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लोकसभा चुनाव: हमेशा सत्‍ता पक्ष में रहा है मंडी का सांसद, आज तक नहीं बैठा विपक्षी बैंच पर

राजस्‍थान के बाड़मेर के बाद मंडी संसदीय सीट क्षेत्रफल के हिसाब से देश की दूसरी सबसे बड़ी सीट है. मंडी लोकसभा सीट के तहत 17 विधानसभा सीटें आती हैं. 1957 के 2014 के बीच यहां पर इस सीट पर 10 बार कांग्रेस और 4 बार बीजेपी जीती है. इस संसदीय क्षेत्र का सांसद कभी विपक्ष का रहा है.

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Published : Mar 23, 2019, 3:35 PM IST

Updated : Mar 23, 2019, 5:28 PM IST

मंडी: मंडी संसदीय क्षेत्र का अपना एक रिकॉर्ड है. यहां के लोगों ने कभी अपने सांसद को विपक्ष में नहीं बैठाया. इसे मंडी संसदीय क्षेत्र के लोगों की समझदारी कहें या किस्मत मंडी का सांसद हमेशा सत्ता पक्ष का ही रहा है. मंडी सीट का बेहद रोचक इतिहास जुड़ा हुआ है. यह इतिहास पिछले 67 सालों से कायम है.

1957 के 2014 के बीच यहां पर इस सीट पर 10 बार कांग्रेस और 4 बार बीजेपी जीती है. 1952 से लेकर आज दिन तक मंडी का सांसद या तो केंद्र में सत्तारूढ़ दल का होता है या फिर केंद्र सरकार का समर्थन करने वाली पार्टी से होता रहा है. 1952 से लेकर 1972 तक यहां से कांग्रेस की जीत हुई और केंद्र में भी कांग्रेस की ही सरकारें बनीं और सांसद सत्तारूढ़ दल के साथ रहा. 1977 में पहली बार जनता लहर में केंद्र में जनता पार्टी की सरकार बनी तो मंडी से जनता पार्टी के ठाकुर गंगा सिंह वीरभद्र सिंह को हरा कर सांसद बने. 1980 व 1984 में फिर से कांग्रेस के सांसद जीते और केंद्र में भी कांग्रेस की ही सरकारें बनी.

1989 में पहली बार भाजपा के उम्मीदवार महेश्वर सिंह जीते और केंद्र में बनी वीपी सिंह की सरकार. 1996 में कांग्रेस के सुखराम जीते, केंद्र में कांग्रेस की सरकार तो नहीं बनी, लेकिन देवेगौड़ा व इंद्र कुमार गुजराल की सरकारों को कांग्रेस का समर्थन रहा और सुखराम भी पक्ष में ही रहे. 1998 व 1999 में महेश्वर सिंह फिर जीते और इस दौरान केंद्र में एनडीए की सरकारें बनीं. महेश्वर सिंह सत्तारूढ़ दल के सांसद रहे. 2004, 2009 व 2013 (उपचुनाव) में कांग्रेस जीती व केंद्र में कांग्रेस की यूपीए सरकार का हिस्सा यहां के सांसद बने.

मंडी संसदीय सीट पर अब तक जीते सांसद:

  • 1952 : रानी अमृत कौर , गोपी राम कांग्रेस
  • (मंडी महासू के नाम से दो सदस्यीय सीट थी)
  • 1957: राजा जोगिंदर सेन, कांग्रेस
  • 1962: राजा ललित सेन, कांग्रेस
  • 1967: राजा ललित सेन, कांग्रेस
  • 1972: राजा वीरभद्र सिंह, कांग्रेस
  • 1977: ठाकुर गंगा सिंह
  • 1980: राजा वीरभद्र सिंह, कांग्रेस
  • 1984: पंडित सुखराम, कांग्रेस
  • 1989: राजा महेश्वर सिंह, बीजेपी
  • 1991: पंडित सुख राम, कांग्रेस
  • 1996 : पंडित सुखराम, कांग्रेस
  • 1998: राजा महेश्वर सिंह, भाजपा
  • 1999: राजा महेश्वर सिंह, भाजपा
  • 2004: रानी प्रतिभा सिंह, कांग्रेस
  • 2009: राजा वीरभद्र सिंह, कांग्रेस
  • 2013: (उपचुनाव) रानी प्रतिभा सिंह, कांग्रेस
  • 2014: राम स्वरूप शर्मा, भाजपा

क्षेत्रफल के हिसाब से देश की दूसरी सबसे बड़ी सीट
राजस्‍थान के बाड़मेर के बाद मंडी संसदीय सीट क्षेत्रफल के हिसाब से देश की दूसरी सबसे बड़ी सीट है. मंडी लोकसभा सीट के तहत 17 विधानसभा सीटें भरमौर, लाहौल और स्पीति, मनाली, कुल्लू, बन्‍जार, आनी, करसोग, सुन्‍दरनगर, नाचन, सिराज, द्रंग, जोगिन्‍द्रनगर, मण्‍डी, बल्ह, सरकाघाट, रामपुर और किन्नौर आते हैं. 2017 के विधासभा चुनाव में इनमें से बीजेपी ने 13 सीटों भरमौर, लाहौल और स्पीति, मनाली, बन्‍जार, आनी, करसोग, सुंदरनगर, नाचन, सिराज, द्रंग, मण्‍डी, बल्ह, सरकाघाट पर परचम लहराया है. कांग्रेस ने 3 सीटें कुल्लू, रामपुर और किन्नौर अपनी झोली में डाली हैं. जोगिंद्रनगर की सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी प्रकाश राणा विजयी रहे.

2014 के लोकसभा चुनाव में 7,26,094 लोगों मतदान किया था. इनमें 3,77,569 मतदाता पुरुष और 3,48,525 मतदाता महिलाएं थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कुल 63 फीसदी मतदान हुआ था. भारत निर्वाचन आयोग की 2014 की रिपोर्टे के मुताबिक, इस लोकसभा क्षेत्र में 11.50 लाख वोटर हैं, जिनमें 5.87 लाख पुरुष और 5.62 लाख महिला वोटर हैं. 1957 के 2014 के बीच यहां पर इस सीट पर 10 बार कांग्रेस और 4 बार बीजेपी जीती है.

बीरबल सिंह, राजनीतिक विशेषज्ञ

मंडी: मंडी संसदीय क्षेत्र का अपना एक रिकॉर्ड है. यहां के लोगों ने कभी अपने सांसद को विपक्ष में नहीं बैठाया. इसे मंडी संसदीय क्षेत्र के लोगों की समझदारी कहें या किस्मत मंडी का सांसद हमेशा सत्ता पक्ष का ही रहा है. मंडी सीट का बेहद रोचक इतिहास जुड़ा हुआ है. यह इतिहास पिछले 67 सालों से कायम है.

1957 के 2014 के बीच यहां पर इस सीट पर 10 बार कांग्रेस और 4 बार बीजेपी जीती है. 1952 से लेकर आज दिन तक मंडी का सांसद या तो केंद्र में सत्तारूढ़ दल का होता है या फिर केंद्र सरकार का समर्थन करने वाली पार्टी से होता रहा है. 1952 से लेकर 1972 तक यहां से कांग्रेस की जीत हुई और केंद्र में भी कांग्रेस की ही सरकारें बनीं और सांसद सत्तारूढ़ दल के साथ रहा. 1977 में पहली बार जनता लहर में केंद्र में जनता पार्टी की सरकार बनी तो मंडी से जनता पार्टी के ठाकुर गंगा सिंह वीरभद्र सिंह को हरा कर सांसद बने. 1980 व 1984 में फिर से कांग्रेस के सांसद जीते और केंद्र में भी कांग्रेस की ही सरकारें बनी.

1989 में पहली बार भाजपा के उम्मीदवार महेश्वर सिंह जीते और केंद्र में बनी वीपी सिंह की सरकार. 1996 में कांग्रेस के सुखराम जीते, केंद्र में कांग्रेस की सरकार तो नहीं बनी, लेकिन देवेगौड़ा व इंद्र कुमार गुजराल की सरकारों को कांग्रेस का समर्थन रहा और सुखराम भी पक्ष में ही रहे. 1998 व 1999 में महेश्वर सिंह फिर जीते और इस दौरान केंद्र में एनडीए की सरकारें बनीं. महेश्वर सिंह सत्तारूढ़ दल के सांसद रहे. 2004, 2009 व 2013 (उपचुनाव) में कांग्रेस जीती व केंद्र में कांग्रेस की यूपीए सरकार का हिस्सा यहां के सांसद बने.

मंडी संसदीय सीट पर अब तक जीते सांसद:

  • 1952 : रानी अमृत कौर , गोपी राम कांग्रेस
  • (मंडी महासू के नाम से दो सदस्यीय सीट थी)
  • 1957: राजा जोगिंदर सेन, कांग्रेस
  • 1962: राजा ललित सेन, कांग्रेस
  • 1967: राजा ललित सेन, कांग्रेस
  • 1972: राजा वीरभद्र सिंह, कांग्रेस
  • 1977: ठाकुर गंगा सिंह
  • 1980: राजा वीरभद्र सिंह, कांग्रेस
  • 1984: पंडित सुखराम, कांग्रेस
  • 1989: राजा महेश्वर सिंह, बीजेपी
  • 1991: पंडित सुख राम, कांग्रेस
  • 1996 : पंडित सुखराम, कांग्रेस
  • 1998: राजा महेश्वर सिंह, भाजपा
  • 1999: राजा महेश्वर सिंह, भाजपा
  • 2004: रानी प्रतिभा सिंह, कांग्रेस
  • 2009: राजा वीरभद्र सिंह, कांग्रेस
  • 2013: (उपचुनाव) रानी प्रतिभा सिंह, कांग्रेस
  • 2014: राम स्वरूप शर्मा, भाजपा

क्षेत्रफल के हिसाब से देश की दूसरी सबसे बड़ी सीट
राजस्‍थान के बाड़मेर के बाद मंडी संसदीय सीट क्षेत्रफल के हिसाब से देश की दूसरी सबसे बड़ी सीट है. मंडी लोकसभा सीट के तहत 17 विधानसभा सीटें भरमौर, लाहौल और स्पीति, मनाली, कुल्लू, बन्‍जार, आनी, करसोग, सुन्‍दरनगर, नाचन, सिराज, द्रंग, जोगिन्‍द्रनगर, मण्‍डी, बल्ह, सरकाघाट, रामपुर और किन्नौर आते हैं. 2017 के विधासभा चुनाव में इनमें से बीजेपी ने 13 सीटों भरमौर, लाहौल और स्पीति, मनाली, बन्‍जार, आनी, करसोग, सुंदरनगर, नाचन, सिराज, द्रंग, मण्‍डी, बल्ह, सरकाघाट पर परचम लहराया है. कांग्रेस ने 3 सीटें कुल्लू, रामपुर और किन्नौर अपनी झोली में डाली हैं. जोगिंद्रनगर की सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी प्रकाश राणा विजयी रहे.

2014 के लोकसभा चुनाव में 7,26,094 लोगों मतदान किया था. इनमें 3,77,569 मतदाता पुरुष और 3,48,525 मतदाता महिलाएं थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कुल 63 फीसदी मतदान हुआ था. भारत निर्वाचन आयोग की 2014 की रिपोर्टे के मुताबिक, इस लोकसभा क्षेत्र में 11.50 लाख वोटर हैं, जिनमें 5.87 लाख पुरुष और 5.62 लाख महिला वोटर हैं. 1957 के 2014 के बीच यहां पर इस सीट पर 10 बार कांग्रेस और 4 बार बीजेपी जीती है.

बीरबल सिंह, राजनीतिक विशेषज्ञ
रोचक इतिहास मंडी लोक सभा सीट: एक नजर

हमेशा सत्‍ता पर ही बैठा है मंडी का सांसद, विपक्षी बैंच पर नहीं बैठा

मंडी। मंडी संसदीय क्षेत्र अपने आप में अजूबा है। मंडी सीट का बेहद रोचक इतिहास जुड़ा हुआ है। यह इतिहास पिछले 67 सालों से कायम है। यह रोचक इतिहास यह है कि मंडी से जीत हासिल करने वाला सांसद लोक सभा में कभी विपक्षी बैंच पर नहीं बैठा है। हमेशा सत्‍ता पक्ष में ही रहा है। 1952 से लेकर आज दिन तक मंडी से रहे सांसद या तो केंद्र में सत्तारूढ़ दल का होता है या फिर केंद्र सरकार
का समर्थन करने वाली पार्टी से होता रहा है।
1952 से लेकर 1972 तक यहां से कांग्रेस की जीत हुई और केंद्र में भी कांग्रेस की ही सरकारें बनीं और सांसद सत्तारूढ़ दल के साथ रहा। 1977 में पहली बार जनता लहर में केंद्र में जनता पार्टी की सरकार बनी तो मंडी से जनता पार्टी के ठाकुर गंगा सिंह सांसद बने। 1980 व 1984 में फिर से कांग्रेस के सांसद जीते और केंद्र में भी कांग्रेस की ही सरकारें बनी। 1989 में पहली बार भाजपा के उम्मीदवार महेश्वर सिंह जीते और केंद्र में बनी वीपी सिंह की सरकार को भाजपा ने भी समर्थन दिया यानि महेश्वर सिंह ने भी पक्ष में ही काम किया। 1996 में
कांग्रेस के सुख राम जीते, केंद्र में कांग्रेस की सरकार तो नहीं बनी मगर देवेगौड़ा डोडेगौड़ा व इंद्र कुमार गुजराल की सरकारों को कांग्रेस का
समर्थन रहा और सुख राम भी पक्ष में ही रहे। 1998 व 1999 में महेश्वर सिंह फिर जीते और इस दौरान केंद्र में एनडीए की सरकारें बनीं। जिसमें महेश्वर सिंह सत्तारूढ़ दल के सांसद रहे। 2004, 2009 व 2013 (उपचुनाव) में कांग्रेस जीती व केंद्र में कांग्रेस की यूपीए सरकार का हिस्सा यहां के सांसद बने।
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क्षेत्रफल के हिसाब से देश की दूसरी सबसे बड़ी सीट
राजस्‍थान के बाड़मेर के बाद मंडी संसदीय क्षेत्र क्षेत्रफल के हिसाब से देश की दूसरी सबसे बड़ी सीट है। अधिकत्‍तर लोग इस तथ्‍य से अनभिज्ञ होंगे, लेकिन यह सीट क्षेत्रफल के हिसाब से दूसरे नंबर पर है।
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मंडी संसदीय सीट पर अब तक जीते सांसद:

1952 : रानी अमृत कौर , गोपी राम कांग्रेस
 ( मंडी महासू  के नाम से दो सदस्यीय सीट थी)
1957: राजा जोगिंदर सेन कांग्रेस
1962: राजा ललित सेन कांग्रेस
1967: राजा ललित सेन कांग्रेस
1972: राजा वीरभद्र सिंह कांग्रेस
1977: ठाकुर गंगा सिंह जनता पार्टी
1980: राजा वीरभद्र सिंह कांग्रेस
1984: पंडित सुख राम कांग्रेस
1989: राजा महेश्वर सिंह
1991: पंडित सुख राम कांग्रेस
1996 : पंडित सुख राम कांग्रेस
1998: राजा महेश्वर सिंह भाजपा
1999: राजा महेश्वर सिंह भाजपा
2004: रानी प्रतिभा सिंह कांग्रेस
2009: राजा वीरभद्र सिंह कांग्रेस
2013: (उपचुनाव) रानी प्रतिभा सिंह कांग्रेस
2014: राम स्वरूप शर्मा भाजपा

बाइट - बीरबल शर्मा, वरिष्‍ठ पत्रकार

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Last Updated : Mar 23, 2019, 5:28 PM IST
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