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विद्यानंद सरैक और ललिता वकील को पद्मश्री पुरस्कार से पुरस्कृत करना प्रदेश के लिए गौरव की बात: सीएम जयराम

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने ऐतिहासिक गेयटी थियटर में हिमाचल प्रदेश कला, संस्कृति और भाषा अकादमी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यानंद सरैक और ललिता वकील को पद्मश्री पुरस्कारों से पुरस्कृत करना प्रदेश के लिए गौरव की बात है. मुख्यमंत्री ने साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान करने वालों को नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किए.

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Published : Jan 29, 2022, 4:35 PM IST

Updated : Jan 29, 2022, 4:51 PM IST

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ऐतिहासिक गेयटी थियटर में हिमाचल प्रदेश कला, संस्कृति और भाषा अकादमी द्वारा आयोजित शिखर सम्मान, कला सम्मान, साहित्य पुरस्कार, स्वैच्छिक संस्था सम्मान, चम्बा रूमाल पहाड़ी चित्रकला सम्मान पुरस्कार वितरण समारोह, 2022 की अध्यक्षता (CM Jairam in Gaiety Theater) की. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि साहित्य महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बौद्धिक क्षमता को बढ़ाता है और समाज को इस दुनिया को देखने का एक अलग नजरिया प्रदान करता है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की समृद्ध संस्कृति, धरोहर और साहित्य के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है और सरकार द्वारा लेखकों, कलाकारों, कारीगरों और शिल्पकारों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक योजनाएं आरंभ की गई हैं. उन्होंने कहा कि वर्ष 2019, 2020 और 2021 के लिए साहित्य पुरस्कार सभी विजेताओं को समय पर दिए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश के कलाकार राज्य के समृद्ध सांस्कृतिक संग्रह के संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहे हैं.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि विद्यानंद सरैक और ललिता वकील को पद्मश्री पुरस्कारों से पुरस्कृत करना प्रदेश के लिए गौरव की (Padma Shri awardee Lalita Vakil) बात है. उन्होंने कहा कि ललिता वकील लगभग 50 वर्षों से चम्बा रूमाल को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है और इस पुरस्कार से न केवल उनको बल्कि जिला चम्बा की पारम्परिक कला चम्बा रूमाल को भी पहचान मिली है. इसी प्रकार विद्यानंद सरैक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं जो पहाड़ी संस्कृति के संरक्षण और पुनरुद्धार के लिए लंबे समय से कार्य कर रहे हैं.

वीडियो.
मुख्यमंत्री ने साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए आचार्य केशव शर्मा को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी शिखर साहित्य सम्मान-2017 और डाॅ.ओ.सी. हाण्डा को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी शिखर साहित्य सम्मान-2018 से सम्मानित (Award Distribution Ceremony in Gaiety) किया. इसी प्रकार मोहन राठौर को कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए महाराजा संसार चंद शिखर कला सम्मान-2017 और चम्बा रूमाल को बढ़ावा देने के लिए दिनेश कुमारी को महाराजा संसार चंद शिखर कला सम्मान-2018 प्रदान किया गया. प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक-एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया है.

वहीं, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने (Govind thakur in Gaiety Theater) नंद लाल ठाकुर को सरदार सोभा सिंह ललित कला पुरस्कार-2017 और खीमी राम को सरदार सोभा सिंह ललित कला पुरस्कार-2018 प्रदान किया. ज्वाला प्रसाद शर्मा को मनोहर सिंह निष्पादन कला सम्मान-2016, संजय सूद को मनोहर सिंह निष्पादन कला सम्मान-2017 और एस.डी.कश्यप को मनोहर सिंह निष्पादन कला सम्मान-2018 से सम्मानित किया गया. प्रत्येक पुरस्कार विजेता को 51 हजार रुपए का नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया.

गोविंद सिंह ठाकुर ने वर्ष 2015 के लिए डाॅ. इन्द्र सिंह ठाकुर को उनकी पुस्तक "तुम ही तो थे", वर्ष 2016 के लिए सरोज परमार को उनकी पुस्तक "मैं नदी होना चाहती हूं" तथा वर्ष 2018 के लिए विक्रम मुसाफिर को उनकी पुस्तक "फिर वही सैलाब" के लिए पंडित भवानी दत्त शास्त्री हिंदी कविता पुरस्कार से सम्मानित (Padma Shri awardee Vidyanand Saraik) किया. उन्होंने वर्ष 2015 के लिए स्वर्गीय बद्री सिंह भाटिया को उनके उपन्यास "डेंजर जोन", वर्ष 2017 के लिए डाॅ. गंगा राम राजी को उनके उपन्यास "एक थी रानी खैरगढ़ी" तथा वर्ष 2018 के लिए विक्रम गथानिया को उनके उपन्यास "गांव की एक शाम" के लिए डाॅ. यशवन्त सिंह परमार हिंदी साहित्य गद्य पुरस्कार से पुरस्कृत किया.

उन्होंने वर्ष 2015 के लिए विद्यासागर नेगी को उनकी पुस्तक "एक हिमाचली चरवाहे की आध्यात्मिक यात्रा" तथा वर्ष 2018 के लिए डाॅ. सूरत ठाकुर को उनकी पुस्तक "हिमाचल का जनजातीय लोक संगीत" के लिए राम सिंह ठाकुर हिंदी साहित्य "विविध विधा पुरस्कार" प्रदान किया. शिक्षा मंत्री ने वर्ष 2015 के लिए आचार्य केशव राम शर्मा को उनकी पुस्तक श्री शालग्रामचरितम् के लिए आचार्य दिवाकर शर्मा संस्कृत साहित्य पुरस्कार से (Gaiety Theater shimla) सम्मानित किया.

गोविंद सिंह ठाकुर ने वर्ष 2016 के लिए डाॅ. चन्द्ररेखा ढडवाल को उनकी पुस्तक "अक्खर अक्खर जुगनू" तथा वर्ष 2018 के लिए विनोद कुमार भावुक को उनकी पुस्तक "मेरीयां गल्लां गाजलबेल" के लिए डाॅ. विद्याचंद ठाकुर "पहाड़ी साहित्य" पुरस्कार से सम्मानित किया. उन्होंने जाहिद अबरोल को उनकी पुस्तक "दरिया-दरिया साहिल-साहिल" के लिए लाल चंद प्रार्थी उर्दू साहित्य पुरस्कार 2016 से सम्मानित किया.

उन्होंने ऐक्टिव मोनाल कल्चरल एसोसिएशन कुल्लू को स्वैच्छिक संस्था सम्मान 2016 तथा डाॅ. प्रियंका वैद्य को उनकी पुस्तक "लोटस राइजिस इन मड' के लिए ठाकुर सेन नेगी अंग्रेजी साहित्य पुरस्कार 2018 से पुरस्कृत किया. प्रत्येक पुरस्कार विजेता को 51 हजार रुपये का नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया. उन्होंने पहाड़ी चित्रकला प्रतियोगिता पुरस्कार 2016 और चम्बा रूमाल प्रतियोगिता पुरस्कार 2016 के विजेताओं को भी पुरस्कार प्रदान किए.

ये भी पढ़ें: सोलन में लैंडस्लाइड: चट्टान गिरने से मकान क्षतिग्रस्त

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ऐतिहासिक गेयटी थियटर में हिमाचल प्रदेश कला, संस्कृति और भाषा अकादमी द्वारा आयोजित शिखर सम्मान, कला सम्मान, साहित्य पुरस्कार, स्वैच्छिक संस्था सम्मान, चम्बा रूमाल पहाड़ी चित्रकला सम्मान पुरस्कार वितरण समारोह, 2022 की अध्यक्षता (CM Jairam in Gaiety Theater) की. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि साहित्य महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बौद्धिक क्षमता को बढ़ाता है और समाज को इस दुनिया को देखने का एक अलग नजरिया प्रदान करता है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की समृद्ध संस्कृति, धरोहर और साहित्य के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है और सरकार द्वारा लेखकों, कलाकारों, कारीगरों और शिल्पकारों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक योजनाएं आरंभ की गई हैं. उन्होंने कहा कि वर्ष 2019, 2020 और 2021 के लिए साहित्य पुरस्कार सभी विजेताओं को समय पर दिए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश के कलाकार राज्य के समृद्ध सांस्कृतिक संग्रह के संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहे हैं.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि विद्यानंद सरैक और ललिता वकील को पद्मश्री पुरस्कारों से पुरस्कृत करना प्रदेश के लिए गौरव की (Padma Shri awardee Lalita Vakil) बात है. उन्होंने कहा कि ललिता वकील लगभग 50 वर्षों से चम्बा रूमाल को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है और इस पुरस्कार से न केवल उनको बल्कि जिला चम्बा की पारम्परिक कला चम्बा रूमाल को भी पहचान मिली है. इसी प्रकार विद्यानंद सरैक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं जो पहाड़ी संस्कृति के संरक्षण और पुनरुद्धार के लिए लंबे समय से कार्य कर रहे हैं.

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मुख्यमंत्री ने साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए आचार्य केशव शर्मा को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी शिखर साहित्य सम्मान-2017 और डाॅ.ओ.सी. हाण्डा को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी शिखर साहित्य सम्मान-2018 से सम्मानित (Award Distribution Ceremony in Gaiety) किया. इसी प्रकार मोहन राठौर को कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए महाराजा संसार चंद शिखर कला सम्मान-2017 और चम्बा रूमाल को बढ़ावा देने के लिए दिनेश कुमारी को महाराजा संसार चंद शिखर कला सम्मान-2018 प्रदान किया गया. प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक-एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया है.

वहीं, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने (Govind thakur in Gaiety Theater) नंद लाल ठाकुर को सरदार सोभा सिंह ललित कला पुरस्कार-2017 और खीमी राम को सरदार सोभा सिंह ललित कला पुरस्कार-2018 प्रदान किया. ज्वाला प्रसाद शर्मा को मनोहर सिंह निष्पादन कला सम्मान-2016, संजय सूद को मनोहर सिंह निष्पादन कला सम्मान-2017 और एस.डी.कश्यप को मनोहर सिंह निष्पादन कला सम्मान-2018 से सम्मानित किया गया. प्रत्येक पुरस्कार विजेता को 51 हजार रुपए का नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया.

गोविंद सिंह ठाकुर ने वर्ष 2015 के लिए डाॅ. इन्द्र सिंह ठाकुर को उनकी पुस्तक "तुम ही तो थे", वर्ष 2016 के लिए सरोज परमार को उनकी पुस्तक "मैं नदी होना चाहती हूं" तथा वर्ष 2018 के लिए विक्रम मुसाफिर को उनकी पुस्तक "फिर वही सैलाब" के लिए पंडित भवानी दत्त शास्त्री हिंदी कविता पुरस्कार से सम्मानित (Padma Shri awardee Vidyanand Saraik) किया. उन्होंने वर्ष 2015 के लिए स्वर्गीय बद्री सिंह भाटिया को उनके उपन्यास "डेंजर जोन", वर्ष 2017 के लिए डाॅ. गंगा राम राजी को उनके उपन्यास "एक थी रानी खैरगढ़ी" तथा वर्ष 2018 के लिए विक्रम गथानिया को उनके उपन्यास "गांव की एक शाम" के लिए डाॅ. यशवन्त सिंह परमार हिंदी साहित्य गद्य पुरस्कार से पुरस्कृत किया.

उन्होंने वर्ष 2015 के लिए विद्यासागर नेगी को उनकी पुस्तक "एक हिमाचली चरवाहे की आध्यात्मिक यात्रा" तथा वर्ष 2018 के लिए डाॅ. सूरत ठाकुर को उनकी पुस्तक "हिमाचल का जनजातीय लोक संगीत" के लिए राम सिंह ठाकुर हिंदी साहित्य "विविध विधा पुरस्कार" प्रदान किया. शिक्षा मंत्री ने वर्ष 2015 के लिए आचार्य केशव राम शर्मा को उनकी पुस्तक श्री शालग्रामचरितम् के लिए आचार्य दिवाकर शर्मा संस्कृत साहित्य पुरस्कार से (Gaiety Theater shimla) सम्मानित किया.

गोविंद सिंह ठाकुर ने वर्ष 2016 के लिए डाॅ. चन्द्ररेखा ढडवाल को उनकी पुस्तक "अक्खर अक्खर जुगनू" तथा वर्ष 2018 के लिए विनोद कुमार भावुक को उनकी पुस्तक "मेरीयां गल्लां गाजलबेल" के लिए डाॅ. विद्याचंद ठाकुर "पहाड़ी साहित्य" पुरस्कार से सम्मानित किया. उन्होंने जाहिद अबरोल को उनकी पुस्तक "दरिया-दरिया साहिल-साहिल" के लिए लाल चंद प्रार्थी उर्दू साहित्य पुरस्कार 2016 से सम्मानित किया.

उन्होंने ऐक्टिव मोनाल कल्चरल एसोसिएशन कुल्लू को स्वैच्छिक संस्था सम्मान 2016 तथा डाॅ. प्रियंका वैद्य को उनकी पुस्तक "लोटस राइजिस इन मड' के लिए ठाकुर सेन नेगी अंग्रेजी साहित्य पुरस्कार 2018 से पुरस्कृत किया. प्रत्येक पुरस्कार विजेता को 51 हजार रुपये का नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया. उन्होंने पहाड़ी चित्रकला प्रतियोगिता पुरस्कार 2016 और चम्बा रूमाल प्रतियोगिता पुरस्कार 2016 के विजेताओं को भी पुरस्कार प्रदान किए.

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Last Updated : Jan 29, 2022, 4:51 PM IST
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