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रामपुर में सेब की फसल पर मौसम की मार, घट सकती है पैदावार

उद्यान विभाग ने हालिया सर्वेक्षण में रामपुर में 25 हजार मिट्रीक टन और ननखड़ी क्षेत्र में साढ़े 16 हजार मिट्रीक टन सेब होने का अनुमान लगाया गया है. विभाग का कहना है कि मौसम की बेरुखी के चलते इस बार पैदावार घट सकती है. बीते दिनों ओलावृष्टि और तुफान के आने से करोड़ों की फसल प्रभावित हुई है.

apple crops yield may decrease
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Published : Jun 4, 2020, 7:54 PM IST

रामपुरः हिमाचल के स्वादिष्ट सेब की पैदावार पर इस साल मौसम की बेरुखी की मार पड़ी है. उद्यान विभाग का अनुमान है कि मौसम अनुकूल नहीं रहने से सेब की पैदावार घट सकती है. वहीं, किसानों और कारोबारियों का कहना है कि इस सीजन में कुल उत्पादन सरकारी अनुमान से भी कम होने की संभावना है.

राजधानी शिमला के उपमंडल रामपुर में उद्यान विभाग के हालिया सर्वेक्षण के मुताबिक इस बार 25 हजार मिट्रीक टन सेब की पैदावार होने का अनुमान लगाया गया है. साथ ही, ननखड़ी क्षेत्र में साढ़े 16 हजार मिट्रीक टन सेब होने का अनुमान लगाया गया है.

दोनों क्षेत्रों में 41 हजार मिट्रीक टन सेब उत्पादन होने की संभागना जताई गई है. वहीं, यदि पेटियों की बात की जाए तो रामपुर में लगभग 12 लाख और ननखड़ी में 8 लाख के करीब सेब की पेटियां होने की संभावना है.

वीडियो रिपोर्ट.

उद्यान विभाग के अधिकारी विषयवाद विशेषज्ञ डॉक्टर जेसी वर्मा ने बताया कि इस सीजन में पूरे हिमाचल में सेब की फसल खराब और पैदावार घटने की मुख्य वजह मौसम की बेरुखी है. उन्होंने बताया कि इस बार ननखड़ी और रामपुर में 41 मिट्रीक टन सेब की फसल का अनुमान लगाया है.

जेसी वर्मा ने कहा कि अगर फिर से ओलावृष्टि और अन्य आपदा आती है तो सेब की फसल को और भी नुकसान हो सकता है. उन्होंने कहा कि बीते दिनों में ओलावृष्टि, तुफान के आने से करोड़ों की फसल प्रभावित हुई है. वहीं, बसंत के दौरान भी ठंड पड़ने के कारण फसल का विकास प्रभावित रहा. उन्होंने बताया कि यदि अब मानसून की बारिश अच्छी होती है तो फलों के आकार में विकास होने में मदद मिलेगी.

हालांकि किसानों और कारोबारियों का कहना है कि इस सीजन में कुल मिलाकर उत्पादन सरकारी अनुमान से भी कम होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि अधिक ऊंची पर्वत श्रंखलाओं पर स्थित बगीचे अप्रैल और मई के दौरान ठंड और ओलावृष्टि से अप्रभावित रहे.

ये भी पढ़ें- अलर्ट: रोहडू में बरसात तक पब्बर नदी से मलबा नहीं हटा तो हो सकता है भारी नुकसान

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रामपुरः हिमाचल के स्वादिष्ट सेब की पैदावार पर इस साल मौसम की बेरुखी की मार पड़ी है. उद्यान विभाग का अनुमान है कि मौसम अनुकूल नहीं रहने से सेब की पैदावार घट सकती है. वहीं, किसानों और कारोबारियों का कहना है कि इस सीजन में कुल उत्पादन सरकारी अनुमान से भी कम होने की संभावना है.

राजधानी शिमला के उपमंडल रामपुर में उद्यान विभाग के हालिया सर्वेक्षण के मुताबिक इस बार 25 हजार मिट्रीक टन सेब की पैदावार होने का अनुमान लगाया गया है. साथ ही, ननखड़ी क्षेत्र में साढ़े 16 हजार मिट्रीक टन सेब होने का अनुमान लगाया गया है.

दोनों क्षेत्रों में 41 हजार मिट्रीक टन सेब उत्पादन होने की संभागना जताई गई है. वहीं, यदि पेटियों की बात की जाए तो रामपुर में लगभग 12 लाख और ननखड़ी में 8 लाख के करीब सेब की पेटियां होने की संभावना है.

वीडियो रिपोर्ट.

उद्यान विभाग के अधिकारी विषयवाद विशेषज्ञ डॉक्टर जेसी वर्मा ने बताया कि इस सीजन में पूरे हिमाचल में सेब की फसल खराब और पैदावार घटने की मुख्य वजह मौसम की बेरुखी है. उन्होंने बताया कि इस बार ननखड़ी और रामपुर में 41 मिट्रीक टन सेब की फसल का अनुमान लगाया है.

जेसी वर्मा ने कहा कि अगर फिर से ओलावृष्टि और अन्य आपदा आती है तो सेब की फसल को और भी नुकसान हो सकता है. उन्होंने कहा कि बीते दिनों में ओलावृष्टि, तुफान के आने से करोड़ों की फसल प्रभावित हुई है. वहीं, बसंत के दौरान भी ठंड पड़ने के कारण फसल का विकास प्रभावित रहा. उन्होंने बताया कि यदि अब मानसून की बारिश अच्छी होती है तो फलों के आकार में विकास होने में मदद मिलेगी.

हालांकि किसानों और कारोबारियों का कहना है कि इस सीजन में कुल मिलाकर उत्पादन सरकारी अनुमान से भी कम होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि अधिक ऊंची पर्वत श्रंखलाओं पर स्थित बगीचे अप्रैल और मई के दौरान ठंड और ओलावृष्टि से अप्रभावित रहे.

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