेराव का ऐलान किया था. कर्मचारियों की इस मांग को कांग्रेस का भी समर्थन मिल रहा है. राज्य विधानसभा में विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं ने आज पुरानी पेंशन योजना का मुद्दा उठाने की कोशिश की. ऐसा नहीं होने पर उन्होंने सदन से वॉकआउट कर लिया. बता दें कि कर्मचारियों की मांग को देखते हुए जयराम सरकार ने पुरानी पेंशन योजना के मुद्दे पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया है. सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति बनाई है.

नई पेंशन स्कीम और पुरानी पेंशन स्कीम में फर्क

पुरानी पेंशन स्कीम (OPS)

नई पेंशन स्कीम (NPS)

जीपीएफ की सुविधाजीपीएफ की सुविधा नहीं है.
पेंशन के लिए वेतन से कटौती नहीं.वेतन से प्रतिमाह 10 फीसद कटौती.
रिटायरमेंट पर निश्चित पेंशन यानी अंतिम वेतन का 50 फीसद गारंटी.निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं. यह पूरी तरह शेयर बाजार व बीमा कंपनियों पर निर्भर होगी.
रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटीनई पेंशन बीमा कंपनी देगी. यदि कोई समस्या आती है तो बीमा कंपनी से ही लड़ना पड़ेगा.
सेवाकाल में मृत्यु होने पर आश्रित को पारिवारिक पेंशन एवं नौकरी.रिटायरमेंट के बाद मेडिकल भत्ता बंद, मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्ति नहीं होगी.
हर छह माह बाद महंगाई भत्ता, जीपीएफ से लोन लेने की सुविधा

लोन की कोई सुविधा नहीं

(विशेष परिस्थितियों में जटिल प्रक्रिया के बाद ही केवल तीन बार रिफंडेबल लिया जा सकता है)

जीपीएफ निकासी (रिटायरमेंट के समय) पर कोई आयकर नहीं.रिटायरमेंट पर अंशदान की जो 40 फीसद राशि वापस मिलेगी, उस पर आयकर लगेगा.
रिटायरमेंट के बाद मेडिकल भत्ता, रिटायरमेंट के बाद मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्तिनई पेंशन स्कीम पूरी तरह शेयर बाजार पर पर आधारित, जो जोखिम पूर्ण है.

देशभर में सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन की बहाली के लिए लंबे समय से मांग कर रहे हैं. नई पेंशन योजना को लागू करने का उद्देश्य आने वाले सालों में सरकार के कंधे से पेंशन भुगतान का बोझ समाप्त करने का था. केंद्र सरकार ने नई पेंशन योजना लागू की तो इसे राज्य के लिए अनिवार्य नहीं किया लेकिन पश्चिम बंगाल को छोड़कर धीरे-धीरे तमाम राज्यों ने इसे लागू कर दिया, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 15वीं विधानसभा में राज्य के बजट 2022-23 की घोषणा के दौरान पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का फैसला किया. राजस्थान सरकार द्वारा पेंशन को लेकर की गई घोषणा से एक बार फिर से पेंशन मुद्दा चर्चा में आ गया है.

ये भी पढ़ें- ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर कर्मचारियों ने किया विधानसभा का घेराव

विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

शिमला: राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना की बहाली के ऐलान के बाद हिमाचल प्रदेश में भी इसकी मांग तेज हो गई है. हिमाचल सरकार के सैकड़ों कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग करते हुए विधानसभा के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया. कर्मचारी रैली की शक्ल में चौड़ा मैदान में प्रदर्शन के लिए जा रहे थे, लेकिन उन्हें पुलिस प्रशासन ने नेशनल हाईवे 5 पर सुरंग नंबर 103 के पास रोक दिया. जिससे नाराज कर्मचारियों ने वहीं रोड पर बैठक सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नजर आए.

हालांकि इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हलकी झड़प भी हुई. इस दौरान पुलिस ने हल्का बल और वॉटर केनन का भी इस्तेमाल किया. इसके बाद धीरे-धीरे कर्मचारी विधानसभा पहुंचने लगे और वहां, ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने को लेकर नारेबाजी करने लगे. बता दें कि प्रदर्शनकारी विधानसभा का घेराव न कर सकें, इसलिए सरकार ने गुरुवार को छुट्टी का ऐलान किया था. इसके बावजूद कर्मचारियों का हुजूम विधानसभा (old pension scheme in Himachal) के बाहर इकट्ठा हो गया. इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कड़ा ऐतराज जताया है. उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को अगर बात रखनी थी कि तो उनके प्रतिनिधि आते और बात करते. सभी लोगों को अपनी मांग रखने का हक है.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकारी कर्मचारी राजनीतिक दृष्टि से खिलौना बन रहे हैं. मैं अपील करता हूं कि उनके जो प्रतिनिधि हैं वो आकर हमसे बात करें. शांतिप्रिय ढंग से अपनी बात रखें. उनकी वजह से किसी को परेशानी न हो और कानून व्यव्स्था बनी रहे. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हम हमेशा कर्मचारियों के हक में रहे हैं और हमने कर्मचारियों के हर मुद्दे को एक-एक करके सुलझाया है. कोविड की स्थिति होने के बावजूद भी हमने न पेंशन में देरी की न ही किसी प्रकार का कोई बकाया रखा.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार की तरफ से कहा गया (RESTORATION OF OLD PENSION) था कि कर्मचारियों के प्रतिनिधि आएं और बात रखें, लेकिन उन्होंने 103 टनल के पास सैकड़ों की संख्या में पहुंच कर ट्रैफिक जाम कर दिया. जिसकी वजह से आम लोगों को भी भारी परेशानी हुई. इसके बाद पुलिस के साथ भी झड़प करने की कोशिश की. मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सरकार के कर्मचारी हैं और अपनी बात शालीनता से रख सकते हैं, क्योंकि जिस भाषा में कुछ लोग बात रखने की कोशिश कर रहे हैं वो सही नहीं है. ये कर्मचारियों के लिए उचित नहीं है. इस तरह आंदोलन करके किसी भी समस्या का हल नहीं होगा.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर.

बता दें कि एनपीएसकेएम पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग कर रहा है. अपनी मांगों को लेकर उन्होंने 23 फरवरी को मंडी से पैदल मार्च शुरू किया था. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने 3 मार्च को राज्य विधानसभा के घेराव का ऐलान किया था. कर्मचारियों की इस मांग को कांग्रेस का भी समर्थन मिल रहा है. राज्य विधानसभा में विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं ने आज पुरानी पेंशन योजना का मुद्दा उठाने की कोशिश की. ऐसा नहीं होने पर उन्होंने सदन से वॉकआउट कर लिया. बता दें कि कर्मचारियों की मांग को देखते हुए जयराम सरकार ने पुरानी पेंशन योजना के मुद्दे पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया है. सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति बनाई है.

नई पेंशन स्कीम और पुरानी पेंशन स्कीम में फर्क

पुरानी पेंशन स्कीम (OPS)

नई पेंशन स्कीम (NPS)

जीपीएफ की सुविधाजीपीएफ की सुविधा नहीं है.
पेंशन के लिए वेतन से कटौती नहीं.वेतन से प्रतिमाह 10 फीसद कटौती.
रिटायरमेंट पर निश्चित पेंशन यानी अंतिम वेतन का 50 फीसद गारंटी.निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं. यह पूरी तरह शेयर बाजार व बीमा कंपनियों पर निर्भर होगी.
रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटीनई पेंशन बीमा कंपनी देगी. यदि कोई समस्या आती है तो बीमा कंपनी से ही लड़ना पड़ेगा.
सेवाकाल में मृत्यु होने पर आश्रित को पारिवारिक पेंशन एवं नौकरी.रिटायरमेंट के बाद मेडिकल भत्ता बंद, मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्ति नहीं होगी.
हर छह माह बाद महंगाई भत्ता, जीपीएफ से लोन लेने की सुविधा

लोन की कोई सुविधा नहीं

(विशेष परिस्थितियों में जटिल प्रक्रिया के बाद ही केवल तीन बार रिफंडेबल लिया जा सकता है)

जीपीएफ निकासी (रिटायरमेंट के समय) पर कोई आयकर नहीं.रिटायरमेंट पर अंशदान की जो 40 फीसद राशि वापस मिलेगी, उस पर आयकर लगेगा.
रिटायरमेंट के बाद मेडिकल भत्ता, रिटायरमेंट के बाद मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्तिनई पेंशन स्कीम पूरी तरह शेयर बाजार पर पर आधारित, जो जोखिम पूर्ण है.

देशभर में सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन की बहाली के लिए लंबे समय से मांग कर रहे हैं. नई पेंशन योजना को लागू करने का उद्देश्य आने वाले सालों में सरकार के कंधे से पेंशन भुगतान का बोझ समाप्त करने का था. केंद्र सरकार ने नई पेंशन योजना लागू की तो इसे राज्य के लिए अनिवार्य नहीं किया लेकिन पश्चिम बंगाल को छोड़कर धीरे-धीरे तमाम राज्यों ने इसे लागू कर दिया, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 15वीं विधानसभा में राज्य के बजट 2022-23 की घोषणा के दौरान पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का फैसला किया. राजस्थान सरकार द्वारा पेंशन को लेकर की गई घोषणा से एक बार फिर से पेंशन मुद्दा चर्चा में आ गया है.

ये भी पढ़ें- ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर कर्मचारियों ने किया विधानसभा का घेराव

विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

Last Updated : Mar 3, 2022, 10:01 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.