नाहनः गाजर घास, जिसे वैज्ञानिक भाषा में पारथेनियम हिस्टिरोफोरस के नाम से जाना जाता है, के खात्मे के लिए सिरमौर प्रशासन ने कमर कस ली है. प्रशासन ने बताया कि यह घास जहरीली होती है, जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होती है. इस घास से दमा व सांस संबंधी रोग होते हैं. लिहाजा इस घास को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए वन विभाग ने सिरमौर प्रशासन के सहयोग से विशेष अभियान शुरू किया है.
अभियान का शुभारंभ डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने किया. इस दौरान डीसी, एडीसी सिरमौर प्रियंका वर्मा सहित अधिकारियों व कर्मचारियों ने सड़कों पर उतर गाजर घास को उखाड़ने का कार्य किया. अभियान में एनसीसी एवं एनएसएस कैडेट्स भी शामिल हुए. इस दौरान नाहन के आसपास के क्षेत्रों से घास उखाड़ी गई.
डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने बताया कि पारथेनियम यानि गाजर घास बीमारी फैलाने वाली घास है. उन्होंने कहा कि इसे उखाड़ने का यह समय अनुकूल है. इसके बाद इस घास से बीज निकल आते हैं, जिससे इनकी संख्या और अधिक बढ़ जाती है. इसलिए यह अभियान इस समय शुरू किया गया है.
डीसी ने बताया कि शहर के साथ-साथ एनएच के किनारों से भी इस घास को उखाड़ा फेंका जाएगा. उन्होंने कहा कि इस अभियान को जारी रखा जा रहा है ताकि इस खतरनाक घास का सफाया पूरी तरह से किया जा सके
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