पांवटा साहिब: धूमधाम के साथ अपनी बेटी की शादी करना हर मां-बाप का ख्वाब होता हैं. बेटियों को अच्छे पति के साथ-साथ खुशियां देने वाला परिवार भी मिले. इसी उम्मीद में मां-बाप अपने आंगन से बेटी को विदा करते हैं. लेकिन कुछ ऐसे मामले सामने आते हैं, जिसमें अपनी बेटियों के बेहतर जिंदगी देने नाम पर मां-बाप ना चाहते हुए भी अपनी बेटियों को गर्त में धकेल देते हैं. जिसका खामियाजा बेटियों को शादी के बाद भुगतना पड़ता है.
ऐसे ही कुछ मामले सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में सामने आ रहे हैं. बेटियों के लिए चलाई जा रही योजनाएं भी इन अपराध को रोकने में नाकाम साबित हो रही हैं. विदेशों में रहने वाले लड़कों और गैर राज्यों में ब्याही जाने वाली बेटियों को ससुराल में सताया जा रहा है. पिछले 6 महीनों में इस तरह के 100 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं.
रुक नहीं रहा महिलाओं के साथ प्रताड़ना का मामला
पांवटा साहिब में कुछ दिन पहले एक ऐसा मामला सामने आया था कि एक बेटी को जबरदस्ती उसे हरियाणा के कुरूक्षेत्र ले जा रहे थे. पीड़िता ने गाड़ी से कूदकर अपनी जान बचाई. घटना स्थल पर मौजूद पुलिस ने गाड़ी को रोककर उसमें सवार सभी लोगों को थाने ले गई.
वहीं, एक दूसरे मामले में पीड़िता की बहन बताती है कि उनकी बहन की उत्तराखंड निवासी एक युवक से लव मैरिज हुई थी. लड़का दुबई में जॉब करते था. शादी के बाद दोनों दुबई शिफ्ट हो गए. कुछ दिनों बाद बहन को दहेज कके नाम पर सताया जाने लगा. इतना ही नहीं छोटी-छोटी बातों के लिए उसके साथ मारपीट भी की गई. बहन ने परेशान होकर पुलिस में शिकायत करने के बारे में सोच रही थी, लेकिन उन दोनों की ऑनलाइन शादी हुई थी, जिसका उसके पास कोई सुबूत नहीं था.
फर्जी दस्तावेज दिखाकर करते हैं शादी
शहर के समाजसेवी नाथूराम बताते हैं कि विदेशों में बेटियों की शादी हो जाती है. इसके बाद ना तो उनका नाम परिवार के साथ दर्ज कराया जाता है और ना ही कोई सुविधाएं दी जाती है. कई जगह बेटियों के साथ मारपीट की जाती है और तरह-तरह की परेशानियां दी जाती है. पांवटा और शिलाई में कई बेटियों को हरियाणा और अन्य देश के लोग फर्जी दस्तावेज दिखाकर ऑनलाइन शादी कर लेते हैं और बाद में बेटियों को सताया जाता है.
कोर्ट और डायरेक्ट आते हैं महिला प्रताड़ना के मामले
महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी आशा बताती हैं कि पांवटा साहिब में महिला प्रताड़ना के पिछले 6 महीनों में सैकड़ों मामले सामने आ चुके हैं. कुछ मामले कोर्ट के जरिए उनके पास आते हैं और कुछ की डायरेक्ट शिकायत पहुंचती है. महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए वह हर कदम उठा भी रहे हैं. हालांकि बहुत से मामलों में महिलाएं समाज और अपनी इज्जत के डर से सामने नहीं आती है.
एकल महिला संस्था की अध्यक्ष जयवंती का कहना है कि दूसरे राज्यों में ब्याही बेटी के साथ हो रहे अत्याचार के मामले प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे हैं. आशा वर्कर्स से ऐसी बेटियों की लिस्ट मांगी गई है जिसकी बाहरी राज्यों में शादी हुई है, ताकि उन्हें उनकी मदद की जा सके.
सरकार को उठाने चाहिए ये कदम
ससुराल में सताई गई बेटियों का कहना है कि ससुराल में प्रातड़ना झेलने के बाद बेटियां जब घर आती हैं तो उन्हें परिवार वाले भी सहारा नहीं देते हैं. उन्हें खुद ही आत्म सम्मान की लड़ाई लड़नी पड़ती है. प्रदेश सरकार को ऐसे मामले रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है. साथ ही, उन्हें कुछ ऐसी व्यवस्था करने की जरूरत है, जिससे ससुराल में सताई गईं बेटियां अपने पैरों पर खड़ी हो सकें और इज्जत की जिंदगी जी सकें.