धर्मशालाः कांगड़ा जिला प्रशासन ने नई पहल जिजीविषा को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर लॉन्च किया. इस कार्यक्रम के तहत जिला में केवल बेटियों वाले परिवारों के नाम पर सम्मान पटल पर अंकित किए जाएंगे. वहीं, ऐसे चिन्हित परिवारों को डीसी के परिवार के नाम से जाना जाएगा.
इस योजना को प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने धर्मशाला में लांच किया. जिला प्रशासन की मानें तो यह अभियान बेटियों वाले परिवारों को सम्मानित करने का माध्यम बनेगा.
वही, डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर जिला कांगड़ा में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं अभियान के तहत जिजीविषा नाम से नई पहल शुरू की गई है. इस पहल के माध्यम से जिन परिवारों में सिर्फ बेटियां हैं, उन परिवारों तक पहुंचा जाएगा.
ऐसे परिवारों को पंचायत में निर्णय लिए जाएंगे और वरियता दी जाएगी. ऐसे परिवारों का हर पंचायत में रोल ऑफ ऑनर बनाया जाएगा. जिसको डीसी का परिवार के नाम से जाना जाएगा.
बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओं अभियान के बाद लड़कियों के लिंगानुपात में इंप्रूवमेंट आई है. जब बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत के दौरान हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा और ऊना जिला में लिंगानुपात काफी कम था, जिसके चलते अभियान में सबसे पहले इन्हीं जिलों को चुना गया था. लड़कियों को लेकर सामाजिक सोच का पतन हुआ है.
वही, प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि जिजीविषा कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मुझे भी है जीने का हक, मुझे पेट में ही खत्म न किया जाए, मेरे भी सपने हैं, मैं भी समाज में रहकर जीवन की ऊंचाईयों को छूना चाहती हूं, लड़कियों के मान-सम्मान के लिए जिला प्रशासन ने जिजीविषा कार्यक्रम का शुभारंभ किया है. उसके लिए जिला प्रशासन को बधाई.
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