मंडी: प्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिशन ने सरकार से चंबा मेडिकल कॉलेज चलाने में पेश आ रही दिक्कतों सहित आधा दर्जन बिंदुओं पर चर्चा की. इसके बाद एसोसिशन का प्रतिनिधिमंडल इस संबंध में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, मुख्य सचिव श्रीकांत वाल्दी, एसीएस स्वास्थ्य आरडी धीमान से मिला.
मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ. जीवानंद ने बताया कि चंबा कॉलेज में बतौर सहायक प्रोफेसर तैनाती में ढील देने के लिए सरकार ने हामी भरी है. जिसके तहत सहायक प्रोफेसर बनने के लिए तीन के बजाए एक साल सीनियर रेजिडेंटशिप की शर्त मानी जाएगी.
उन्होंने सरकार के पास मांग रखी है कि सभी मेडिकल कॉलेज में इन शर्तों को माना जाए जो कि एमसीआई के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है. उन्होंने बताया कि एमडी और एमसीएच के लिए चार साल के स्वास्थ्य संस्थानों में सेवाकाल की शर्त को एक साल करने के लिए सरकार राजी हो गई है. इससे प्रदेश में तैनात हजारों डॉक्टरों को फायदा मिलेगा. साथ ही प्रदेश में सुपर स्पेशयलिटी डॉक्टरों की कमी भी दूर हो जाएगी.
मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ. जीवानंद ने बताया कि आरडीए के स्टाइपंड को केंद्रीय स्तर पर यूनिफार्म करने और पीजी अलाउंस को बढ़ाने पर भी सरकार ने सहमति जताई है. उन्होंने बताया कि सरकार ने डॉक्टरों की सेवानिवृत आयु 65 से 70 साल करने के मुद्दे को भी टाल दिया है.
एसोसिशन ने मांग की है कि रिटायरमेंट के बाद किसी भी तरह का सेवाविस्तार नहीं दिया जाए, ताकि अन्य लोगों की पद्दोन्नति पर इसका असर न पड़े. उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज में अनुबंध पर तैनात फैकल्टी को लोक सेवा आयोग या डीपीसी से नियमित किए जाने पर सहमति जताई गई है.