ठियोग/शिमला: मोहाली स्थित चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में लड़कियों के वीडियो वायरल करने से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया शिमला का रंकज वर्मा 20 दिन बाद जेल से बाहर आ गया. पंजाब की खरड़ कोर्ट से रेगुलर बेल मिलने के बाद जेल से बाहर आए रंकज ने खुद को रॉन्ग आइडेंटिटी और साइबर फ्रॉड का शिकार बताया. जमानत मिलने के बाद रोपड़ जेल से बाहर निकले रंकज वर्मा ने कहा कि मैं बिल्कुल बेकसूर हूं. उसका वीडियो मामले से कोई लेना-देना नहीं है.
रंकज ने दावा किया कि फौजी संजीव सिंह ने (Chandigarh University MMS Case) उसकी फोटो का मिसयूज किया. संजीव सिंह ने सोशल मीडिया से उसकी फोटो उठाकर अपने व्हाट्सअप नंबर की डिस्प्ले पिक्चर बना ली और उसके बाद लड़की से चैट करने लगा. रंकज ने कहा कि पिछले 20 दिन कैसे गुजरे, यह सिर्फ उसकी आत्मा जानती है. हर कोई उसे आरोपी मान रहा है, जबकि उसने कुछ किया ही नहीं.
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के गर्ल्स (Chandigarh university viral video case) हॉस्टल में लड़कियों के वीडियो वायरल करने से जुड़े मामले में गिरफ्तार रंकज वर्मा को जमानत देते हुए खरड़ की ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट निधि सैणी की कोर्ट ने अहम टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता को सिर्फ अनुमान और संदेह के आधार पर छीना नहीं जा सकता. 31 साल का रंकज वर्मा शिमला का रहने वाला है और उसे बीती 18 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था. रंकज की रेगुलर बेल पिटीशन पर सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि चालान पेश करने और केस के ट्रायल में लंबा समय लगेगा. ऐसे में आरोपी को अनिश्चितकाल के लिए जेल में कैद रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होता.
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