शिमला: जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सबसे सस्ती हवाई सेवा उड़ान-1 (cheapest air service udaan one) का शुभारंभ किया था, लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी यहां बड़े विमान नहीं उतर सकते. कुछ वर्ष पहले हवाई पट्टी धंस जाने के कारण से यहां तब से लेकर हवाई उड़ानें बंद (jubbarhatti airport shimla) हैं. सरकारी उदासीनता के चलते तब से लेकर अब तक हवाई पट्टी का मरम्मत कार्य पूरा नहीं हो पाया है. एयरपोर्ट की मरम्मत न होने की वजह से यहां पर उड़ानें बंद (air service close in shimla) हैं.
एयरपोर्ट से उड़ानें बंद होने के बाद शिमला के लिए हवाई यात्रा का एकमात्र विकल्प सिर्फ हेली टैक्सी ही है. चंडीगढ़ से सप्ताह में छह दिन (रविवार छोड़कर) शिमला के लिए हेली टैक्सी चल रही है. चंडीगढ़ से आने वाले हेली टैक्सी शिमला होकर धर्मशाला के गग्गल एयरपोर्ट के लिए मंगलवार, बुधवार, गुरुवार और कुल्लू के भुंतर एयरपोर्ट के लिए सोमवार, शुक्रवार और शनिवार जाती है. उड़ान योजना (Udaan project in himachal) के तहत कुछ समय के लिए यहां पर सस्ती हवाई सेवा चलती रहीं, लेकिन अब बंद हैं. एयरपोर्ट पर हवाई जहाज न उतरने से लोगाें काे सस्ती हवाई सेवा का लाभ नहीं मिल रहा है. प्राधिकरण 15 फरवरी काे प्रधानमंत्री द्वारा अमृत महाेत्सव के शुभारंभ काे लेकर इस एयरपोर्ट काे एटीआर-42 के लिए फिर से तैयार करने में जुटा है.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का कहना है कि कुछ दिन पहले उन्होंने इस एयरपोर्ट का निरीक्षण (jairam inspection airport restoration work) किया था और अधिकारियों को तय समय पर कार्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं. उनका कहना है कि जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट पर हवाई जहाज की नियमित उड़ानों के लिए 15 फरवरी तक इसकी मरम्मत का काम काे पूरा कर लिया जाएगा. एयरपोर्ट प्राधिकरण द्वारा 96 करोड़ रुपए की लागत से एयरपोर्ट के रेस्टोरेशन का काम किया जा रहा है, यात्रियों की सुरक्षा और हवाई जहाज की सुरक्षित लैंडिंग के लिए इन दिनों रनवे की सेफ्टी के लिए रेस्टोरेशन का काम चल रहा है.
अगर, रेस्टोरेशन का कार्य तय समय पर पूरा होता है तो एयरपाेर्ट के विस्तारीकरण के बाद इसकी लंबाई 26 मीटर तक बढ़ेगी. इस रनवे की लंबाई अभी 1163 मीटर है, 26 मीटर लंबाई बढ़ने के बाद इस रनवे की लंबाई 1189 मीटर हाेगी. रनवे की लंबाई बढ़ने से यहां पर लोड पेनल्टी कम हाेगी. वहीं, दूसरी ओर हिमाचल आने वाले पर्यटकों और यहां के स्थानीय लाेगाें को सुविधा मिलेगी. अपने दिल्ली दौरे के दौरान भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दिल्ली में पवन हंस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजीव राजदान से बैठक कर राज्य में शिमला-धर्मशाला हेली टैक्सी सेवाओं की दरें कम करने के निर्देश दिए थे. उन्होंने शिमला-धर्मशाला के लिए सीधी उड़ान शुरू करने के अलावा शिमला से मनाली के लिए हेली टैक्सी सेवाएं जल्द शुरू करने के लिए चर्चा की थी.
जुब्बड़हट्टी में टेक ऑफ रन कम होने से विमान में सिर्फ 10 सवारियां ही दिल्ली जाती थीं. हवाई पट्टी छोटी होने से विमान कंपनी को नुकसान उठाना पड़ रहा था. इसके चलते ही कंपनी ने बीते वर्ष लीज समाप्त होने के बाद शिमला से एटीआर 42 विमान चलाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई. मार्च 2020 से पहले जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डे पर 42 सीटर विमान में दिल्ली से आने वाली फ्लाइट में 30 से 35 सवारियां आती थीं. यहां टेक ऑफ रनवे केवल 34 मीटर है. शिमला से वापसी के लिए टेक ऑफ रन कम होने से फ्लाइट में सिर्फ 10 सवारियों को ही ले जाया जाता था.
आपको बता दें कि इस एयरपोर्ट से साल 2017 के अप्रैल माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन उड़ानों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा था कि हवाई सफर इतना सस्ता हो जाएगा कि हवाई चप्पल पहनने वाले भी इसका लाभ उठा पाएंगे. उड़ान-1 योजना का उद्देश्य छोटे शहरों के आम नागरिकों को सस्ते दर पर हवाई सेवाएं मुहैया कराना था.