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मंडी के दो रिटायर्ड कर्मचारियों ने उठा रखा है पौधरोपण का जिम्मा, इनके प्रयास से लोग हो रहे प्रेरित

आफ्टर रिटायरमेंट फोकस ऑन एनवॉयरमेंट के तहत मंडी शहर के रहने वाले दो सेवानिवृत्त कर्मचारी पर्यावरण को संरक्षित करने का जिम्मा उठा रखा है. इन दोनों के प्रयास को देखकर बाकी शहरवासियों को भी प्रेरणा मिलने लगी है.

Two Retired Staff Planting Road Side in Mandi District
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Published : Jul 21, 2019, 10:45 AM IST

मंडी: मंडी शहर के पुरानी मंडी वॉर्ड के रहने वाले दो सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने 'आफ्टर रिटायरमेंट फोकस ऑन एनवॉयरमेंट' नाम का अभियान छेड़ रखा है. रिटायरमेंट के बाद दोनों कर्मचारी मित्र न सिर्फ पौधरोपण करके पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं बल्कि रोपे गए पौधों की पूरी देखभाल भी कर रहे हैं. यही कारण है कि इनके हाथ से लगाए पौधे आज वृक्ष बनने जा रहे हैं.

दोनों मित्र शहर के सेवानिवृत्त कर्मचारी के लिए प्रेरणा स्रोत बनकर उभरे हैं. 69 वर्षीय रोशन लाल सहकारिता विभाग से रिटायर हुए हैं, जबकि 75 वर्षीय इंद्र देव शर्मा न्याययिक सेवा से रिटायरमेंट के बाद दोनों मित्र रोज सुबह मंडी-स्कोर सड़क पर सुबह की सैर के लिए निकल जाते थे. साल 2008 में इन्होंने रास्ते में एक पेड़ को क्षतिग्रस्त हालत में देखा तो पेड़ का दर्द समझते हुए उसके संरक्षण का जिम्मा उठाया. तब से लेकर आज तक दोनों मित्र सुबह की सैर के साथ इसी सड़क के किनारे पौधे रोपने का काम करते हैं.

वीडियो.

रोशन लाल शर्मा और इंद्र देव शर्मा बताते हैं कि अभी तक वह करीब चार दर्जन पौधों को रोप चुके हैं. बड़ी बात यह है कि यह सिर्फ पौधों को रोपते ही नहीं बल्कि उनका ध्यान भी रखते हैं. पौधे की सही ढंग से ग्रोथ हो और उसे समय-समय पर पानी मिलता रहे, इस बात का पूरा ख्याल रखा जाता है. कोई जानवर या शरारती तत्व पौधे को नुकसान न पहुंचा दे, इसलिए पौधे के चारों तरफ बाड़बंदी की जाती है. यही कारण है कि इनके हाथों से लगाए पौधे आज वृक्ष बनने की तरफ अग्रसर हैं जो पर्यावरण संरक्षण में अपना अहम योगदान दे रहे हैं.

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इन दोनों के प्रयास को देखकर बाकी शहरवासियों को भी प्रेरणा मिलने लगी है. लोग अब इनके पास पौधे खुद ही पहुंचाने आते हैं. धीरे-धीरे यह प्रयास गति पकड़ रहा है. लोग औषधीय और अन्य प्रकार के फलदार पौधे इन्हें देकर इस कार्य में अपना सहयोग दे रहे हैं. स्थानीय निवासी गिरजा शंकर गौड़ ने बताया कि रोशन लाल और इंद्र देव शर्मा जो कार्य कर रहे हैं उससे सभी को प्रेरणा मिल रही है. लोग न सिर्फ पौधरोपण की तरफ ध्यान दे रहे हैं बल्कि उनके रख-रखाव पर भी ध्यान दे रहे हैं.

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बता दें कि रोशन लाल और इंद्र देव शर्मा आज मंडी वासियों के लिए एक मिसाल के रूप में उभरकर सामने आए हैं. जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण का जिम्मा अपने स्तर पर उठाया और इसके लिए कभी दूसरों की मदद की तरफ नहीं देखा. आज इनके प्रयासों से पर्यावरण संरक्षण में जो योगदान मिल रहा है उसे मौजूदा और भावी पीढ़ी हमेशा याद रखेगी.

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मंडी: मंडी शहर के पुरानी मंडी वॉर्ड के रहने वाले दो सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने 'आफ्टर रिटायरमेंट फोकस ऑन एनवॉयरमेंट' नाम का अभियान छेड़ रखा है. रिटायरमेंट के बाद दोनों कर्मचारी मित्र न सिर्फ पौधरोपण करके पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं बल्कि रोपे गए पौधों की पूरी देखभाल भी कर रहे हैं. यही कारण है कि इनके हाथ से लगाए पौधे आज वृक्ष बनने जा रहे हैं.

दोनों मित्र शहर के सेवानिवृत्त कर्मचारी के लिए प्रेरणा स्रोत बनकर उभरे हैं. 69 वर्षीय रोशन लाल सहकारिता विभाग से रिटायर हुए हैं, जबकि 75 वर्षीय इंद्र देव शर्मा न्याययिक सेवा से रिटायरमेंट के बाद दोनों मित्र रोज सुबह मंडी-स्कोर सड़क पर सुबह की सैर के लिए निकल जाते थे. साल 2008 में इन्होंने रास्ते में एक पेड़ को क्षतिग्रस्त हालत में देखा तो पेड़ का दर्द समझते हुए उसके संरक्षण का जिम्मा उठाया. तब से लेकर आज तक दोनों मित्र सुबह की सैर के साथ इसी सड़क के किनारे पौधे रोपने का काम करते हैं.

वीडियो.

रोशन लाल शर्मा और इंद्र देव शर्मा बताते हैं कि अभी तक वह करीब चार दर्जन पौधों को रोप चुके हैं. बड़ी बात यह है कि यह सिर्फ पौधों को रोपते ही नहीं बल्कि उनका ध्यान भी रखते हैं. पौधे की सही ढंग से ग्रोथ हो और उसे समय-समय पर पानी मिलता रहे, इस बात का पूरा ख्याल रखा जाता है. कोई जानवर या शरारती तत्व पौधे को नुकसान न पहुंचा दे, इसलिए पौधे के चारों तरफ बाड़बंदी की जाती है. यही कारण है कि इनके हाथों से लगाए पौधे आज वृक्ष बनने की तरफ अग्रसर हैं जो पर्यावरण संरक्षण में अपना अहम योगदान दे रहे हैं.

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इन दोनों के प्रयास को देखकर बाकी शहरवासियों को भी प्रेरणा मिलने लगी है. लोग अब इनके पास पौधे खुद ही पहुंचाने आते हैं. धीरे-धीरे यह प्रयास गति पकड़ रहा है. लोग औषधीय और अन्य प्रकार के फलदार पौधे इन्हें देकर इस कार्य में अपना सहयोग दे रहे हैं. स्थानीय निवासी गिरजा शंकर गौड़ ने बताया कि रोशन लाल और इंद्र देव शर्मा जो कार्य कर रहे हैं उससे सभी को प्रेरणा मिल रही है. लोग न सिर्फ पौधरोपण की तरफ ध्यान दे रहे हैं बल्कि उनके रख-रखाव पर भी ध्यान दे रहे हैं.

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बता दें कि रोशन लाल और इंद्र देव शर्मा आज मंडी वासियों के लिए एक मिसाल के रूप में उभरकर सामने आए हैं. जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण का जिम्मा अपने स्तर पर उठाया और इसके लिए कभी दूसरों की मदद की तरफ नहीं देखा. आज इनके प्रयासों से पर्यावरण संरक्षण में जो योगदान मिल रहा है उसे मौजूदा और भावी पीढ़ी हमेशा याद रखेगी.

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Intro:मंडी। ऑफ्टर रिटायरमेंट, फोक्स ऑन एनवॉयरमेंट। यह अभियान छेड़ रखा है मंडी के दो सेवानिवृत कर्मचारियों ने। रिटायरमेंट के बाद यह दो कर्मचारी मित्र न सिर्फ पौधरोपण करके पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं बल्कि खुद के द्वारा रोपे गए पौधों की पूरी देखभाल भी कर रहे हैं। यही कारण है कि इनके हाथ से लगाए पौधे आज वृक्ष बनने जा रहे हैं।




Body:लंबे समय तक सरकारी क्षेत्र में सेवाएं देने के बाद रिटायर होकर घर आने वाला कर्मचारी इसी दुबिधा में रहता है कि अब आगे क्या किया जाए। ऐसे कर्मचारियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनकर उभरे हैं मंडी के दो सेवानिवृत कर्मचारी। 69 वर्षीय रोशन लाल सहकारिता विभाग से रिटायर हुए हैं जबकि 75 वर्षीय इंद्र देव शर्मा न्याययिक सेवा से। दोनों ही मंडी शहर के पुरानी मंडी वॉर्ड के रहने वाले हैं। रिटायरमेंट के बाद दोनों मित्र रोज सुबह मंडी-स्कोर सड़क पर सुबह की सैर के लिए निकल जाते थे। वर्ष 2008 में इन्होंने रास्ते में एक पेड़ को क्षतिग्रस्त हालत में देखा। तो पेड़ का दर्द समझते हुए उसके संरक्षण का जिम्मा उठाया। पेड़ का संरक्षित किया तो मन में और ज्यादा पेड़ लगाने की भावना जागृत हुई। तब से लेकर आज दिन तक दोनों मित्र सुबह की सैर के साथ इसी सड़क के किनारे पौधे रोपने में जुट गए। रोशन लाल शर्मा और इंद्र देव शर्मा बताते हैं कि अभी तक वह करीब चार दर्जन पौधों को रोप चुके हैं। बड़ी बात यह है कि यह सिर्फ पौधों को रोपते ही नहीं बल्कि उनके सरवाईवल पर भी पूरा ध्यान देते हैं। पौधे की सही ढंग से ग्रोथ हो और उसे समय-समय पर पानी मिलता रहे, इस बात का पूरा ख्याल रखा जाता है।


बाइट - रोशन लाल शर्मा, सेवानिवृत कर्मचारी


कोई जानवर या शरारती तत्व पौधे को नुकसान न पहुंचा दे, इसलिए पौधे के चारों तरफ बाड़बंदी की जाती है। यही कारण है कि इनके हाथों से लगाए पौधे आज वृक्ष बनने की तरफ अग्रसर हैं जो पर्यावरण संरक्षण में अपना अहम योगदान दे रहे हैं। रोशन लाल और इंद्र देव ने सभी से आहवान किया है कि पौधारोपण के कार्य को सिर्फ समय विशेष में ही न किया जाए बल्कि हर समय इस तरफ ध्यान दिया जाए। वहीं लगाए गए पौधों की देखभाल भी जरूर की जाए, क्योंकि तभी यह पौधारोपण का कार्य सफल हो सकता है।

बाइट - इंद्र देव शर्मा, सेवानिवृत कर्मचारी

इन दोनों के इस प्रयास को देखकर बाकी लोगों को भी प्रेरणा मिलने लगी है। लोग अब इनके पास पौधे खुद ही पहुंचाने लग गए हैं। धीरे-धीरे यह प्रयास गति पकड़ रहा है। लोग औषधिय और अन्य प्रकार के फलदार पौधे इन्हें देकर इस कार्य में अपना सहयोग दे रहे हैं। स्थानीय निवासी गिरजा शंकर गौड ने बताया कि रोशन लाल और इंद्र देव शर्मा जो कार्य कर रहे हैं उससे सभी को प्रेरणा मिल रही है। लोग न सिर्फ पौधारोपण की तरफ ध्यान दे रहे हैं बल्कि उनके सरवाईवल पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।


बाइट - गिरजा शंकर गौड, स्थानीय निवासी




Conclusion:बता दें कि रोशन लाल और इंद्र देव शर्मा आज एक मिसाल के रूप में उभरकर सामने आए हैं। जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण का जिम्मा अपने स्तर पर उठाया और इसके लिए कभी दूसरों की मदद की तरफ नहीं देखा। आज इनके प्रयासों से पर्यावरण संरक्षण में जो योगदान मिल रहा है उसे मौजूदा और भावी पीढ़ी हमेशा याद रखेगी।

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