मंडी: हिमाचल परिवहन सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच (HRTC Retired Employees Welfare Forum) ने प्रदेश सरकार पर वरिष्ठ नागरिकों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है. मंच का कहना है कि एक ओर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान की बात कर रहे हैं. वहीं, प्रदेश के मुखिया जयराम ठाकुर वरिष्ठ नागरिकों को दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर कर रहे हैं. बुधवार को मंडी में मंच की मासिक बैठक के दौरान यह आरोप लगाए गए.
कल्याण मंच का कहना है कि सेवानिवृत्त कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर 17 बार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिल चुके हैं और बीते साढे़ 4 वर्षों से मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन ही दिया है. मंच ने कहा कि सरकार की अनदेखी से नाराज सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने अब प्रदेश सरकार के खिलाफ संघर्ष का रास्ता अख्तियार करने का मन बना लिया है. बैठक के दौरान मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक कुमार पराशर ने कहा कि सरकार की लगातार अनदेखी के चलते सेवानिवृत्त कर्मचारियों में भारी आक्रोश है.
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगों (Demands of HRTC Retired Employees) को 19 फरवरी से पहले पूरा नहीं किया जाता है, तो वह बजट सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव करने से भी गुरेज नहीं करेंगे. जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी. उन्होंने कहा कि उनकी प्रमुख मांगों में तीन मांगे सम्मिलित हैं. जिनमें अन्य विभागों की तर्ज पर 1 तारीख को वेतन, सेवानिवृत्ति पर ड्यूज का भुगतान व लंबित पड़े भत्ते शामिल हैं.
वहीं, मंच के अतिरिक्त प्रदेश महामंत्री सुरेश कुमार सूद ने कहा कि कल्याण मंच के साथ 7300 के करीब सेवानिवृत्त कर्मचारी जुड़े हुए हैं. 9 तारीख बीत जाने के बावजूद भी अभी तक सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन नहीं दी गई है, जिससे साफ जाहिर होता है कि सरकार को वरिष्ठ नागरिकों की कोई चिंता नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि जयराम सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है, तो 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में इसका नतीजा भुगतने के लिए तैयार रहना होगा.
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