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कोरोना से फीका पड़ा राखी का त्योहार, संकट की घड़ी में डाक कर्मचारी निभा रहे बड़ी जिम्मेदारी

सिरमौर के पांवटा साहिब की तो राखी का त्योहार इस बार यहां फीका नजर आ रहा है. पांवटा साहिब बाजार में जगह-जगह राखी बिक रही है लेकिन लोगों में कोरोना का डर देखने को मिल रहा है. इस बार बहनें अपने भाइयों को पोस्ट ऑफिस के जरिए या तो फिर कोरियर के माध्यम से राखी भेजने की कोशिश कर रहे हैं.

raksha bandhan festival
पांवटा साहिब में राखी पहुंचा रहे डाक कर्मचारी.
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Published : Aug 2, 2020, 3:11 PM IST

Updated : Aug 2, 2020, 4:51 PM IST

पांवटा साहिब: रक्षाबंधन का त्योहार सावन मास की पूर्णिमा पर मनाया जाता है. हिंदू धर्म के लोगों के लिए यह त्योहार बहुत ही महत्व रखता है. राखी का त्योहार भाई और बहन के प्यार का प्रतीक है. रक्षाबंधन पर बहने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और अपने भाई की लंबी उम्र की दुआ मांगती हैं.

इस बार कोरोना महामारी के चलते राखी का पर्व भाई बहन मिलकर नहीं मना पाएंगे. जिला सिरमौर के पांवटा साहिब की तो राखी का त्योहार इस बार यहां फीका नजर आ रहा है. पांवटा साहिब बाजार में जगह-जगह राखी बिक रही है लेकिन लोगों में कोरोना का डर देखने को मिल रहा है. कोरोना संक्रमण के डर से लोग राखी खरीदने कम निकल रहे हैं. इस बार बाजार में हर बार की तरह रौनक नहीं लग रही है.

इस बार बहनें अपने भाइयों को पोस्ट ऑफिस के जरिए या तो फिर कोरियर के माध्यम से राखी भेजने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, कोरियर सुविधाएं दे रहे लोगों ने बताया कि बहनों ने पोस्ट ऑफिस या कोरियर के माध्यम से अपने भाइयों को राखियां भेज रही है. बहनों ने राखियां भेजने के लिए ऑनलाइन बुकिंग भी की है. उन्होंने कहा कि इस बार कोरियर में काम भी बढ़ गया है. कोरियर ऑफिस के कर्मचारी इस संकट की घड़ी में घरों में जाकर राखियां दे रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट

वहीं, डाकिया ने बताया कि इस बार राखी के त्योहार की वजह से उनकी ईद की छुट्टी भी रद्द हो गई. उन्होंने कहा कि राखियां पहुंचाने के लिए वह रोजाना काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जहां पर रोजाना 4 से 5 डाक एक आदमी को भेजने पड़ते थे. वहीं, इस बार डाकिया 30 से 40 रोजाना भेज रहे हैं. ज्यादा डाक आने की वजह से इस बार लोगों के घर राखियां पहुंचाना भी मुश्किल हो गया है.

वहीं, पांवटा साहिब पोस्ट ऑफिस के अधिकारी ने बताया कि पिछले साल राखी के सीजन में एक हजार डाक डिलीवरी करनी पड़ी जिसमें राखियां और बुजुर्ग पेंशन भी थी. इस बार 1350 सौ से अधिक डाक भेज दी गई है और उम्मीद है कि ढाई से तीन हजार तक इस बार डिलीवरी की जाएगी जिनमें सबसे ज्यादा राखियां ही है. उन्होंने कहा कि हर डाकिया घर घर जाकर राखियों को सही समय पर पहुंचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. इस बार काम ज्यादा होने की वजह से 6 डाकियों की ड्यूटी लगाई गई है.

वहीं, स्थानीय महिला ने बताया कि उनका भाई सहारनपुर में रहता है और वह पांवटा साहिब में है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से वह अपने भाई से मिलने नहीं पहुंच पा रही है. उन्होंने कहा कि उन्होंने राखी तो भेज दी है और वह उम्मीद कर रही है कि उसके भाई को सही समय पर राखी मिल जाए.

वहीं, एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि उन्होंने अपने हाथों से बनाई हुई राखी अपने भाई को कोरियर के माध्यम से भेज दी है. कोरोना की वजह से भाई-बहन के मिलन का त्योहार का रंग फीका हो गया है. वहीं, शिवानी वर्मा ने बताया कि पांवटा साहिब की महिलाओं ने इस बार खुद अपने हाथों से राखियां बनाई हैं ताकि जो भाई अपनी बहन से नहीं मिल पा रहा है उन्हें महिला मोर्चा की महिलाएं राखी पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं. वहीं, यह राखी पांवटा साहिब की आशा वर्करों के माध्यम से पहुंचाई जा रही है.

ये भी पढ़ें : इस बार भाइयों की कलाई पर नहीं सजेगी चाइनीज राखी, चाइना मेड सामान का बहिष्कार

पांवटा साहिब: रक्षाबंधन का त्योहार सावन मास की पूर्णिमा पर मनाया जाता है. हिंदू धर्म के लोगों के लिए यह त्योहार बहुत ही महत्व रखता है. राखी का त्योहार भाई और बहन के प्यार का प्रतीक है. रक्षाबंधन पर बहने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और अपने भाई की लंबी उम्र की दुआ मांगती हैं.

इस बार कोरोना महामारी के चलते राखी का पर्व भाई बहन मिलकर नहीं मना पाएंगे. जिला सिरमौर के पांवटा साहिब की तो राखी का त्योहार इस बार यहां फीका नजर आ रहा है. पांवटा साहिब बाजार में जगह-जगह राखी बिक रही है लेकिन लोगों में कोरोना का डर देखने को मिल रहा है. कोरोना संक्रमण के डर से लोग राखी खरीदने कम निकल रहे हैं. इस बार बाजार में हर बार की तरह रौनक नहीं लग रही है.

इस बार बहनें अपने भाइयों को पोस्ट ऑफिस के जरिए या तो फिर कोरियर के माध्यम से राखी भेजने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, कोरियर सुविधाएं दे रहे लोगों ने बताया कि बहनों ने पोस्ट ऑफिस या कोरियर के माध्यम से अपने भाइयों को राखियां भेज रही है. बहनों ने राखियां भेजने के लिए ऑनलाइन बुकिंग भी की है. उन्होंने कहा कि इस बार कोरियर में काम भी बढ़ गया है. कोरियर ऑफिस के कर्मचारी इस संकट की घड़ी में घरों में जाकर राखियां दे रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट

वहीं, डाकिया ने बताया कि इस बार राखी के त्योहार की वजह से उनकी ईद की छुट्टी भी रद्द हो गई. उन्होंने कहा कि राखियां पहुंचाने के लिए वह रोजाना काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जहां पर रोजाना 4 से 5 डाक एक आदमी को भेजने पड़ते थे. वहीं, इस बार डाकिया 30 से 40 रोजाना भेज रहे हैं. ज्यादा डाक आने की वजह से इस बार लोगों के घर राखियां पहुंचाना भी मुश्किल हो गया है.

वहीं, पांवटा साहिब पोस्ट ऑफिस के अधिकारी ने बताया कि पिछले साल राखी के सीजन में एक हजार डाक डिलीवरी करनी पड़ी जिसमें राखियां और बुजुर्ग पेंशन भी थी. इस बार 1350 सौ से अधिक डाक भेज दी गई है और उम्मीद है कि ढाई से तीन हजार तक इस बार डिलीवरी की जाएगी जिनमें सबसे ज्यादा राखियां ही है. उन्होंने कहा कि हर डाकिया घर घर जाकर राखियों को सही समय पर पहुंचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. इस बार काम ज्यादा होने की वजह से 6 डाकियों की ड्यूटी लगाई गई है.

वहीं, स्थानीय महिला ने बताया कि उनका भाई सहारनपुर में रहता है और वह पांवटा साहिब में है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से वह अपने भाई से मिलने नहीं पहुंच पा रही है. उन्होंने कहा कि उन्होंने राखी तो भेज दी है और वह उम्मीद कर रही है कि उसके भाई को सही समय पर राखी मिल जाए.

वहीं, एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि उन्होंने अपने हाथों से बनाई हुई राखी अपने भाई को कोरियर के माध्यम से भेज दी है. कोरोना की वजह से भाई-बहन के मिलन का त्योहार का रंग फीका हो गया है. वहीं, शिवानी वर्मा ने बताया कि पांवटा साहिब की महिलाओं ने इस बार खुद अपने हाथों से राखियां बनाई हैं ताकि जो भाई अपनी बहन से नहीं मिल पा रहा है उन्हें महिला मोर्चा की महिलाएं राखी पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं. वहीं, यह राखी पांवटा साहिब की आशा वर्करों के माध्यम से पहुंचाई जा रही है.

ये भी पढ़ें : इस बार भाइयों की कलाई पर नहीं सजेगी चाइनीज राखी, चाइना मेड सामान का बहिष्कार

Last Updated : Aug 2, 2020, 4:51 PM IST
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