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बूढ़ी दिवाली पर लोगों का अनोखा फैसला, मिठाई के बदले प्याज उपहार में देकर मना रहे त्यौहार

पहाड़ी क्षेत्रों में बूढ़ी दिवाली का त्योहार मंगलवार से शुरू हो रहा है. बूढ़ी दिवाली में कई तरह के पारंपरिक आहार बनाए जाते हैं जिनके लिए प्याज बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. लोगों ने निर्णय लिया है कि मिठाइयों की जगह प्याज ले जाएंगे जिससे उनके रिश्तेदारों को भी काफी फायदा मिल सकता है.

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Published : Nov 26, 2019, 3:19 PM IST

budhi diwali in Paonta Sahib
बूढ़ी दिवाली पांवटा साहिब

पांवटा साहिब: पहाड़ी क्षेत्रों में बूढ़ी दिवाली का त्यौहार मंगलवार से शुरू हो रहा है और गिरी पार क्षेत्र के लोगों और किसानों ने मिठाई और फ्रूट की जगह इस बार दीवाली पर प्याज ले जाना शुरू कर दिया है. लोगों का कहना है 1 किलो प्याज 15 दिन चलेंगे जब की मिठाइयां एक दिन में ही खत्म हो जाएगी.

बता दें कि प्याज के बढ़ते दामों से लोगों परेशान हो गए हैं. प्याज के दाम 70 और 80 रुपये प्रति किलो हो गया है, जिसके चलते लोगों के किचेन का जायका बिगड़ गया है. देश के कई हिस्सों में एक बार फिर प्याज के दामों ने आसमान छू लिया है. हिमाचल, हरियाणा पंजाब,उत्तराखंड, दिल्ली कई राज्यों तक के बाजारों में प्याज के दाम बढ़ते जा रहे हैं. जिससे एक बार फिर आम जनता में रोष है.

मिठाई के बदले प्याज उपहार

स्थानीय लोगों का कहना है कि बूढ़ी दिवाली में कई तरह के पारंपरिक आहार बनाए जाते हैं जिनके लिए प्याज बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. लोगों ने निर्णय लिया है कि मिठाइयों की जगह अगर प्याज ले जाए तो हमारे रिश्तेदारों को भी काफी फायदा मिल सकता है. लोगों ने यह पहल शुरू कर दी कि प्याज को सड़ने से अगर बचाना है तो ऐसा ही कुछ करना पड़ेगा आसमान छू रहे प्याज किसानों की कमर तोड़ रहे हैं.

प्याज ने गरीब लोगों की कमर तोड़ी ही है पर दुकानदारों के भी पसीने छूट गए हैं. दुकानदार 1 दिन में 40 किलो प्याज बेचते थे. वहीं, अब एक दिन में एक या दो किलो बिक रहे हैं. दुकानदारों का कहना है कि बूढ़ी दिवाली में जहां सबसे ज्यादा प्याज बिकते थे. इस बार प्याज की बिक्री बिल्कुल कम हो गई है. दुकानों में पड़े प्याज के कट्टे सड़ने की कगार पर है पर खरीदार आते ही नहीं हैं. हालांकि कुछ लोग प्याज पैक करवा कर रिश्तेदारों के लिए ले रहे हैं.

ये भी पढ़ें: सलूणी से वापस आ रहा ट्रक कॉलेज मार्ग पर क्षतिग्रस्त, 2 लोग घायल

पांवटा साहिब: पहाड़ी क्षेत्रों में बूढ़ी दिवाली का त्यौहार मंगलवार से शुरू हो रहा है और गिरी पार क्षेत्र के लोगों और किसानों ने मिठाई और फ्रूट की जगह इस बार दीवाली पर प्याज ले जाना शुरू कर दिया है. लोगों का कहना है 1 किलो प्याज 15 दिन चलेंगे जब की मिठाइयां एक दिन में ही खत्म हो जाएगी.

बता दें कि प्याज के बढ़ते दामों से लोगों परेशान हो गए हैं. प्याज के दाम 70 और 80 रुपये प्रति किलो हो गया है, जिसके चलते लोगों के किचेन का जायका बिगड़ गया है. देश के कई हिस्सों में एक बार फिर प्याज के दामों ने आसमान छू लिया है. हिमाचल, हरियाणा पंजाब,उत्तराखंड, दिल्ली कई राज्यों तक के बाजारों में प्याज के दाम बढ़ते जा रहे हैं. जिससे एक बार फिर आम जनता में रोष है.

मिठाई के बदले प्याज उपहार

स्थानीय लोगों का कहना है कि बूढ़ी दिवाली में कई तरह के पारंपरिक आहार बनाए जाते हैं जिनके लिए प्याज बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. लोगों ने निर्णय लिया है कि मिठाइयों की जगह अगर प्याज ले जाए तो हमारे रिश्तेदारों को भी काफी फायदा मिल सकता है. लोगों ने यह पहल शुरू कर दी कि प्याज को सड़ने से अगर बचाना है तो ऐसा ही कुछ करना पड़ेगा आसमान छू रहे प्याज किसानों की कमर तोड़ रहे हैं.

प्याज ने गरीब लोगों की कमर तोड़ी ही है पर दुकानदारों के भी पसीने छूट गए हैं. दुकानदार 1 दिन में 40 किलो प्याज बेचते थे. वहीं, अब एक दिन में एक या दो किलो बिक रहे हैं. दुकानदारों का कहना है कि बूढ़ी दिवाली में जहां सबसे ज्यादा प्याज बिकते थे. इस बार प्याज की बिक्री बिल्कुल कम हो गई है. दुकानों में पड़े प्याज के कट्टे सड़ने की कगार पर है पर खरीदार आते ही नहीं हैं. हालांकि कुछ लोग प्याज पैक करवा कर रिश्तेदारों के लिए ले रहे हैं.

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Intro:प्याज के बढ़ते दामों में तोड़ी लोगों की कमर
दुकानदार भी परेशान कम ले रहे हैं ग्राहक प्याज
56 इंच का सीना नहीं कर पाया गरीबों की सहायता
प्याज के साथ-साथ और सब्जियों के दाम में भी बढ़ोतरी
प्याज के बढ़ते दामों पर अब गिरी पार क्षेत्र कें लोगो की भी नई पहलBody:


पहाड़ी क्षेत्रों में बूढ़ी दिवाली का त्योहार आज से शुरू हो रहा है तथा गिरी पार क्षेत्र के लोगो ओर किसानों ने मिठाई और फ्रूट की जगह इस बार दीवाली पर प्याज ले जाना शुरू कर दिया है लोगों का कहना है 1 किलो प्याज 15 दिन चलेंगे जब की मिठाईयां एक दिन में ही खत्म हो जाएगी प्याज के बढ़ते दाम लोगों के लिए सिरदर्द बना पड़ा है 70 और 80 रुपए किलो प्याज के रेट ने लोगों की कमर तोड़ दी है देश के कई हिस्सों में एक बार फिर प्याज के दामों ने आसमान छू लिया है. हिमाचल से लेकर , हरियाणा पंजाब,उत्तराखंड, दिल्ली कई राज्यों तक के बाजारों में प्याज के दाम बढ़ते जा रहे हैं. जिससे एक बार फिर आम जनता में रोष है लोगों का कहना है कि कहां गया वह 56 इंच का सीना जो गरीबों के हित के लिए कार्य कर रहा था भाजपा सरकार कांग्रेस सरकार के समय में प्याज के दाम बढ़ने पर सड़कों पर प्रदर्शन करती थे अब उनके है राज में इतने दाम बाद रहे है इसका मुख्य कारण भाजपा के बड़े व्यापारियों के द्वारा प्याज को गोदामों में स्टोर किया हुआ है

लोगों का कहना है कि बूढ़ी दिवाली में क कई तरह के पारंपरिक आहार बनाए जाते हैं जिनके लिए प्याज बहुत महत्वपूर्ण होते हैं इसीलिए मिठाइयों की जगह अगर प्याज ले जाए तो हमारे रिश्तेदारों को भी काफी फायदा मिल सकता है और लोगों ने यह पहल शुरू कर दी है हमारे चैनल से खास बातचीत करते हुए लोगों ने बताया कि प्याज को सड़ने से अगर बचाना है तो ऐसा ही कुछ करना पड़ेगा आसमान छू रहे प्याज किसानों की कमर ही नहीं तोड़ी बल्कि प्याज का सपना भी लेना छुड़वा दिया इन लोगों ने तो अब घरों में प्याज का छोका लगाना ही बंद कर दिया है बुजुर्गों ने तो यहां तक कह दिया कि अब सब्जी खाना लोगों को आफत बन गया है प्याज के साथ-साथ अन्य सब्जियों के दाम भी बढ़ रहे हैं ₹40 से कम अब सब्जी नहीं मिल पा रही है एक गरीब आदमी सब्जी नहीं खा पा रहा है और सरकार वादे और योजनाएं भाषाओं में ही अच्छे लगते हैं धरातल पर ही एक भी योजनाएं नहीं पहुंच पा रही है आज भी गरीब और गरीब हो चुका है दो वक्त की रोटी उसे नसीब नहीं हो पा रही है गरीबों को देखने वाला कोई नहीं कुछ लोगों से जब पूछा गया कि घरों के लिए से मिठाइयां या फ्रूट जाओ तो उन्होंने भी प्याज की बात कही की प्याज ले जाकर रिश्तेदारों को भी याद रहेगा कि प्याज के बढ़ते दाम गरीबों के लिए आफत बनी पड़ी है और बूढ़ी दिवाली में हमारे रिश्तेदार विधोलिया बनाने के लिए ताकि प्यास का इस्तेमाल कर सकें

बाइट आधा दर्जन गरीब लोग

फीका पड़ गया है बाजार में प्याज

प्याज ने गरीब लोगों की कमर तोड़ी ही है पर दुकानदारों के भी पसीने छूट गए है जहां दुकानदार 1 दिन में 40 किलो प्याज बेचते थे वहीं अब एक या 2 किलो बिक रहे हैं दुकानदारों का कहना है कि बूढ़ी दिवाली मैं जहां सबसे ज्यादा प्याज बिकते थे इस बार प्याज की बिक्री बिल्कुल कम पड़ गई है दुकानों में पड़े प्याज के कट्टे अ ब सड़ने की कगार पर है पर लेने वाला कोई नहीं है
हालांकि कुछ एक लोग 1-2, किलो प्याज पैक करवा कर अपने रिश्तेदारों के यहां पर ले जा रहे हैं पर अगर यही हाल रहा तो दुकानदारों को भी भारी नुकसान होगा ओर जो प्याज स्टॉक में है वह सड़ जाएगा।

बाइट टिंकू शर्माConclusion:अगर प्याजो के दाम नहीं घटे तो गरीबों के घर में प्याज के छोके नहीं लग पाएंगे दो वक्त की रोटी तो गरीबों को नसीब नहीं हो पा रही है ऐसे में ₹80 किलो प्याज कैसे खरीदेंगे सरकार को जल्द इसके लिए कदम उठाना चाहिए ताकि लोगों को थोड़ी राहत मिल सके
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