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ब्लैक डे के रूप में याद किया जाता है 25 जून, एक परिवार की महत्वकांक्षा देश को बना दिया था जेल: जम्वाल

त्रिलोक जम्वाल ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 45 साल पहले सत्ता के लिए एक परिवार के लालच ने देश पर आपातकाल थोपा था. रातों रात राष्ट्र को जेल में तबदील कर दिया गया. प्रेस, अदालतें, भाषण सब खत्म हो गए. गरीबों पर अत्याचार किए गए.

BJP leader Trilok jamwal
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Published : Jun 25, 2020, 3:47 PM IST

शिमलाः भारत में 25 जून 1975 को इंदिरा सरकार ने आपातकाल का ऐलान किया था. इसे याद करते हुए गुरूवार को प्रदेश बीजेपी के महामंत्री त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि 45 साल पहले 25 जून की आधी रात को देश में लगे आपातकाल के दिन को याद करके हर भारतीय का सिर शर्म से झुक जाता है. भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में यह दिन काले दिवस के रूप जाना जाता है.

उन्होनें कहा कि आजाद भारत का यह सबसे विवादास्पद काल था. इसी दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर तत्कालीन राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी. उन्होंने कहा कि एक परिवार के सत्ता लोभ के लिए देश में आपातकाल लागू करवाया.

आपातकाल में नागरिकों के मौलिक अधिकारों को समाप्त कर मनमानी की गई थी. बीजेपी महामंत्री ने कहा कि भारत उन सभी महान व्यक्तियों को नमन करता है, जिन्होंने भीषण यातनाएं सहने के बाद भी आपातकाल का जमकर विरोध किया. ये हमारे सत्याग्रहियों के संघर्ष का परिणाम था, जिससे भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों ने एक अधिनायकवादी मानसिकता पर सफलतापूर्वक जीत हासिल की.

त्रिलोक जम्वाल ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इस दिन 45 साल पहले सत्ता के लिए एक परिवार के लालच ने देश पर आपातकाल थोपा था. रातों रात राष्ट्र को जेल में तबदील कर दिया गया. प्रेस, अदालतें, भाषण सब खत्म हो गए. गरीबों पर अत्याचार किए गए.

लाखों लोगों के प्रयासों के कारण आपातकाल को हटा लिया गया. भारत में लोकतंत्र बहाल हो गया था, लेकिन यह कांग्रेस में अनुपस्थित रहा. एक परिवार और पार्टी राष्ट्रीय हितों पर हावी थे.

गौरतलब है कि 25 जून का दिन एक विवादस्पद फैसले के लिए जाना जाता है. यही वह दिन था जब देश में आपातकाल लगाने की घोषणा हुई. 25 जून, 1975 को आपातकाल का ऐलान हुआ और 26 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक यानी 21 महीने तक आपातकाल जारी रहा.

ये भी पढ़ें- आपातकाल के 45 साल : स्वतंत्र भारत के सबसे विवादास्पद दौर पर एक नजर

ये भी पढ़ें- सीबीएसई की 10वीं-12वीं की बचीं परीक्षाएं रद्द, कोर्ट में सुनवाई जारी

शिमलाः भारत में 25 जून 1975 को इंदिरा सरकार ने आपातकाल का ऐलान किया था. इसे याद करते हुए गुरूवार को प्रदेश बीजेपी के महामंत्री त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि 45 साल पहले 25 जून की आधी रात को देश में लगे आपातकाल के दिन को याद करके हर भारतीय का सिर शर्म से झुक जाता है. भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में यह दिन काले दिवस के रूप जाना जाता है.

उन्होनें कहा कि आजाद भारत का यह सबसे विवादास्पद काल था. इसी दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर तत्कालीन राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी. उन्होंने कहा कि एक परिवार के सत्ता लोभ के लिए देश में आपातकाल लागू करवाया.

आपातकाल में नागरिकों के मौलिक अधिकारों को समाप्त कर मनमानी की गई थी. बीजेपी महामंत्री ने कहा कि भारत उन सभी महान व्यक्तियों को नमन करता है, जिन्होंने भीषण यातनाएं सहने के बाद भी आपातकाल का जमकर विरोध किया. ये हमारे सत्याग्रहियों के संघर्ष का परिणाम था, जिससे भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों ने एक अधिनायकवादी मानसिकता पर सफलतापूर्वक जीत हासिल की.

त्रिलोक जम्वाल ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इस दिन 45 साल पहले सत्ता के लिए एक परिवार के लालच ने देश पर आपातकाल थोपा था. रातों रात राष्ट्र को जेल में तबदील कर दिया गया. प्रेस, अदालतें, भाषण सब खत्म हो गए. गरीबों पर अत्याचार किए गए.

लाखों लोगों के प्रयासों के कारण आपातकाल को हटा लिया गया. भारत में लोकतंत्र बहाल हो गया था, लेकिन यह कांग्रेस में अनुपस्थित रहा. एक परिवार और पार्टी राष्ट्रीय हितों पर हावी थे.

गौरतलब है कि 25 जून का दिन एक विवादस्पद फैसले के लिए जाना जाता है. यही वह दिन था जब देश में आपातकाल लगाने की घोषणा हुई. 25 जून, 1975 को आपातकाल का ऐलान हुआ और 26 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक यानी 21 महीने तक आपातकाल जारी रहा.

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