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गाड़ापारली में वायरल की चपेट में आए थे 80 ग्रामीण, जानें वायरल फीवर के लक्षण और बचने के तरीके - सैंज घाटी

कुल्लू की सैंज घाटी की दुर्गम पंचायत गाड़ापारली के मझान गांव में फैला था वायरल. 6 दिनों बाद पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम. बावड़ी का दूषित पानी बना वायरल फीवर की वजह.

गाड़ापारली में वायरल की चपेट में आए थे 80 ग्रामीण
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Published : Feb 28, 2019, 12:48 PM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू की सैंज घाटी की दुर्गम पंचायत गाड़ापारली के मझान गांव में फैलेवायरल को अब नियंत्रित कर लिया गया है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में जाकर सभी मरीजों की जांच की और उन्हें दवाइयां भी बांटी हैं. बीते दिनों वायरल की चपेट में करीब 80 ग्राणीण आ गए थे.

viral fever in kullu
गाड़ापारली में वायरल की चपेट में आए थे 80 ग्रामीण

वहीं गांव में वायरल फीवर फैलने की वजह बावड़ी का दूषित पानी पीने को बताया जा रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने आम लोगों को सलाह दी है कि वह पानी को उबाल कर ही पिएं. ताकि दोबारा वायरल की स्थिति ना बन सके.

गाड़ापारली में वायरल की चपेट में आए थे 80 ग्रामीण

गौर रहे कि स्वास्थ्य विभाग की टीम 6 दिन बाद निहारनी से 4 घंटे पैदल चलकर गांव में पहुंची थी जहां 1 डॉक्टर सहित 5 सदस्यों की टीम ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य जांचा था.
आपको बता दें कि सैंज घाटी की ग्राम पंचायत गाड़ापारली के दुर्गम गांव मझान में करीब 80 लोगों वायरल फीवर की चपेट में आ गए थे. लेकिन बर्फबारी से बंद पड़े रास्तों के कारण कई ग्रामीण अस्पताल नहीं पहुंच पाया था. कुछ घरों में तो रिश्तेदार ही मरीजों को पालकी पर बैठा कर अस्पताल पहुंचाया था. दुर्गम पहाड़ी इलाका होने के कारण मझान गांव के लोगों को सड़क तक पहुंचने के लिए करीब तीन से चार घंटे का रास्ता पार करना पड़ता है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुशील चंद्र ने कहा कि गाढ़ा पारली पंचायत के मझान गांव में मरीजों को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दवाइयां वितरित की है और अब लोग पूरी तरह से स्वस्थ है. वहीं गांव में लोगों को सलाह दी गई है कि वे पानी को उबाल कर ही प्रयोग में लाएं. ताकि किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचा जा सके.

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क्या हैं वायरल फीवर के लक्षण
थकान, मांसपेशियों या बदन में दर्द, तेज बुखार, खांसी, जोड़ों में दर्द, दस्त, त्वचा पर लाल रैशेज, सर्दी, गले में दर्द, सिर दर्द, आंखों का लाल होना और माथे का बहुत तेज गर्म होना वायरल फीवर के लक्षण हैं. यदि ये लक्षण नजर आए तो फौरन डॉक्टर के पास जाना चाहिए.

मौसम बदलते ही इन बातों का रखें ध्यान-
पानी पीना सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है. दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी का सेवन जरूर करना चाहिए. इसके अलावा डाइट में तरल पदार्थ जैसे- सूप, जूस, कॉफी को आदि को शामिल कर सकते हैं.
सर्दी के मौसम में गुनगुने पानी से नहाएं और पानी में नहाने से पहले आधा कम सिरका इसमें डाल लें. दस मिनट इसे ऐसे ही रहने दें और नहा लें.
रोज के खाने में लहसुन को जरूर शामिल करें, इसके अलावा जैतून के तेल में लहसुन की दो कलियां गर्म करके इस तेल से पैरों के तलों का मसाज करें.

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ये हैं वायरल फीवर के घरेलू उपाय
वायरल बुखार को ठीक करने के लिए सबसे पहले अदरक के साथ थोड़ी सी हल्दी, काली मिर्च और चीनी मिलाकर उसका काढ़ा बना लें. दिन में तीन से चार बार इस काढ़े को पीने से बुखार दूर होता है.
एक गिलास पानी में एक चम्मच साबुत धनिया डालकर उसे पकाएं. पक जाने पर कप में छानकर उसमें स्वादानुसार दूध और चीनी डाल लें. इसको पीने से आपका बुखार झट से गायब हो जाएगा.
एक मुट्ठी तुलसी के पत्तों और एक चम्मच लौंग पाउडर को एक लीटर पानी में उबाल कर रख लें. इस पानी को हर 2 घंटे के अंतराल पर लें.
रात को एक चम्मच मेथी के दाने भिगोकर रख दें. सुबह मेथी के दाने में नींबू का रस और शहद मिलाकर खाएं. बुखार ठीक हो जाएगा.

कुल्लू: जिला कुल्लू की सैंज घाटी की दुर्गम पंचायत गाड़ापारली के मझान गांव में फैलेवायरल को अब नियंत्रित कर लिया गया है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में जाकर सभी मरीजों की जांच की और उन्हें दवाइयां भी बांटी हैं. बीते दिनों वायरल की चपेट में करीब 80 ग्राणीण आ गए थे.

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गाड़ापारली में वायरल की चपेट में आए थे 80 ग्रामीण

वहीं गांव में वायरल फीवर फैलने की वजह बावड़ी का दूषित पानी पीने को बताया जा रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने आम लोगों को सलाह दी है कि वह पानी को उबाल कर ही पिएं. ताकि दोबारा वायरल की स्थिति ना बन सके.

गाड़ापारली में वायरल की चपेट में आए थे 80 ग्रामीण

गौर रहे कि स्वास्थ्य विभाग की टीम 6 दिन बाद निहारनी से 4 घंटे पैदल चलकर गांव में पहुंची थी जहां 1 डॉक्टर सहित 5 सदस्यों की टीम ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य जांचा था.
आपको बता दें कि सैंज घाटी की ग्राम पंचायत गाड़ापारली के दुर्गम गांव मझान में करीब 80 लोगों वायरल फीवर की चपेट में आ गए थे. लेकिन बर्फबारी से बंद पड़े रास्तों के कारण कई ग्रामीण अस्पताल नहीं पहुंच पाया था. कुछ घरों में तो रिश्तेदार ही मरीजों को पालकी पर बैठा कर अस्पताल पहुंचाया था. दुर्गम पहाड़ी इलाका होने के कारण मझान गांव के लोगों को सड़क तक पहुंचने के लिए करीब तीन से चार घंटे का रास्ता पार करना पड़ता है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुशील चंद्र ने कहा कि गाढ़ा पारली पंचायत के मझान गांव में मरीजों को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दवाइयां वितरित की है और अब लोग पूरी तरह से स्वस्थ है. वहीं गांव में लोगों को सलाह दी गई है कि वे पानी को उबाल कर ही प्रयोग में लाएं. ताकि किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचा जा सके.

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क्या हैं वायरल फीवर के लक्षण
थकान, मांसपेशियों या बदन में दर्द, तेज बुखार, खांसी, जोड़ों में दर्द, दस्त, त्वचा पर लाल रैशेज, सर्दी, गले में दर्द, सिर दर्द, आंखों का लाल होना और माथे का बहुत तेज गर्म होना वायरल फीवर के लक्षण हैं. यदि ये लक्षण नजर आए तो फौरन डॉक्टर के पास जाना चाहिए.

मौसम बदलते ही इन बातों का रखें ध्यान-
पानी पीना सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है. दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी का सेवन जरूर करना चाहिए. इसके अलावा डाइट में तरल पदार्थ जैसे- सूप, जूस, कॉफी को आदि को शामिल कर सकते हैं.
सर्दी के मौसम में गुनगुने पानी से नहाएं और पानी में नहाने से पहले आधा कम सिरका इसमें डाल लें. दस मिनट इसे ऐसे ही रहने दें और नहा लें.
रोज के खाने में लहसुन को जरूर शामिल करें, इसके अलावा जैतून के तेल में लहसुन की दो कलियां गर्म करके इस तेल से पैरों के तलों का मसाज करें.

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ये हैं वायरल फीवर के घरेलू उपाय
वायरल बुखार को ठीक करने के लिए सबसे पहले अदरक के साथ थोड़ी सी हल्दी, काली मिर्च और चीनी मिलाकर उसका काढ़ा बना लें. दिन में तीन से चार बार इस काढ़े को पीने से बुखार दूर होता है.
एक गिलास पानी में एक चम्मच साबुत धनिया डालकर उसे पकाएं. पक जाने पर कप में छानकर उसमें स्वादानुसार दूध और चीनी डाल लें. इसको पीने से आपका बुखार झट से गायब हो जाएगा.
एक मुट्ठी तुलसी के पत्तों और एक चम्मच लौंग पाउडर को एक लीटर पानी में उबाल कर रख लें. इस पानी को हर 2 घंटे के अंतराल पर लें.
रात को एक चम्मच मेथी के दाने भिगोकर रख दें. सुबह मेथी के दाने में नींबू का रस और शहद मिलाकर खाएं. बुखार ठीक हो जाएगा.

Intro:मझान गांव ने काबू में आया वायरल
बाबड़ी के दूषित पानी से फैला था वायरल


Body:जिला कुल्लू की सैंज घाटी की दुर्गम पंचायत गाड़ापारली के मझन गांव में फैला वायरल को अब नियंत्रित कर लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में जाकर सभी मरीजों की जांच की और उन्हें दवाइयां भी बांटी गई। वहीं गांव में स्थित बावड़ी का दूषित पानी पीने के कारण लोग वायरल की चपेट में आए थे। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने आम लोगों को सलाह दी है कि वह पानी को उबाल कर ही पिए। ताकि दोबारा वायरल की स्थिति ना बन सके। गौर रहे कि स्वास्थ्य विभाग की टीम निहारनी से 4 घंटे पैदल चलकर गांव में पहुंची थी जहां 1 डॉक्टर सहित 5 सदस्यो की टीम ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य जांचा था।


Conclusion:मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुशील चंद्र ने कहा कि गाढ़ा पारली पंचायत के मझान गांव में मरीजों को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दवाइयां वितरित की है और अब लोग पूरी तरह से स्वस्थ है। वहीं गांव में लोगों को सलाह दी गई है कि वे पानी को उबाल कर ही प्रयोग में लाएं। ताकि किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचा जा सके।
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