नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंक धोखाधड़ी को रोकने और जोखिम प्रबंधन को मजबूत करने के लिए नियमों में बड़ा बदलाव किया है. इसके तहत अब अगर कोई बैंक खाता धोखाधड़ी वाली गतिविधियों में शामिल है तो बैंकों को उसे चिह्नित कर तुरंत कार्रवाई करनी होगी. इससे धोखाधड़ी की गई रकम को वापस करने में मदद मिलेगी. नए नियम सभी तरह के बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और अन्य वित्तीय संस्थानों पर लागू होंगे. RBI ने हाल ही में इस संबंध में प्रमुख दिशा-निर्देशों वाला एक नया सर्कुलर जारी किया है. इसका उद्देश्य क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों, ग्रामीण सहकारी बैंकों, वाणिज्यिक बैंकों और NBFC में धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन ढांचे को मजबूत करना है.
बैंकों को एक समिति बनानी होगी
सर्कुलर के मुताबिक अब हर बैंक एक विशेष समिति बनाएगा जिसका काम बैंक में धोखाधड़ी के मामलों पर कड़ी नजर रखना होगा. हर बैंक ऐसा मजबूत सिस्टम बनाएगा जिसमें धोखाधड़ी की हर शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करनी होगी. उन्हें ट्रैक करना होगा और उसकी स्थिति की जानकारी आरबीआई को देनी होगी. समिति यह भी पता लगाएगी कि बैंकिंग सिस्टम में कहां कमी रह गई जिसकी वजह से धोखाधड़ी हुई. इसके मुताबिक बैंक के आंतरिक प्रबंधन में बदलाव करके उसे मजबूत बनाया जाएगा.
संदिग्ध खातों पर कड़ी नजर
अगर बैंक का कोई भी खाता किसी धोखाधड़ी वाली गतिविधि से जुड़ा हुआ है तो बैंक सिस्टम पहले ही चेतावनी जारी कर देगा और उस खाते को रेड फ्लैग कर दिया जाएगा. इससे बैंकों के लिए धोखाधड़ी में शामिल या बिना केवाईसी वाले खातों की निगरानी और पहचान करना आसान हो जाएगा. इसके साथ ही ऐसे खातों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाएगी. आरबीआई ने यह भी कहा है कि रेड फ्लैग वाले खातों पर बैंक किसी तरह का लोन जारी नहीं कर पाएंगे. साथ ही बैंकों को ऐसे खातों की जानकारी सात दिन के अंदर आरबीआई को देनी होगी.
बैंकों को क्या करना होगा
- अगर बैंकों को 6 करोड़ रुपये से ज़्यादा की धोखाधड़ी के मामले मिलते हैं, तो सबसे पहले इसकी सूचना सीबीआई को देनी होगी.
- इससे कम राशि की धोखाधड़ी के मामलों में राज्य पुलिस को सूचना देनी होगी.
- धोखाधड़ी के मामलों से निपटने के लिए बैंकों को एक समिति बनानी होगी.
- धोखाधड़ी से जुड़े बैंक खातों को लाल झंडा लगाकर चिह्नित करना होगा.
- ऐसे खातों की जानकारी सात दिनों के भीतर आरबीआई को देनी होगी.
ये मामले धोखाधड़ी के अंतर्गत आएंगे
- पैसे का दुरुपयोग और आपराधिक विश्वासघात
- जाली दस्तावेजों के माध्यम से नकदी निकालना
- तथ्यों को छिपाकर किसी व्यक्ति को धोखा देना
- झूठे दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड बनाकर जालसाजी
- विदेशी मुद्रा से जुड़े धोखाधड़ी वाले लेनदेन
- धोखाधड़ी वाले इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग/डिजिटल भुगतान लेनदेन