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किसानों पर कोरोना की मार, खेतों में फसल तैयार अब बेचने का पैदा हुआ संकट - करसोग किसान लॉकडाउन

उपमंडल में इन दिनों मटर सहित गोभी की नकदी फसल खेतों में तैयार है, लेकिन कर्फ्यू के कारण गाड़ियां न चलने और स्थानीय मंडी में बोली न लगने से किसानों को फसल खेतों में बर्बाद होने का डर सताने लगा है. करसोग में हर साल रबी सीजन में मटर का कारोबार 8 से 9 करोड़ का रहता है.

farmers crisis due to corona
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Published : Mar 25, 2020, 10:22 PM IST

करसोग: कोरोना के खौफ से लगा कर्फ्यू किसानों की रोजी रोटी पर भारी पड़ने लगा है. उपमंडल में इन दिनों मटर सहित गोभी की नकदी फसल खेतों में तैयार है, लेकिन कर्फ्यू के कारण गाड़ियां न चलने और स्थानीय मंडी में बोली न लगने से किसानों को फसल खेतों में बर्बाद होने का डर सताने लगा है.

करसोग में अधिकर परिवारों की साल भर की रोजी रोटी सब्जियों के कारोबार से ही चलती है. करसोग में मटर सीजन पिछले सप्ताह शुरू हो गया. हालांकि शुरू में बहुत कम मटर ही मंडी में बिकने के लिए पहुंचा, लेकिन अब कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मटर और गोभी की फसल तैयार है.

वीडियो.

अगले कुछ दिनों में अधिकतर क्षेत्रों में फसल पूरी तरह से तैयार हो जाएगी. करसोग में मटर रबी सीजन में ली जाने वाली प्रमुख फसल है. ऐसे में मटर किसानों की आर्थिकी एक बड़ा साधन भी है. सर्दियों में किसान अधिकतर कृषि योग्य क्षेत्र में मटर की बिजाई की है. करसोग में हर साल रबी सीजन में मटर का कारोबार 8 से 9 करोड़ का रहता है.

लगातार बढ़ रहा सब्जी उत्पादन का क्षेत्रफल

करसोग में पिछले कुछ सालों से नकदी फसलों की ओर किसानों की दिलचस्पी बढ़ी है. ऐसे में धीरे-धीरे सब्जी उत्पादन का क्षेत्र भी लगातार बढ़ रहा है. इस बार रबी सीजन में 450 हेक्टेयर भूमि पर सब्जियों की पैदावार ली जा रही है. इसमें अकेले 250 हेक्टेयर में मटर की बिजाई की गई है.

ये भी पढ़ें- हिमाचल में कोरोना वायरस से अबतक एक की मौत, 3 केस की पुष्टि

ऐसे में इस बार 35 हजार क्विंटल मटर की पैदावार रहने का अनुमान लगाया गया है. रबी सीजन में करसोग से अकेले 8 से 9 करोड़ का मटर कारोबार होता है. इसके अतिरिक्त रबी सीजन में आलू, मूली, लहसुन, फूल गोभी, पत्ता गोभी व सरसों की भी काफी पैदावार ली जाती है.

किसानों को नहीं आने दी जाएगी परेशानी: एसडीएम

एसडीएम करसोग सुरेंद्र ठाकुर का कहना कि किसानों को किसी अपने उत्पाद मंडियों तक पहुंचाने में कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी. सब्जियों की सप्लाई लगाई जाने वाली गाड़ियों को एसडीएम ऑफिस से पास जारी किए जाएंगे.

गाड़ी मालिक को पास के एसडीएम कार्यालय में अप्लाई करना होगा. उन्होंने कहा कि मंडी भी बंद नहीं रहेगी. एहतियात के लिए बोली के दौरान कारोबारियों और किसानों को सरकार की एडवाइजरी को फ्लो करना होगा.

जगतराम का कहना है कि मटर सहित गोभी की फसल तैयार है. किसानों ने हजारों रुपये बीज पर खर्च किए हैं. अब कर्फ्यू के कारण गाड़ियां बन्द है. मंडियां भी बंद है. अब हमें बताया जाए कि किसान क्या करें. उन्होंने कहा कि बहुत से लोगों की रोजी रोटी कृषि से चलती है.

ये भी पढ़ें- Coronavirus: कर्फ्यू में कश्मीरी मजदूरों की पुकार सुनो सरकार

करसोग: कोरोना के खौफ से लगा कर्फ्यू किसानों की रोजी रोटी पर भारी पड़ने लगा है. उपमंडल में इन दिनों मटर सहित गोभी की नकदी फसल खेतों में तैयार है, लेकिन कर्फ्यू के कारण गाड़ियां न चलने और स्थानीय मंडी में बोली न लगने से किसानों को फसल खेतों में बर्बाद होने का डर सताने लगा है.

करसोग में अधिकर परिवारों की साल भर की रोजी रोटी सब्जियों के कारोबार से ही चलती है. करसोग में मटर सीजन पिछले सप्ताह शुरू हो गया. हालांकि शुरू में बहुत कम मटर ही मंडी में बिकने के लिए पहुंचा, लेकिन अब कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मटर और गोभी की फसल तैयार है.

वीडियो.

अगले कुछ दिनों में अधिकतर क्षेत्रों में फसल पूरी तरह से तैयार हो जाएगी. करसोग में मटर रबी सीजन में ली जाने वाली प्रमुख फसल है. ऐसे में मटर किसानों की आर्थिकी एक बड़ा साधन भी है. सर्दियों में किसान अधिकतर कृषि योग्य क्षेत्र में मटर की बिजाई की है. करसोग में हर साल रबी सीजन में मटर का कारोबार 8 से 9 करोड़ का रहता है.

लगातार बढ़ रहा सब्जी उत्पादन का क्षेत्रफल

करसोग में पिछले कुछ सालों से नकदी फसलों की ओर किसानों की दिलचस्पी बढ़ी है. ऐसे में धीरे-धीरे सब्जी उत्पादन का क्षेत्र भी लगातार बढ़ रहा है. इस बार रबी सीजन में 450 हेक्टेयर भूमि पर सब्जियों की पैदावार ली जा रही है. इसमें अकेले 250 हेक्टेयर में मटर की बिजाई की गई है.

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ऐसे में इस बार 35 हजार क्विंटल मटर की पैदावार रहने का अनुमान लगाया गया है. रबी सीजन में करसोग से अकेले 8 से 9 करोड़ का मटर कारोबार होता है. इसके अतिरिक्त रबी सीजन में आलू, मूली, लहसुन, फूल गोभी, पत्ता गोभी व सरसों की भी काफी पैदावार ली जाती है.

किसानों को नहीं आने दी जाएगी परेशानी: एसडीएम

एसडीएम करसोग सुरेंद्र ठाकुर का कहना कि किसानों को किसी अपने उत्पाद मंडियों तक पहुंचाने में कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी. सब्जियों की सप्लाई लगाई जाने वाली गाड़ियों को एसडीएम ऑफिस से पास जारी किए जाएंगे.

गाड़ी मालिक को पास के एसडीएम कार्यालय में अप्लाई करना होगा. उन्होंने कहा कि मंडी भी बंद नहीं रहेगी. एहतियात के लिए बोली के दौरान कारोबारियों और किसानों को सरकार की एडवाइजरी को फ्लो करना होगा.

जगतराम का कहना है कि मटर सहित गोभी की फसल तैयार है. किसानों ने हजारों रुपये बीज पर खर्च किए हैं. अब कर्फ्यू के कारण गाड़ियां बन्द है. मंडियां भी बंद है. अब हमें बताया जाए कि किसान क्या करें. उन्होंने कहा कि बहुत से लोगों की रोजी रोटी कृषि से चलती है.

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