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सील्ड रोड के विरोध में उतरे वकील, कोर्ट परिसर में जमकर की नारेबाजी

सील्ड रोड के विरोध में वकीलों ने कोर्ट परिसर में जमकर की नारेबाजी, वकीलों ने सील्ड मार्ग को खोलने की मांग की है. शिमला बार एसोसिएशन के वकीलों ने प्रतिबंधित मार्गों पर उनकी गाड़ियां रोकने वाले जज के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है.

राजीव सरकैक, अध्यक्ष, वार एसोसिएशन
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Published : Jul 25, 2019, 9:42 PM IST

Updated : Jul 25, 2019, 10:11 PM IST

शिमला: प्रतिबंध मार्ग पर वकीलों के वाहनों के रोके जाने के खिलाफ वकीलों ने प्रदेश हाई कोर्ट परिसर में जमकर नारेबाजी की. हाई कोर्ट के निर्देश के अनुसार वकीलों की गाड़ियां रोकने से शिमला के वकील खासे गुस्से में हैं और मामले को लेकर पिछले चार दिनों से काम काज छोड़ कर सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

राजीव सरकैक, अध्यक्ष, वार एसोसिएशन

वकीलों का गुस्सा गुरुवार को हिमाचल हाई कोर्ट के परिसर में देखने को मिला जहां शिमला बार एसोसिएशन के वकीलों ने प्रतिबंधित मार्गों पर उनकी गाड़ियां रोकने वाले जज के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया. हिमाचल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि वकीलों ने हाई कोर्ट परिसर में ही नारेबाजी कर अपना विरोध जताया हो.

वकीलों के प्रदर्शन के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने बातचीत का न्यौता दिया. दो घंटे से अधिक समय तक चली बातचीत के बाद जिला शिमला वार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव सरकैक ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश से सकारात्मक बातचीत हुई है, जिसमें वकीलों की मांगों को एक सप्ताह के भीतर पूरा करने का आश्वासन दिया गया है.

वकीलों के ऊपर हुई एफआईआर पर भी सहानुभूति पूर्ण विचार करने की बात कही गई है. अब वार एसोसिएशन 26 जुलाई को आम सभा बुलाकर आगे की रणनीति तैयार करेगी. उन्होंने बताया कि सील्ड रोड वकीलों के साथ-साथ आम जनता के लिए भी खुलने चाहिए.

शिमला में करीब 14 प्रतिबंधित मार्ग हैं. जिनमें से 6 रोड सील्ड तो 8 रोड रिस्ट्रिक्टेड हैं. जिनको 'शिमला रोड यूजर एंड पडेस्टीरियन एक्ट 2007' के तहत पब्लिक सेफ्टी के लिहाज से प्रतिबंधित रखा गया है लेकिन इन सड़कों पर या तो विशेष वीआईपी या आपातकाल की गाड़ियों ले जाने की इजाजत है.

जबकि अन्य लोगों की गाड़ियों को ले जाने के लिए गृह विभाग की विशेष अनुमति लेनी पड़ती है. इन मार्गों पर वकीलों को जाने की पहले इजात थी लेकिन ताजा आदेशों के बाद वकीलों को भी इन मार्गों पर जाने से रोका जा रहा है. इसी को लेकर वकील अपना काम धंधा छोड़कर सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हुए हैं.

शिमला: प्रतिबंध मार्ग पर वकीलों के वाहनों के रोके जाने के खिलाफ वकीलों ने प्रदेश हाई कोर्ट परिसर में जमकर नारेबाजी की. हाई कोर्ट के निर्देश के अनुसार वकीलों की गाड़ियां रोकने से शिमला के वकील खासे गुस्से में हैं और मामले को लेकर पिछले चार दिनों से काम काज छोड़ कर सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

राजीव सरकैक, अध्यक्ष, वार एसोसिएशन

वकीलों का गुस्सा गुरुवार को हिमाचल हाई कोर्ट के परिसर में देखने को मिला जहां शिमला बार एसोसिएशन के वकीलों ने प्रतिबंधित मार्गों पर उनकी गाड़ियां रोकने वाले जज के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया. हिमाचल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि वकीलों ने हाई कोर्ट परिसर में ही नारेबाजी कर अपना विरोध जताया हो.

वकीलों के प्रदर्शन के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने बातचीत का न्यौता दिया. दो घंटे से अधिक समय तक चली बातचीत के बाद जिला शिमला वार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव सरकैक ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश से सकारात्मक बातचीत हुई है, जिसमें वकीलों की मांगों को एक सप्ताह के भीतर पूरा करने का आश्वासन दिया गया है.

वकीलों के ऊपर हुई एफआईआर पर भी सहानुभूति पूर्ण विचार करने की बात कही गई है. अब वार एसोसिएशन 26 जुलाई को आम सभा बुलाकर आगे की रणनीति तैयार करेगी. उन्होंने बताया कि सील्ड रोड वकीलों के साथ-साथ आम जनता के लिए भी खुलने चाहिए.

शिमला में करीब 14 प्रतिबंधित मार्ग हैं. जिनमें से 6 रोड सील्ड तो 8 रोड रिस्ट्रिक्टेड हैं. जिनको 'शिमला रोड यूजर एंड पडेस्टीरियन एक्ट 2007' के तहत पब्लिक सेफ्टी के लिहाज से प्रतिबंधित रखा गया है लेकिन इन सड़कों पर या तो विशेष वीआईपी या आपातकाल की गाड़ियों ले जाने की इजाजत है.

जबकि अन्य लोगों की गाड़ियों को ले जाने के लिए गृह विभाग की विशेष अनुमति लेनी पड़ती है. इन मार्गों पर वकीलों को जाने की पहले इजात थी लेकिन ताजा आदेशों के बाद वकीलों को भी इन मार्गों पर जाने से रोका जा रहा है. इसी को लेकर वकील अपना काम धंधा छोड़कर सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हुए हैं.

Intro:प्रतिबन्ध मार्ग पर वकीलों के वाहनों के रोक जाने के खिलाफ आज वकीलों ने प्रदेश हाईकोर्ट परिसर में जमकर नारेबाजी की। हाई कोर्ट के निर्देश के अनुसार वकीलों की गाड़ियां रोकने से शिमला के वकील खासे गुस्से में है और मामले को लेकर पिछले चार दिनों से काम काज छोड़ कर सड़को पर प्रदर्शन कर रहे हैं।मामला सुलझता हुआ नजर नहीं आ रहा है।वकीलों का गुस्सा आज हिमाचल हाइकोर्ट के परिसर में देखने को मिला जहां शिमला बार एसोसिएशन के वकीलों ने प्रतिबंधित मार्गों पर उनकी गाड़ियां रोकने वाले जज के ख़िलाफ़ ही मोर्चा खोल दिया । हिमाचल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि वकीलों ने हाई कोर्ट परिसर में ही नारेबाज़ी कर अपना विरोध जताया हो।
Body:वकीलों के प्रदर्शन के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने बातचीत का न्यौता दिया। दो घंटे से अधिक समय तक चली बातचीत के बाद जिला शिमला वॉर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव सरकैक ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश से सकारात्मक बातचीत हुई है जिसमें वकीलों की मांगों को एक सप्ताह के भीतर पूरा करने का आश्वासन दिया है। वकीलों के ऊपर हुई एफआईआर पर भी सहानुभूति पूर्ण विचार करने की बात कही गई है। अब वॉर एसोसिएशन 26 जुलाई को आम सभा बुलाकर आगे की रणनीति तैयार करेगी। उन्होंने बताया कि सील्ड रोड़ वकीलों के साथ साथ आम जनता के लिए भी खुलने चाहिए।

शिमला में करीब 14 प्रतिबंधित मार्ग है। जिनमें से 6 रोड़ सील्ड तो 8 रोड़ रिस्ट्रिक्टेड है। जिनको "शिमला रोड़ यूजर एंड पडेस्टीरियन एक्ट 2007" के तहत पब्लिक सेफ्टी के लिहाज़ से प्रतिबंधित रखा गया है लेकिन इन सड़कों पर या तो विशेष वीआईपी या आपातकाल की गाड़ियों ले जाने की इजाज़त है। जबकि अन्यों की गाड़ियों को ले जाने के लिए गृह विभाग की विशेष अनुमति लेनी पड़ती है। इन मार्गो पर वकीलों को जाने की इजाज़त थी लेकिन ताज़ा आदेशों के बाद वकीलों भी को इन मार्गों पर जाने से रोका जा रहा है। इसी को लेकर वकील अपना काम धंधा छोड़ सड़को पर है।Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2019, 10:11 PM IST
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