पांवटा साहिब: पहाड़ी क्षेत्रों में बूढ़ी दिवाली का त्यौहार मंगलवार से शुरू हो रहा है और गिरी पार क्षेत्र के लोगों और किसानों ने मिठाई और फ्रूट की जगह इस बार दीवाली पर प्याज ले जाना शुरू कर दिया है. लोगों का कहना है 1 किलो प्याज 15 दिन चलेंगे जब की मिठाइयां एक दिन में ही खत्म हो जाएगी.
बता दें कि प्याज के बढ़ते दामों से लोगों परेशान हो गए हैं. प्याज के दाम 70 और 80 रुपये प्रति किलो हो गया है, जिसके चलते लोगों के किचेन का जायका बिगड़ गया है. देश के कई हिस्सों में एक बार फिर प्याज के दामों ने आसमान छू लिया है. हिमाचल, हरियाणा पंजाब,उत्तराखंड, दिल्ली कई राज्यों तक के बाजारों में प्याज के दाम बढ़ते जा रहे हैं. जिससे एक बार फिर आम जनता में रोष है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि बूढ़ी दिवाली में कई तरह के पारंपरिक आहार बनाए जाते हैं जिनके लिए प्याज बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. लोगों ने निर्णय लिया है कि मिठाइयों की जगह अगर प्याज ले जाए तो हमारे रिश्तेदारों को भी काफी फायदा मिल सकता है. लोगों ने यह पहल शुरू कर दी कि प्याज को सड़ने से अगर बचाना है तो ऐसा ही कुछ करना पड़ेगा आसमान छू रहे प्याज किसानों की कमर तोड़ रहे हैं.
प्याज ने गरीब लोगों की कमर तोड़ी ही है पर दुकानदारों के भी पसीने छूट गए हैं. दुकानदार 1 दिन में 40 किलो प्याज बेचते थे. वहीं, अब एक दिन में एक या दो किलो बिक रहे हैं. दुकानदारों का कहना है कि बूढ़ी दिवाली में जहां सबसे ज्यादा प्याज बिकते थे. इस बार प्याज की बिक्री बिल्कुल कम हो गई है. दुकानों में पड़े प्याज के कट्टे सड़ने की कगार पर है पर खरीदार आते ही नहीं हैं. हालांकि कुछ लोग प्याज पैक करवा कर रिश्तेदारों के लिए ले रहे हैं.
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