पांवटा साहिब: दुनिया इस वक्त कोरोना जैसी महामारी से जूझ रही है. विश्वभर में इस बीमारी से संक्रमित लोगों का आंकड़ा 43 लाख से ज्यादा हो चुका है. वहीं, मृतकों का आंकड़ा तीन लाख पहुंचने वाला है. हर रोज इस बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है.
भारत में भी कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लगा हुआ है. भारत में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या ढाई हजार के पार हो चुकी है. हिमाचल प्रदेश में भी इस बीमारी से अब तक दो लोगों की मौत हुई है. कांगड़ा में तिब्बती बुजुर्ग और मंडी जिला के करसोग से संबंध रखने वाले 21 वर्षीय युवक की इस वायरस से मौत हुई है.
कोरोना संक्रमित युवक की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार को लेकर प्रदेश में काफी विवाद भी हुआ है. पहले युवक के अंतिम संस्कार के लिए नगर निगम का ना पहुंचना और फिर शव को मिट्टी का तेल डालकर जलाने का मामला काफी चर्चा में रहा.
अब कोरोना वायरस से मरने वालों के अंतिम संस्कार के लिए कई संस्थाएं और लोग सामने आ रहे हैं. एक ऐसे ही शख्स हैं हेमंत शर्मा जो कई लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करवा चुके हैं, तो कई शवों को सपुर्द-ए-खाक कर चुके हैं.
हेमंत शर्मा का आज हम इसलिए जिक्र कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने हिमाचल के गवर्नर और हिमाचल के मुख्यमंत्री को मेल के माध्यम से पत्र लिख गुजारिश की है कि अगर कोरोना वायरस जैसी महामारी से लड़ते हुए किसी की मौत हो जाती है तो सरकार अगर अनुमति दे तो उनकी संस्था सरल संस्कार वेलफेयर सोसायटी उन सब लोगों का अंतिम संस्कार करेंगे.
वहीं, हेमंत शर्मा के बड़े भाई विक्की शर्मा ने बताया कि जो लोग शव का संस्कार करने में असमर्थ हैं, ऐसे परिवारों की सहायता के लिए हम आगे आते हैं. पिछले 4 वर्षों से लगातार कोई सी भी परिस्थिति रही हो हेमंत शर्मा लगातार मदद के लिए आगे आए हैं.
अब कोरोना महामारी के समय जहां लोग डरे हुए हैं और कोरोना संक्रमितों से दूर रहना बेहतर समझ रहे हैं तो ऐसे में उनके छोटे भाई ने इतना बड़ा फैसला लिया है. हेमंत शर्मा ने ईटीवी से खास बातचीत करते हुए बताया कि कुछ दिन पहले हिमाचल के एक शव का कोई दाह संस्कार करने के लिए आगे नहीं आया. यह देख कर उन्होंने यह फैसला लिया कि उनकी टीम कोरोना से संक्रमित किसी व्यक्ति की हिमाचल में मौत हो जाए और शव का कोई संस्कार ना करें तो उनकी टीम आगे आएगी.
सरकार जो भी गाइडलाइन देगी उनका पूरा पालन करते हुए अंतिम संस्कार करेंगे. इसके लिए उन्होंने प्रदेश के गवर्नर और सीएम जयराम ठाकुर को मेल के माध्यम से पत्र भेजा है. जानकारी के अनुसार हेमंत शर्मा ने पहले ही अपने घर में अलग से एक कमरा तैयार कर दिया है. उन्होंने अपनी बेटी और पत्नी से दूर रहना शुरू कर दिया है. अब बस उन्हें प्रशासन के आदेश का इंतजार है जिसके बाद आगे का कार्य शुरू करेंगे.
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