शिमला: हिमाचल प्रदेश में बारिश ने भारी नुकसान किया है. दो महीने में 773 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान हो चुका है. इसके अलावा 233 लोगों ने जान गंवाई है. बुधवार को विधानसभा में ये जानकारी दी गई और बुधवार को ही किन्नौर हादसे में दस लोगों की जान चली गई. राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि भारी बारिश से जिन मकानों को नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई मनरेगा कार्यों से की जाएगी. राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने सदन में बताया मिनरेगा की विशेष शैल्फें बनेंगी और सरकार जल्दी ही इनकी स्वीकृति देगी.
विधायक विक्रम सिंह जरयाल और प्रकाश राणा के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हिमाचल में 13 जून से लेकर 9 अगस्त तक बारिश से 773 करोड़ का नुकसान हुआ. इसी अवधि में 233 लोगों की मौत हुई. हादसों में 11 लोगों के शव अभी भी बरामद नहीं हो पाए. सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण विभाग को हुआ है. राज्य में उक्त विभाग को 484 करोड़ का नुकसान हो चुका है. इसी तरह जल शक्ति विभाग को 215 करोड़ का नुकसान हुआ है. विधायकों ने चाहा था कि गौशाला के नुकसान होने पर जिस तरीके से पैसा स्वीकृत हो जाता है, वैसा ही लोगों के मकान गिरने या गिरने का खतरा होने पर भी किया जाए.
सदन में बताया गया कि बारिश, बर्फबारी के कारण कृषि, बागवानी फसलों को नुकसान हुआ तो प्रति परिवार को सात हजार रूपये की अधिकतम राहत राशि मिलेगी. गाद के कारण नुकसान होने पर 12200 रुपये प्रति हेक्टेयर, भूस्खलन से नुकसान होने पर 37500 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा मिलेगा. प्रभावित व्यक्ति का नाम राजस्व रिकार्ड में होना जरूरी है. वहीं, एक अन्य सवाल के जवाब में सदन में जानकारी दी गई कि कृषि विभाग में अधिकारियों के 2998 पद स्वीकृत हैं. इनमें से 1192 पद खाली चल रहे हैं. विधायक होशियार सिंह के सवाल के जवाब में कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने ये जानकारी दी. उन्होंने बताया कि विभाग में कृषि विस्तार अधिकारियों के 700 पद स्वीकृत हैं और 295 खाली पड़े हैं. कृषि विकास अधिकारी एडीओ के 328 पदों में 195 भरे हुए हैं और बाकी खाली हैं.
विधायक रमेश ध्वाला के सवाल के जवाब में महेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि जल जीवन मिशन आरंभ होने के बाद प्रदेश में 6018 40 नल स्थापित किए गए. 2019-20 से अब तक मिशन के तहत 2260 करोड़ की धनराशि आवंटित हुई. इनमें से 1107 करोड़ खर्च हो चुके हैं. राज्य को करीब 283 करोड़ का इंसेंटिव भी दो साल की अवधि के दौरान मिला. मंत्री ने कहा कि नए नलों की स्थापना सिर्फ पुरानी पेयजल योजना और पुरानी बिछाई पाइप लाइनों से नहीं की जा रही है. जल जीवन मिशन के निर्देशानुसार पूर्ण की गई योजनाओं और कार्यशील योजनाओं में 55 लीटर प्रतिदिन प्रति व्यक्ति की दर से पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए सुधार किया जा रहा है, ताकि पेयजल आपूर्ति बाधित न हो.
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