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शिमला में गर्भवती के लिए वरदान साबित हुई बाइक एंबुलेंस, ईएमटी ने करायी सफल डिलीवरी - शिमला

पहाड़ी इलाके में अक्सर होती हैं एंबुलेंस पहुंच नें परेशानी. बाइक एंबुलेंस लोगों के लिए वारदान साबित हो रही है. 2 अप्रैल 2018 से अब तक बाइक एंबुलेंस ने कुल 978 इमरजेंसी मामले निफटाए हैं.

बाइक एंबुलेंस ने कराई महिला की डिलीवरी
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Published : Mar 20, 2019, 7:30 AM IST

शिमला: शिमला में गर्भवती महिला के लिए बाइक एंबुलेंस वरदान साबित हुई है. मंगलवार को शिमला में हनुमान मंदिर के समीप केटली में महिला की सफल डिलीवरी कराई.

bike ambulance in shimla
बाइक एंबुलेंस ने कराई महिला की डिलीवरी

जानकारी के अनुसार हनुमान मंदिर के समीप केटली की रहने वाली दिव्या को प्रसव पीड़ा हो रही थी. परिवार वालों नें अस्पताल ले जाने के लिए 108 एंबुलेंस सेवा मांगी थी, लेकिन कहीं इमरजेंसी ड्यूटी में होने के कारण 108 एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई, इसके बाद बाइक एंबुलेंस को मौके पर जाने के निर्देश मिले.

108 बाइक एंबुलेंस शिमला-2 के ईएमटी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि 10 बजकर 45 मिनट पर सूचना मिली थी कि महिला प्रसव पीड़ा से तड़प रही है. जल्द ही उसे अस्पताल पहुंचाना है. उक्त स्थान पर पहुंचने पर देखा गया कि महिला अचेत अवस्था में प्रसव पीड़ा से तड़प रही है. महिला की हालत बिड़गती देख वहीं डिलीवरी कराने का फैसला लिया गया.

ईएमटी की देखरेख में हुई सफल डिलीवरी में महिला ने बालक को जन्म दिया है. बाद में मां तथा बच्चे को आईएफटी आईजीएमसी 1 एंबुलेंस के जरिए केएनएच अस्पताल शिमला में भर्ती कराया गया.
जीवीके ईएमआरआई के स्टेट हेड मेहूल सुकुमारन ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 2 अप्रैल 2018 से अब तक बाइक एंबुलेंस ने कुल 978 इमरजेंसी मामलों को निपटाया है. ऐसा पहली बार हुआ है कि बाइक एंबुलेंस में कार्यरत ईएमटी ने सफलतापूर्वक डिलीवरी कराई है.

शिमला: शिमला में गर्भवती महिला के लिए बाइक एंबुलेंस वरदान साबित हुई है. मंगलवार को शिमला में हनुमान मंदिर के समीप केटली में महिला की सफल डिलीवरी कराई.

bike ambulance in shimla
बाइक एंबुलेंस ने कराई महिला की डिलीवरी

जानकारी के अनुसार हनुमान मंदिर के समीप केटली की रहने वाली दिव्या को प्रसव पीड़ा हो रही थी. परिवार वालों नें अस्पताल ले जाने के लिए 108 एंबुलेंस सेवा मांगी थी, लेकिन कहीं इमरजेंसी ड्यूटी में होने के कारण 108 एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई, इसके बाद बाइक एंबुलेंस को मौके पर जाने के निर्देश मिले.

108 बाइक एंबुलेंस शिमला-2 के ईएमटी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि 10 बजकर 45 मिनट पर सूचना मिली थी कि महिला प्रसव पीड़ा से तड़प रही है. जल्द ही उसे अस्पताल पहुंचाना है. उक्त स्थान पर पहुंचने पर देखा गया कि महिला अचेत अवस्था में प्रसव पीड़ा से तड़प रही है. महिला की हालत बिड़गती देख वहीं डिलीवरी कराने का फैसला लिया गया.

ईएमटी की देखरेख में हुई सफल डिलीवरी में महिला ने बालक को जन्म दिया है. बाद में मां तथा बच्चे को आईएफटी आईजीएमसी 1 एंबुलेंस के जरिए केएनएच अस्पताल शिमला में भर्ती कराया गया.
जीवीके ईएमआरआई के स्टेट हेड मेहूल सुकुमारन ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 2 अप्रैल 2018 से अब तक बाइक एंबुलेंस ने कुल 978 इमरजेंसी मामलों को निपटाया है. ऐसा पहली बार हुआ है कि बाइक एंबुलेंस में कार्यरत ईएमटी ने सफलतापूर्वक डिलीवरी कराई है.

बरदान साबित हो रही बाईक एंबुलैंस
शिमला।
शिमला में चलाई जा रही बाईक एंबुलैंस लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। इसका ताजा उदाहरण एक बाईक एंबुलैंस में तैनात ई.एम.टी. द्वारा करवाई गई महिला की सफल डीलिवरी से देखा जा सकता है। हुआ यह कि 37 वर्षीय दिव्या जो कि गर्भवती थी, को अचानक प्रसव वेदना हो रही थी। उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसके घरवालों की तरफ  से मोहन लाल द्वारा 108 पर कॉल की तथा सहायता की मांग की।  उस समय 108 की सभी नजदीकी एंबुलैंस पहले से ही किसी अन्य आपतकालीन सेवा में व्यस्त थी तथा यह केस 108 बाईक एंबुलैंस शिमला-2 के ईएमटी सुरेंद्र कुमार को 10:45 पर मिनट पर दिया गया। बिना समय गवाएं बाईक एंबुलैंस ने मरीज द्वारा बताई गई जगह केलटी जो कि शिमला में हनुमान मंदिर के समीप है के लिए रवाना हो गया। जैसे ही ई.एम.टी. सुरेंद्र कथित क्षेत्र तक पहुंचे तो उन्होंने पाया कि महिला चेतना अवस्था में थी तथा पिछले 30 मिनट से डिलीवरी की वेदना से ग्रस्त थी। ई.एम.टी. ने जब मुआयना किया तो पाया कि मरीज अस्पताल जाने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि मरीज की डिलीवरी कभी भी हो सकती थी। अत: ई.एम.टी. ने निर्णय लिया कि डिलीवरी वहीं पर ही करनी होगी और उसने डिलीवरी संबंधी सारी तैयारियां शुरू कर दी। ई.एम.टी. ने उचित मैडीकल केयर के द्वारा सफल प्रसव करवाया गया तथा महिला द्वारा स्वस्थ बालक को जन्म दिया गया। उसके बाद ई.एम.टी. ने बच्चे को मुहैया करवाने वाली केयर जैसे की बच्चे को साफ  करना, बच्चे को सुखाना तथा वार्म करना इत्यादि प्राथमिक उपचार दिया।  साथ ही जच्चा-बच्चा दोनों की जीवनीशक्ति का निरीक्षण किया। सांस की गति 16, धड़कन 106, रक्तचाप 140.90 एम.एम.एच.जी. एस.पी.आ. 2 का स्तर 90 प्रतिशत  रिकार्ड किया गया। बच्चे का ए.पी.जी.ए.आर.10 रिकार्ड किया गया। समय पर दी गई इस प्राथमिक मैडीकल केयर के परिणाम स्वरूप जच्चा-बच्चा की जीवनशक्ति में सुधार देखा गया जो कि दक्ष ईएमटी की कार्यकुशलता का परिणाम था। बाद में मां तथा बच्चे को आई.एफ.टी. आई.जी.एम.सी. 1 एंबुलैंस द्वारा सफलतापूर्वक देखभाल करते हुए के.एन.एच. अस्पताल शिमला में आगे के उपचार के लिए सुरक्षित भर्ती करवाया गया।  इस अवसर पर मेहूल सुकुमारन स्टेट हैड, जी.वी.के. ई.एम.आर.आई., हिमाचल प्रदेश ने कहा कि अब तक बाईक एंबुलैंस ने अपने कार्यकाल 2 अप्रैल 2018 से अब तक कुल 978 आपातकालीन मामलों को निपटाया है तथा यह पहली बार हुआ है कि बाइक एंबुलैंस में कार्यरत ई.एम.टी. ने सफलतपूर्वक प्रसव करवाया है।

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