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इस जहरीली घास से मिलेगी मुक्ति, अधिकारियों सहित सड़कों पर उतरे DC सिरमौर

सिरमौर में फैली जहरीली गाजर घास (पारथेनियम हिस्टिरोफोरस) के खात्मे के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है. अभियान में डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी सहित अधिकारियों व कर्मचारियों ने सड़कों पर उतर गाजर घास को उखाड़ने का कार्य किया.

Sirmour admins campaign
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Published : Aug 27, 2019, 10:28 AM IST

नाहनः गाजर घास, जिसे वैज्ञानिक भाषा में पारथेनियम हिस्टिरोफोरस के नाम से जाना जाता है, के खात्मे के लिए सिरमौर प्रशासन ने कमर कस ली है. प्रशासन ने बताया कि यह घास जहरीली होती है, जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होती है. इस घास से दमा व सांस संबंधी रोग होते हैं. लिहाजा इस घास को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए वन विभाग ने सिरमौर प्रशासन के सहयोग से विशेष अभियान शुरू किया है.


अभियान का शुभारंभ डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने किया. इस दौरान डीसी, एडीसी सिरमौर प्रियंका वर्मा सहित अधिकारियों व कर्मचारियों ने सड़कों पर उतर गाजर घास को उखाड़ने का कार्य किया. अभियान में एनसीसी एवं एनएसएस कैडेट्स भी शामिल हुए. इस दौरान नाहन के आसपास के क्षेत्रों से घास उखाड़ी गई.

वीडियो रिपोर्ट


डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने बताया कि पारथेनियम यानि गाजर घास बीमारी फैलाने वाली घास है. उन्होंने कहा कि इसे उखाड़ने का यह समय अनुकूल है. इसके बाद इस घास से बीज निकल आते हैं, जिससे इनकी संख्या और अधिक बढ़ जाती है. इसलिए यह अभियान इस समय शुरू किया गया है.


डीसी ने बताया कि शहर के साथ-साथ एनएच के किनारों से भी इस घास को उखाड़ा फेंका जाएगा. उन्होंने कहा कि इस अभियान को जारी रखा जा रहा है ताकि इस खतरनाक घास का सफाया पूरी तरह से किया जा सके

ये भी पढ़ें- तीन दिन बाद मिला युवक का शव, पारिवारिक झगड़े के चलते नहर में लगाई थी छलांग

नाहनः गाजर घास, जिसे वैज्ञानिक भाषा में पारथेनियम हिस्टिरोफोरस के नाम से जाना जाता है, के खात्मे के लिए सिरमौर प्रशासन ने कमर कस ली है. प्रशासन ने बताया कि यह घास जहरीली होती है, जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होती है. इस घास से दमा व सांस संबंधी रोग होते हैं. लिहाजा इस घास को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए वन विभाग ने सिरमौर प्रशासन के सहयोग से विशेष अभियान शुरू किया है.


अभियान का शुभारंभ डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने किया. इस दौरान डीसी, एडीसी सिरमौर प्रियंका वर्मा सहित अधिकारियों व कर्मचारियों ने सड़कों पर उतर गाजर घास को उखाड़ने का कार्य किया. अभियान में एनसीसी एवं एनएसएस कैडेट्स भी शामिल हुए. इस दौरान नाहन के आसपास के क्षेत्रों से घास उखाड़ी गई.

वीडियो रिपोर्ट


डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने बताया कि पारथेनियम यानि गाजर घास बीमारी फैलाने वाली घास है. उन्होंने कहा कि इसे उखाड़ने का यह समय अनुकूल है. इसके बाद इस घास से बीज निकल आते हैं, जिससे इनकी संख्या और अधिक बढ़ जाती है. इसलिए यह अभियान इस समय शुरू किया गया है.


डीसी ने बताया कि शहर के साथ-साथ एनएच के किनारों से भी इस घास को उखाड़ा फेंका जाएगा. उन्होंने कहा कि इस अभियान को जारी रखा जा रहा है ताकि इस खतरनाक घास का सफाया पूरी तरह से किया जा सके

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Intro:गाजर घास को बड़े स्तर पर उखाड़ने का जिला में विशेष अभियान शुरू
नाहन। गाजर घास, जिसे वैज्ञानिक भाषा में पारथेनियम हिस्टिरोफोरस के नाम से जाना जाता है, यह स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। इस घास से दमा व सांस संबंधी रोग होते हैं। लिहाजा इसी घास का खात्मा करने के लिए सिरमौर जिला में प्रशासन के सहयोग से वन विभाग द्वारा विशेष अभियान शुरू किया गया है।

Body:इस अभियान का शुभारंभ डीसी सिरमौर डा.आरके परूथी ने किया। इस दौरान डीसी, एडीसी सिरमौर प्रियंका वर्मा सहित अधिकारियों व कर्मचारियों ने सड़कों पर उतर इस घास को उखाड़ने का कार्य किया। इस अभियान में एनसीसी एवं एनएसएस केडेट्स भी शामिल हुए और नाहन के आसपास के क्षेत्रों से घास उखाड़ी। कर्मचारियों में भी इस अभियान को लेकर विशेष उत्साह देखा गया।
डीसी सिरमौर डा.आरके परूथी ने बताया कि पारथेनियम जिसे गाजर घास भी कहते हैं, एक बीमारी फैलाने वाला घास है और इसे उखाड़ने का यही समय सही होता है। इसलिए यह अभियान शुरू किया गया है, ताकि इस घास का सफाया हो सके। डीसी ने बताया कि शहर के साथ-साथ एनएच के किनारों से भी इस घास को उखाड़ने का अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि इस घास को नष्ट करने का यही महीना उपयुक्त समय होता है। उसके बाद इस घास से बीज निकल जाते है, जिससे इनकी संख्या और बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि इस अभियान को जारी रखा जा रहा है ताकि इस खतरनाक घास का सफाया पूरी तरह से किया जा सके।
बाइट: डा.आरके परूथी, डीसी सिरमौर Conclusion:
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