शिमला: हिमाचल प्रदेश में इन दिनों हाटी समुदाय का आंदोलन चर्चा में है. उत्तराखंड के जौनसार बावर इलाके की तरह गिरिपार के निवासी भी जनजातीय का दर्जा दिए जाने की मांग उठा रहे (Hati community met CM Jairam) हैं. यहां तक की समुदाय ने मांग पूरी ना होने की सूरत में चुनाव के बहिष्कार का भी ऐलान किया है. हाटी समुदाय की आबादी 3 लाख के करीब है.
शनिवार को राज्य सरकार ने भी हाटी समुदाय की मांग को समर्थन दिया (Hati community movement in himachal) है. हालांकि भाजपा व कांग्रेस निरंतर इस मामले में गिरि पार के लोगों के साथ है. शनिवार को हाटी समुदाय का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिला.
प्रतिनिधिमंडल को संंबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार ट्रांस-गिरी क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र और हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिलवाने के लिए केंद्र सरकार के समक्ष प्रभावी ढंग से यह मामला उठाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के साथ लगते जौनसार क्षेत्र को पहले ही जनजातीय क्षेत्र घोषित किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि वे सिरमौर जिला के ट्रांस-गिरी क्षेत्र को जनजातीय दर्जा प्रदान करने का मामला एक बार पुनः केंद्रीय गृह मंत्री के समक्ष उठाएंगे.
उन्होंने कहा कि इससे न केवल इस क्षेत्र के विकास के लिए अतिरिक्त एवं विशेष बजट का प्रावधान सुनिश्चित होगा, बल्कि क्षेत्र के लोगों की चिरलंबित मांग भी पूरी होगी. सांसद एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप, ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी, विधायक रीना कश्यप, हिमाचल प्रदेश राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष बलदेव तोमर, मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुभासीष पन्डा और हाटी समुदाय के विभिन्न प्रतिनिधि भी इस अवसर पर उपस्थित थे.
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