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करसोग की 2 पंचायतों में हजारों की सेहत से खिलवाड़, बिना फिल्टर हो रही पानी की सप्लाई - फिल्टर बेड की मरम्मत

जिला में दो पंचायतों में पिछले कई सालों से बिना फिल्टर के ही लोगों को पानी की सप्लाई दी जा रही हैं, जबकि पुन्नी में लाखों की लागत से फिल्टर बेड तैयार किया गया हैं. जोकि पिछले कई सालों से खराब पड़ा हैं. हालत ये है कि बेकार पड़े इस फिल्टर बैड में अब घास उग गई है. जल शक्ति विभाग की ऐसी ही लापरवाही का एक बड़ा मामला करसोग सब डिवीजन में सामने आया है.

IPH department Negligence case in Karsog
IPH department Negligence case in Karsog
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Published : Dec 26, 2020, 1:49 PM IST

मंडीः प्रदेश सरकार भले ही लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के लाख प्रयास कर रही हो, लेकिन धरातल पर सरकारी आदेश विभागों की सुस्ती की भेंट चढ़ जाते हैं. जल शक्ति विभाग की ऐसी ही लापरवाही का एक बड़ा मामला करसोग सब डिवीजन में सामने आया है.

दरासल दो पंचायतों में पिछले कई सालों से बिना फिल्टर के ही लोगों को पानी की सप्लाई दी जा रही हैं, जबकि पुन्नी में लाखों की लागत से फिल्टर बेड तैयार किया गया हैं. जोकि पिछले कई सालों से खराब पड़ा हैं. हालत ये है कि बेकार पड़े इस फिल्टर बेड में अब घास उग गई है.

फिल्टर बेड में उगी घास

लोग लंबे समय से फिल्टर बेड की मरम्मत का मामला लगातार उठा रहे हैं, लेकिन ये आवाज विभाग के सुस्त रवैये के वजह से दब कर रह गई है. यहां उपमंडल की दो पंचायतों खड़कन और भंथल को पेयजल सोर्स से सीधे ही पानी की सप्लाई दी जा रही है. ये पेयजल लाइनें ठीक फिल्टर बेड के पास से होकर बिछाई गई हैं. ऐसे में पानी को फिल्टर बेड में न डालकर लोगों के घरों को सीधे सप्लाई दी जा रही है.

वीडियो रिपोर्ट.

हजारों लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़

जल शक्ति विभाग करसोग सब डिवीजन की इस तरह की लापरवाही से दोनों ही पंचायतों में हजारों लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. बिना फिल्टर सप्लाई दिए जाने से ग्रामीणों को हमेशा जल जनित रोग फैलने का डर रहता है, लेकिन जल शक्ति विभाग को लोगों के स्वास्थ्य की कोई परवाह नहीं है. वहीं, लोगों ने जल शक्ति विभाग के सुस्त रवैये को देखते हुए लोगों ने अब सरकार से खराब पड़े फिल्टर बेड को ठीक करने की मांग की है,ताकि ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मिल सके.

लोगों के पैसे की बर्बादी

बता दें कि पिछले कई सालों से मरम्मत न होने की वजह से फिल्टर बेड में मिट्टी की कई परतें जम गई है. यही नहीं इस मिट्टी में अब घास भी उग गई है. इस फिल्टर बेड को कब बनाया गया और इस पर सरकार ने कितना पैसा खर्च किया है. इसकी भी सही जानकारी नहीं दी जा रही है.

वहीं, करसोग सब डिवीजन के सहायक अभियंता दत्तराम का कहना है कि फिल्टर बेड को ठीक करने के लिए एस्टिमेट तैयार किया गया है. अब जल्द ही टेंडर लगाकर फिल्टर बेड की मरम्मत की जाएगी.

समाज सेवी एवम सराहन वार्ड के जिला परिषद सदस्य श्याम सिंह चौहान ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को दूर दूर तक लोगों के स्वास्थ्य से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने सरकार से करसोग में खराब पड़े सभी फिल्टर बेड को ठीक करने की मांग की है.

मंडीः प्रदेश सरकार भले ही लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के लाख प्रयास कर रही हो, लेकिन धरातल पर सरकारी आदेश विभागों की सुस्ती की भेंट चढ़ जाते हैं. जल शक्ति विभाग की ऐसी ही लापरवाही का एक बड़ा मामला करसोग सब डिवीजन में सामने आया है.

दरासल दो पंचायतों में पिछले कई सालों से बिना फिल्टर के ही लोगों को पानी की सप्लाई दी जा रही हैं, जबकि पुन्नी में लाखों की लागत से फिल्टर बेड तैयार किया गया हैं. जोकि पिछले कई सालों से खराब पड़ा हैं. हालत ये है कि बेकार पड़े इस फिल्टर बेड में अब घास उग गई है.

फिल्टर बेड में उगी घास

लोग लंबे समय से फिल्टर बेड की मरम्मत का मामला लगातार उठा रहे हैं, लेकिन ये आवाज विभाग के सुस्त रवैये के वजह से दब कर रह गई है. यहां उपमंडल की दो पंचायतों खड़कन और भंथल को पेयजल सोर्स से सीधे ही पानी की सप्लाई दी जा रही है. ये पेयजल लाइनें ठीक फिल्टर बेड के पास से होकर बिछाई गई हैं. ऐसे में पानी को फिल्टर बेड में न डालकर लोगों के घरों को सीधे सप्लाई दी जा रही है.

वीडियो रिपोर्ट.

हजारों लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़

जल शक्ति विभाग करसोग सब डिवीजन की इस तरह की लापरवाही से दोनों ही पंचायतों में हजारों लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. बिना फिल्टर सप्लाई दिए जाने से ग्रामीणों को हमेशा जल जनित रोग फैलने का डर रहता है, लेकिन जल शक्ति विभाग को लोगों के स्वास्थ्य की कोई परवाह नहीं है. वहीं, लोगों ने जल शक्ति विभाग के सुस्त रवैये को देखते हुए लोगों ने अब सरकार से खराब पड़े फिल्टर बेड को ठीक करने की मांग की है,ताकि ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मिल सके.

लोगों के पैसे की बर्बादी

बता दें कि पिछले कई सालों से मरम्मत न होने की वजह से फिल्टर बेड में मिट्टी की कई परतें जम गई है. यही नहीं इस मिट्टी में अब घास भी उग गई है. इस फिल्टर बेड को कब बनाया गया और इस पर सरकार ने कितना पैसा खर्च किया है. इसकी भी सही जानकारी नहीं दी जा रही है.

वहीं, करसोग सब डिवीजन के सहायक अभियंता दत्तराम का कहना है कि फिल्टर बेड को ठीक करने के लिए एस्टिमेट तैयार किया गया है. अब जल्द ही टेंडर लगाकर फिल्टर बेड की मरम्मत की जाएगी.

समाज सेवी एवम सराहन वार्ड के जिला परिषद सदस्य श्याम सिंह चौहान ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को दूर दूर तक लोगों के स्वास्थ्य से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने सरकार से करसोग में खराब पड़े सभी फिल्टर बेड को ठीक करने की मांग की है.

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