ETV Bharat / city

गिरीपार के क्षेत्रों में अदरक की फसल तैयार, कम दाम मिलने से किसान परेशान

जिला में अदरक की खेती खत्म होती जा रही है. यहां अधिकतर किसान अपना गुजारा-बसर अदरक की खेती से करते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों से अदरक के दाम कम होने से किसानों ने इसकी खेती करनी छोड़ दी है. किसानों का कहना है कि इस बार अदरक की फसल लगाई गई हैं, उसकी पैदावार काफी ज्यादा मात्रा में हुई है, लेकिन दाम बहुत कम मिल रहे हैं.

Ginger farming started in Giripar areas in Paonta Sahib
Ginger farming started in Giripar areas in Paonta Sahib
author img

By

Published : Nov 8, 2020, 2:20 PM IST

पांवटा साहिबः सिरमौर के पहाड़ी क्षेत्रों में अदरक की खेती खत्म होती जा रही है. यहां अधिकतर किसान अपना गुजारा-बसर अदरक की खेती से करते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों से अदरक के दाम कम होने से किसानों ने इसकी खेती करनी छोड़ दी है.

जिला में कुछ ही गांव ऐसे बचे हैं जो अदरक की खेती कर रहे हैं. वहीं, जिला सिरमौर के पांवटा साहिब के गिरीपार के नघेता, धमौन, कुलथिना, कोटगा, राजपुर, डांडा, आंज आदि क्षेत्रों में इन दिनों अदरक की खेती की जा रही हैं.

किसानों का कहना है कि इस बार अदरक की फसल लगाई गई हैं, उसकी पैदावार काफी ज्यादा मात्रा में हुई है, लेकिन दाम बहुत कम मिल रहे हैं. ऐसे में किसानों को फिर से अदरक की फसल से मायूस होना पड़ रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष अदरक के दाम 3000 से लेकर 5000 रुपये तक थे. वहीं, इस बार एक हजार से 12 सौ रुपए तक मंडियों में अदरक बेचा जा रहा है, ऐसे में किसानों को काफी दिक्कतें पेश आ रही है.

वह किसान रामेश्वर शर्मा ने बताया कि पिछली बार एक लाख से ज्यादा का अदरक उन्होंने बेचा था. उन्होंने कहा कि इस बार अदरक के दाम बहुत कम मिल रहें है, जिसके कारण लोग काफी परेशान है.

किसानों का कहना है कि कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन में काम काज ठप पड़ा है. वहीं, फसलें ही किसानों की आर्थिक को संवारने का जरिया था, लेकिन इनके दाम भी कम होने पर किसानों को मायूस होना पड़ रहा है.

बता दें कि सिरमौर के पहाड़ी क्षेत्रों में अदरक की खेती उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा की मंडियों में बड़ी मात्रा में बेचा जाता था. वहीं, सिरमौर जिला में भारी मात्रा में अदरक की खेती का उत्पादन किया जाता था, पर अब पहाड़ी इलाकों में अदरक की खेती लुप्त होती दिख रही है लोग नगदी फसलों की ज्यादा पैदावार कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: नोटबंदी के 4 साल: हिमाचल के बैंकों में जमा हुए थे 7000 करोड़ रुपये

पांवटा साहिबः सिरमौर के पहाड़ी क्षेत्रों में अदरक की खेती खत्म होती जा रही है. यहां अधिकतर किसान अपना गुजारा-बसर अदरक की खेती से करते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों से अदरक के दाम कम होने से किसानों ने इसकी खेती करनी छोड़ दी है.

जिला में कुछ ही गांव ऐसे बचे हैं जो अदरक की खेती कर रहे हैं. वहीं, जिला सिरमौर के पांवटा साहिब के गिरीपार के नघेता, धमौन, कुलथिना, कोटगा, राजपुर, डांडा, आंज आदि क्षेत्रों में इन दिनों अदरक की खेती की जा रही हैं.

किसानों का कहना है कि इस बार अदरक की फसल लगाई गई हैं, उसकी पैदावार काफी ज्यादा मात्रा में हुई है, लेकिन दाम बहुत कम मिल रहे हैं. ऐसे में किसानों को फिर से अदरक की फसल से मायूस होना पड़ रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष अदरक के दाम 3000 से लेकर 5000 रुपये तक थे. वहीं, इस बार एक हजार से 12 सौ रुपए तक मंडियों में अदरक बेचा जा रहा है, ऐसे में किसानों को काफी दिक्कतें पेश आ रही है.

वह किसान रामेश्वर शर्मा ने बताया कि पिछली बार एक लाख से ज्यादा का अदरक उन्होंने बेचा था. उन्होंने कहा कि इस बार अदरक के दाम बहुत कम मिल रहें है, जिसके कारण लोग काफी परेशान है.

किसानों का कहना है कि कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन में काम काज ठप पड़ा है. वहीं, फसलें ही किसानों की आर्थिक को संवारने का जरिया था, लेकिन इनके दाम भी कम होने पर किसानों को मायूस होना पड़ रहा है.

बता दें कि सिरमौर के पहाड़ी क्षेत्रों में अदरक की खेती उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा की मंडियों में बड़ी मात्रा में बेचा जाता था. वहीं, सिरमौर जिला में भारी मात्रा में अदरक की खेती का उत्पादन किया जाता था, पर अब पहाड़ी इलाकों में अदरक की खेती लुप्त होती दिख रही है लोग नगदी फसलों की ज्यादा पैदावार कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: नोटबंदी के 4 साल: हिमाचल के बैंकों में जमा हुए थे 7000 करोड़ रुपये

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.