शिमला: भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधियों के साथ करीब तीन (Bharatiya Mazdoor Sangh Meeting with CM) घंटे तक चली लंबी बैठक के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आंगनबाड़ी वर्कर से (Anganwadi worker Promotion issue Himachal) सुपरवाइजर पद पर प्रमोशन का कोटा 10 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला ले सकती है. पहले सुपरवाइजर पद के लिए आंगनबाड़ी वर्कर के लिए 80 प्रतिशत आरक्षण था, जोकि सरकार की सहमति के बाद 90 प्रतिशत हो जाएगा.
इसके अलावा जूनियर टी-मेट पदनाम को अब खत्म कर सभी को टी-मेट कर दिया (Demands od BMS) जाएगा. भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष मदन राणा ने मीटिंग के बाद बताया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पीस मील वर्करों को कॉन्ट्रैक्ट पर लाने की भी सहमति जता दी है और जल्द ही इस बारे में भी फैसला हो जाएगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कॉर्पोरेशनों की सर्विस कमेटी की रेगुलर मीटिंग करने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं.
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ (Bharatiya Mazdoor Sangh Himchal) के साथ अलग-अलग विभागों की मांगों पर चर्चा हुई. बैठक में सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं की जिन विभागों के विषय आज चर्चा में उठे हैं, उन विषयों पर सकारात्मक तरीके से विचार किया जाए. ताकि जल्द कर्मचारियों की इन मांगों का समाधान निकाला जा सके.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अगली मीटिंग से पहले अधिकारियों को इन समस्याओं का समाधान करने के निर्देश भी दिए हैं, ताकि जनवरी में भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों से साथ होने वाली अगली बैठक में सभी मांगों का समाधान निकाला जा सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्ड और निगमों की सेवा समिति की नियमित बैठकें आयोजित करवाई जाएंगी, ताकि कर्मचारियों से संबंधित लंबित मामलों का समाधान किया जा सके.
सीमेंट प्लांट प्रबंधन द्वारा (Cement Plant Management) श्रमिकों का शोषण रोकने के लिए प्रदेश सरकार आवश्यक कदम उठाएगी. उन्होंने कहा कि काॅन्ट्रेक्टर के माध्यम से सीमेंट प्लांट और अन्य औद्योगिक इकाइयों में कोर सेवाओं की अनुमति प्रदान की जाएगी. वहीं, अपनी मांगों का जिक्र करते हुए भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री यशपाल हेट्टा ने कहा कि संघ की तरफ से सरकार को 32 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा गया है. जिसमें आशा वर्करों, आंगनबाड़ी, आउटसोर्स, सिलाई-कढ़ाई कर्मचारी चाह रहे हैं कि उन्हें सरकार के नियमित कर्मचारियों की तर्ज पर वित्तीय लाभ दिए जाएं.
उन्होंने कहा कि बोर्डों-निगमों के कर्मचारी भी विभागीय मुलाजिमों (epartmental employees) की तरह वेतन, भत्तों और पेंशन के लाभ मांग रहे हैं. निजी क्षेत्र के कर्मचारी वेज बोर्ड की शर्तों को ठीक से लागू करवाने की मांगें भी शामिल हैं. सचिवालय में हुई बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रम एवं रोजगार आरडी. धीमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव जेसी. शर्मा, सचिव डाॅ. अजय शर्मा, संदीप भटनागर, राजीव शर्मा और अमिताभ अवस्थी सहित अन्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे.
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