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हिमाचल के इन चार मंदिरों का होगा सौंदर्यीकरण, स्थानीय कलाकारों के लिए सांस्कृतिक संध्या भी होगी आरक्षित - TEMPLES BEAUTIFIED IN HIMACHAL

देवभूमि के मंदिरों का सौंदर्यीकरण होगा. सीएम सुखविंदिर सिंह सुक्खू ने इसकी जानकारी दी है.

हिमाचल के चार मंदिरों का होगा सौंदर्यीकरण
हिमाचल के चार मंदिरों का होगा सौंदर्यीकरण (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 14, 2025, 7:43 AM IST

शिमला: हिमाचल में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विश्व के मानचित्र में प्रसिद्ध देवभूमि के मंदिरों का सौंदर्यीकरण होगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को शिमला में भाषा एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. इस मौके पर सीएम सुक्खू ने कहा कि बाबा बालक नाथ, माता चिंतपूर्णी, श्री नैना देवी और ज्वालाजी मंदिर परिसरों के सौन्दर्यीकरण के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा.

इन मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए विश्व स्तरीय सुविधाओं का सृजन किया जाएगा, जिससे प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी वित्त वर्ष से सभी जिलों में ‘जिला स्तरीय उत्सव’ आयोजित किए जाएंगे. प्रदेश में आयोजित किये जाने वाले मेलों एवं उत्सवों में कम से कम एक सांस्कृतिक संध्या स्थानीय कलाकारों के लिए आरक्षित की जाएगी. सांस्कृतिक कार्यक्रमों के कुल व्यय की 33 फीसदी राशि स्थानीय कलाकारों को दिए जाने का प्रावधान किया जाएगा.

कलाकारों के मानदेय को लेकर दिए निर्देश

मुख्यमंत्री ने कलाकारों का मानदेय निर्धारित करने और मानदेय का युक्तिकरण करने के भी निर्देश दिए. सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से 107 मेले अधिसूचित किए गए हैं जिनमें 4 अंतरराष्ट्रीय स्तर, 5 राष्ट्रीय स्तर, 29 राज्य स्तर और जिला स्तर के 69 मेले शामिल हैं. प्रदेश सरकार की तरफ से वित्त वर्ष 2024-25 में अभी तक इन मेलों के आयोजन के लिए 1.10 करोड़ रुपये सहायता अनुदान राशि प्रदान की गई है.

शिमला स्थित बैंटनी कैसल में डिजिटल संग्रहालय की स्थापना का कार्य इस वर्ष पूर्ण कर लिया जाएगा और अंतर्राष्ट्रीय रौरिक स्मारक ट्रस्ट को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने और शिमला विंटर कार्निवल के आयोजन को अधिसूचित करने के भी निर्देश दिए गए. मुख्यमंत्री ने विभाग की ओर से कार्यान्वित की जा रही अन्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा भी की.

ये भी पढ़ें: मकर संक्रांति पर महर्षि जमदग्नि की तपोस्थली तत्तापानी में लगेगी आस्था की डुबकी, इस दिन तुलादान और खिचड़ी दान का है विशेष महत्व

शिमला: हिमाचल में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विश्व के मानचित्र में प्रसिद्ध देवभूमि के मंदिरों का सौंदर्यीकरण होगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को शिमला में भाषा एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. इस मौके पर सीएम सुक्खू ने कहा कि बाबा बालक नाथ, माता चिंतपूर्णी, श्री नैना देवी और ज्वालाजी मंदिर परिसरों के सौन्दर्यीकरण के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा.

इन मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए विश्व स्तरीय सुविधाओं का सृजन किया जाएगा, जिससे प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी वित्त वर्ष से सभी जिलों में ‘जिला स्तरीय उत्सव’ आयोजित किए जाएंगे. प्रदेश में आयोजित किये जाने वाले मेलों एवं उत्सवों में कम से कम एक सांस्कृतिक संध्या स्थानीय कलाकारों के लिए आरक्षित की जाएगी. सांस्कृतिक कार्यक्रमों के कुल व्यय की 33 फीसदी राशि स्थानीय कलाकारों को दिए जाने का प्रावधान किया जाएगा.

कलाकारों के मानदेय को लेकर दिए निर्देश

मुख्यमंत्री ने कलाकारों का मानदेय निर्धारित करने और मानदेय का युक्तिकरण करने के भी निर्देश दिए. सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से 107 मेले अधिसूचित किए गए हैं जिनमें 4 अंतरराष्ट्रीय स्तर, 5 राष्ट्रीय स्तर, 29 राज्य स्तर और जिला स्तर के 69 मेले शामिल हैं. प्रदेश सरकार की तरफ से वित्त वर्ष 2024-25 में अभी तक इन मेलों के आयोजन के लिए 1.10 करोड़ रुपये सहायता अनुदान राशि प्रदान की गई है.

शिमला स्थित बैंटनी कैसल में डिजिटल संग्रहालय की स्थापना का कार्य इस वर्ष पूर्ण कर लिया जाएगा और अंतर्राष्ट्रीय रौरिक स्मारक ट्रस्ट को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने और शिमला विंटर कार्निवल के आयोजन को अधिसूचित करने के भी निर्देश दिए गए. मुख्यमंत्री ने विभाग की ओर से कार्यान्वित की जा रही अन्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा भी की.

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