सराज/मंडी: हिमाचल प्रदेश की सराज घाटी के मनोरम स्थल सपेणीधार में अब मनाली की सोलंग घाटी व बीड बिलिंग की तरह मानव परिंदे आसमान पर मंडराते नजर आएंगे. प्रदेश के पर्यटन विभाग ने इस क्षेत्र में पैराग्लाइडिंग को स्वीकृति प्रदान कर दी है.
प्रदेश सरकार की मंजूरी मिलते ही सपेणीधार में न केवल साहसिक पर्यटन को बल मिलेगा बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के भी द्वार खुलेंगे. इस विषय पर अतिरिक्त उपायुक्त मंडी जतिन लाल ने बताया कि मंडी में उपयुक्त साइट मिलने से अब न केवल युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों में और बढ़ोतरी होगी.
वहीं, सपेणीधार और इसके साथ सटे शैट्टाधार जैसे अनछुए पर्यटन स्थलों को सोलंग घाटी और बीड़ बिलिंग की तर्ज पर पर्यटन के लिए विकसित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अन्य साहसिक गतिविधियों के लिए भी संभावनाएं तलाशी जा रही हैं.
गौरतलब है कि सपेणीधार में कुछ दिनों पहले अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान मनाली के निदेशक कर्नल नीरज राणा, डीएफओ गोहर तीर्थ राज धीमान और राजस्व विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से इस क्षेत्र में पैराग्लाइडिंग के लिए उपयुक्त तकनीकी पहलुओं को खंगाला था।.
सपेहनिधार की विशेषताएं
सपेणीधार सराज हल्के के बिल्कुल मध्य में स्थित है. इसके एक ओर बालीचौकी तहसील के क्षेत्र पड़ता है और दूसरी ओर सराज की सुमली घाटी पड़ती है. लोगों ने सराज के पूर्व विधायक ठाकुर कर्म सिंह और मोतीराम ठाकुर से सपेहनिधार में हेलीपैड बनाने को गुहार लगाई थी. सराज घाटी में इस स्थान का धार्मिक महत्व भी है.
सुमली घाटी के देव सुमुनाग व नगलवाणी के प्राचीन मंदिर भी इस स्थान पर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. गर्मियों के मौसम में यहां पर्यटकों की आमद भी बढ़ती है लेकिन ठहराव की सुविधा न होने के कारण पर्यटक निराश होकर लौट जाते हैं.