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कम कीमत पर बिक रहा विदेशी प्याज लोगों को नहीं आया पसंद, नहीं बड़ा पाया रसोई का जायका - मंडी में विदेशी प्याज की मांग कम न्यूज

बाजार में आसमान छूती देशी प्याज की कीमतों के कारण लोगों को न चाहते हुए भी 80 रुपये किलो वाला विदेशी प्याज खरीदना पड़ रहा है. करसोग बाजार में विदेशी किस्म के प्याज को देसी प्याज की अपेक्षा कम खरीदने का कारण प्याज का साइज और स्वाद है.

Less demand for  foreign onions in mandi
प्याज
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Published : Jan 3, 2020, 12:12 AM IST

मंडी: जिला के उपमंडल करसोग के बाजार में हाल ही में विदेशी किस्म का प्याज बाजार में पहुंचा है. ये विदेशी प्याज देसी प्याज से 40 रुपये किलो सस्ता बिक रहा है, लेकिन इसके बाद भी कम ही लोग प्याज की खरीददारी कर रहे हैं.

बता दें कि बाजार में आसमान छूती देशी प्याज की कीमतों के कारण लोगों को न चाहते हुए भी 80 रुपये किलो वाला विदेशी प्याज खरीदना पड़ रहा है. करसोग बाजार में विदेशी किस्म के प्याज को देसी प्याज की अपेक्षा कम खरीदने का कारण प्याज का साइज और स्वाद है.

Less demand for  foreign onions in mandi
ग्राहक

करसोग के बाजार से देसी प्याज 120 रुपये किलो बिक रहा है. ऐसे में लोगों को राहत देने लिए केंद सरकार ने विदेशों से प्याज आयात किया था. जो अब ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचने लगा है, लेकिन प्याज का रंग और बड़ा साइज लोगों को अपनी और ज्यादा आकर्षित नहीं कर पा रहा है.

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मंडी: जिला के उपमंडल करसोग के बाजार में हाल ही में विदेशी किस्म का प्याज बाजार में पहुंचा है. ये विदेशी प्याज देसी प्याज से 40 रुपये किलो सस्ता बिक रहा है, लेकिन इसके बाद भी कम ही लोग प्याज की खरीददारी कर रहे हैं.

बता दें कि बाजार में आसमान छूती देशी प्याज की कीमतों के कारण लोगों को न चाहते हुए भी 80 रुपये किलो वाला विदेशी प्याज खरीदना पड़ रहा है. करसोग बाजार में विदेशी किस्म के प्याज को देसी प्याज की अपेक्षा कम खरीदने का कारण प्याज का साइज और स्वाद है.

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ग्राहक

करसोग के बाजार से देसी प्याज 120 रुपये किलो बिक रहा है. ऐसे में लोगों को राहत देने लिए केंद सरकार ने विदेशों से प्याज आयात किया था. जो अब ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचने लगा है, लेकिन प्याज का रंग और बड़ा साइज लोगों को अपनी और ज्यादा आकर्षित नहीं कर पा रहा है.

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Intro:बाजार में आसमान छूती देशी प्याज की कीमतों के कारण लोगों को न चाहते हुए भी 80 रुपये किलो वाला विदेशी प्याज खरीदना पड़ रहा। करसोग बाजार में हाल ही में पहुंचे विदेशी किस्म प्याज को देसी प्याज से 40 रुपये किलो सस्ता होने के बाद भी बहुत ही कम लोग इस प्याज को खरीद रहे हैBody:बाजार में उतारा गया विदेशी प्याज भी लोगों के जख्मों पर महरम नही लगा पाया है। देसी प्याज की अनियन्त्रित होती कीमतों से पहले ही परेशान लोगों मजबूरी में अपनी रसोई में बड़े साइज विदेशी प्याज का लगाना पड़ रहा है। बाजार में आसमान छूती देशी प्याज की कीमतों के कारण लोगों को न चाहते हुए भी 80 रुपये किलो वाला विदेशी प्याज खरीदना पड़ रहा। करसोग बाजार में हाल ही में पहुंचे विदेशी किस्म प्याज को देसी प्याज से 40 रुपये किलो सस्ता होने के बाद भी बहुत ही कम लोग इस प्याज को खरीद रहे है। इसका कारण विदेशी किस्म का ये प्याज एक तो साइज में बहुत बड़ा है दूसरे प्याज का रंग और स्वाद भी लोगों के मन को नहीं भा रहा है। ये प्याज किलो में मात्र फो से तीन पीस ही चढ़ रहे हैं। ऐसे में कुछ ही लोग जरूरत से भी कम मात्रा में विदेशी प्याज को खरीद रहे हैं।
बहुत से लोगों ने छोड़ दिया है प्याज खाना:
लोगों की आंखों से आंसू निकाल रहा महंगा प्याज सस्ता होने का नाम नही ले है। करसोग में बाजार से देसी प्याज 120 किलो देसी प्याज बिक रहा है। ऐसे में लोगों को राहत देने लिए केंद सरकार ने विदेशों से प्याज आयात किया था। जो अब ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचने लगा है, लेकिन प्याज का रंग और बड़ा साइज लोगों को अपनी और ज्यादा आकर्षित नहीं कर पा रहा है। ऐसे में अब बहुत से घरों में रसोई न प्याज से दूरी बना दी है।







Conclusion:बहादुर सिंह का कहना है कि बाजार में देसी प्याज बहुत महंगा है, इसलिए हम 80 रुपये किलो में बड़े साइज का प्याज खरीद रहे हैं।
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