राजगढ़: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गंगूराम मुसाफिर ने सराहां में आयोजित प्रेस वार्ता में सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बीजेपी सरकार अपना तीन वर्षों का कार्यकाल पूरा कर रही है, लेकिन यह समय पूरी तरह निराशाजनक रहा है.
गंगूराम मुसाफिर ने कहा कि सरकार लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरी है. सरकार ने जो घोषणाएं की थी वह केवल जुमला ही निकली हैं. उन्होंने कहा कि आज महंगाई, बेरोजगारी बढ़ी है और सरकार कुछ नहीं कर रही है. भ्रष्टाचार का बोलबाला है, महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं और नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं जा रहा है.
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष मुसाफिर ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा की इस कोरोना काल मे सरकार की उपलब्धि न के बराबर है. यहीं नहीं इस महामारी को कंट्रोल करने में यह सरकार पूरी तरह विफल रही है. उन्होंने कहा कि जब लॉकडाउन लगाना चाहिए था तब खोल दिया और जब खुला रखना था तब लॉकडाउन लगा दिया. इससे न केवल लोगों की आजीविका पर विपरीत प्रभाव पड़ा बल्कि लोगों में एक अजीब सा डर अभी भी बना हुआ है.
मुसाफिर ने पच्छाद का जिक्र करते हुए कहा कि जो वायदे और घोषणाएं मुख्यमंत्री समेत उनके मंत्रियों ने उपचुनाव ने किए थे, उनमें से एक भी कार्य यहां नही हुआ है. उन्होंने कहा कि लोगों में गुस्सा है कि उन्हें रोजगार नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि उपचुनाव में सिंचाई योजनाओं, पेयजल योजनाओं का जिक्र किया गया लेकिन जमीनी स्तर पर अभी तक एक भी कार्य नहीं हुआ है.
मुसाफिर ने मुख्यमंत्री पर भेदभाव और क्षेत्रवाद की दृष्टि से विकास कार्य का आरोप लगाते कहा कि स्वयं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उपचुनाव से पहले सराहां में कहा था कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र सराज की तर्ज पर पच्छाद का विकास होगा लेकिन अभी तक यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ है. यहां के लिए न तो पर्यटन की दृष्टि से बजय आया है और न ही हैलीपैड बनाया गया है. सरकार ने किसान बिल लागू किया जिससे किसानों में रोष है.
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