मंडी: पूर्व मंत्री व सदर भाजपा विधायक अनिल शर्मा ने उपचुनावों की गर्मजोशी के बीच बड़ा बयान दिया है, अनिल शर्मा ने कहना है कि 2019 के लोकसभा चुनावों में आश्रय शर्मा ने जो निर्णय लिया था. उस कारण ना तो वे चुनावों में अपने बेटे का साथ दे पाए और ना ही भाजपा के लिए काम कर पाए, लेकिन अब जल्द ही उपचुनावों के बाद या फिर विधानसभा चुनावों से पहले पिता और पुत्र एक ही पार्टी में नजर आएंगे.
अपने आवास पर मीडिया कर्मियों से बातचीत में पूर्व मंत्री और सदर से भाजपा विधायक अनिल शर्मा का कहा कि अब भविष्य में पिता और पुत्र एक ही राजनैतिक दल में रहकर जनता की सेवा करेंगे. इनका परिवार किस राजनैतिक दल में जाएगा इसका फैसला सदर विधानसभा क्षेत्र की जनता करेगी. अनिल शर्मा ने कहा कि सीएम जयराम ठाकुर से उनकी मुलाकात हो चुकी है और सीएम ने उन्हें पार्टी के लिए काम करने को कहा है, लेकिन पार्टी में उनकी जो अनदेखी हुई है उससे वे आहत हैं.
अनिल शर्मा ने कहा कि उन्होंने पार्टी को नहीं छोड़ा था बल्कि भाजपा ने खुद उनसे किनारा किया था. भाजपा ने उन्हें कार्यक्रमों में बुलाना बंद कर दिया और पट्टिकाओं से भी नाम हटा दिया. ऐसे में सीएम जयराम ठाकुर को जनता को अब यह जवाब देना होगा कि वे दोबारा भाजपा के लिए क्यों काम कर रहे हैं.
अनिल शर्मा ने कहा कि अमूमन उपचुनाव का परिणाम सत्ताधारी दल के पक्ष में ही आता है. केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकारें हैं, लेकिन अब जनता सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों का आंकलन करेगी. इस बात का परिणाम खुद जनता निकालेगी कि उन्होंने सत्तापक्ष के कार्यों पर मुहर लगानी है या फिर उनके विरूद्ध वोट करना है.
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