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मंडी में ज्ञान-विज्ञान समिति ने निकाला मार्च, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर रोक की उठाई मांग - महिलाओं के खिलाफ बढ़े रही हिंसा के विरोध

विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर हिमाचल ज्ञान-विज्ञान समिति की मंडी जिला इकाई ने महिलाओं के खिलाफ बढ़े रही हिंसा के विरोध में मार्च किया गया.

march against women exploitation in mandi
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Published : Dec 10, 2019, 7:10 PM IST

मंडीः विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर हिमाचल ज्ञान-विज्ञान समिति की मंडी जिला इकाई ने महिलाओं के खिलाफ बढ़े रही हिंसा के विरोध में मार्च किया. मार्च में महिलाओं के साथ बढ़ रहे अत्याचार, दुष्कर्म और शोषण की घटनाओं पर रोक लगाए जाने की मांग की.

मार्च के समापन पर महिलाओं की ओर से जिला पुलिस अधीक्षक के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भी भेजा गया. महिलाओं ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि दुष्कर्म के आरोपियों को सख्त सजा के प्रावधान होने चाहिए और साथ ही महिला हिंसा से जुड़े मामलों को फास्ट ट्रेक कोर्ट में सुनवाई कर तुंरत निपटारा किया जाना चाहिए.

वीडियो.

समिति के जिला अध्यक्ष ललित शर्मा ने देश में महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अपराध पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसी तरह का वातावरण देश में रहा तो आने वाले समय में कोई भी बेटी सुरक्षित नहीं है. उन्होंने कहा कि इस माहौल को बदलने के जरूरत है. इसके लिये सरकार को भी कड़े कदम उठाने की जरूरत है.

मंडी साक्षरता समिति की सचिव वीना वैद्य ने देश में महिलाओं की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश में आधी आबादी महिलाओं की है, लेकिन दिन-प्रतिदिन महिलाओं पर लगातार बढ़ती हिंसा और उन पर हो रहे बलात्कारों को देखकर लगता है कि मानों महिलाओं को जीने का कोई अधिकार ही नहीं है.

जिला सचिव सुनीता बिष्ट ने निर्भया कांड के दौरान पूरे देश की जनता सड़कों पर उसके विरोध में उतर आई थी. तब लगा था कि सरकार महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों, बलात्कारों के लिए कड़े कानून बनेगें व दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिल पायेगी.

उसके बाद भी देशभर में यह सिलसिला बरकरार रहा. प्रदेश में भी इस प्रकार की घटनाओं से अछूता नहीं हैं. गुड़िया प्रकरण हिमाचल प्रदेश का सबसे चर्चित व खौफनाक घटना का हिस्सा रहा है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को भी समाज में बराबरी से जीने का हक दिया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें- हाईकमान ने चाहा तो फिर फिर मंत्री बनेंगे अनिल शर्मा, पार्टी में खुले हैं दरवाजे- CM जयराम

मंडीः विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर हिमाचल ज्ञान-विज्ञान समिति की मंडी जिला इकाई ने महिलाओं के खिलाफ बढ़े रही हिंसा के विरोध में मार्च किया. मार्च में महिलाओं के साथ बढ़ रहे अत्याचार, दुष्कर्म और शोषण की घटनाओं पर रोक लगाए जाने की मांग की.

मार्च के समापन पर महिलाओं की ओर से जिला पुलिस अधीक्षक के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भी भेजा गया. महिलाओं ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि दुष्कर्म के आरोपियों को सख्त सजा के प्रावधान होने चाहिए और साथ ही महिला हिंसा से जुड़े मामलों को फास्ट ट्रेक कोर्ट में सुनवाई कर तुंरत निपटारा किया जाना चाहिए.

वीडियो.

समिति के जिला अध्यक्ष ललित शर्मा ने देश में महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अपराध पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसी तरह का वातावरण देश में रहा तो आने वाले समय में कोई भी बेटी सुरक्षित नहीं है. उन्होंने कहा कि इस माहौल को बदलने के जरूरत है. इसके लिये सरकार को भी कड़े कदम उठाने की जरूरत है.

मंडी साक्षरता समिति की सचिव वीना वैद्य ने देश में महिलाओं की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश में आधी आबादी महिलाओं की है, लेकिन दिन-प्रतिदिन महिलाओं पर लगातार बढ़ती हिंसा और उन पर हो रहे बलात्कारों को देखकर लगता है कि मानों महिलाओं को जीने का कोई अधिकार ही नहीं है.

जिला सचिव सुनीता बिष्ट ने निर्भया कांड के दौरान पूरे देश की जनता सड़कों पर उसके विरोध में उतर आई थी. तब लगा था कि सरकार महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों, बलात्कारों के लिए कड़े कानून बनेगें व दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिल पायेगी.

उसके बाद भी देशभर में यह सिलसिला बरकरार रहा. प्रदेश में भी इस प्रकार की घटनाओं से अछूता नहीं हैं. गुड़िया प्रकरण हिमाचल प्रदेश का सबसे चर्चित व खौफनाक घटना का हिस्सा रहा है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को भी समाज में बराबरी से जीने का हक दिया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें- हाईकमान ने चाहा तो फिर फिर मंत्री बनेंगे अनिल शर्मा, पार्टी में खुले हैं दरवाजे- CM जयराम

Intro:मंडी। विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति की जिला इकाई द्वारा सेरी मंच मंडी में रैेली का आयोजन किया गया। जिसमें महिलाओं के साथ बढ़ रहे अत्याचार, दुष्कर्म और शोषण की घटनाओं के विरोध में सैंकड़ों महिलाओं ने भाग लिया।
Body:रैली के समापन पर महिलाओं द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भी भेजा।
महिलाओं ने सरकार से मांग रखी की दुष्कर्म के आरोपियों को सख्त से सजा को प्रावधान हो ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस तरह के कुकृत्य न कर सके।
इस मौके पर हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति के जिला अध्यक्ष ललित शर्मा ने देश में हो रही बलात्कार की घटनाओं पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि इसी तरह का वातावरण देश में रहा तो आने वाले समय में कोई भी बेटी सुरक्षित नहीं है। हमें इस माहौल को बदलने के जरूरत है। इसके लिये सरकार को भी कड़े कदम उठाने की जरूरत है। मंडी साक्षरता समिति की सचिव वीना वैद्य ने देश में महिलाओं की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश में आधी आबादी महिलाओं की है लेकिन दिन-प्रतिदिन महिलाओं पर लगातार बढ़ती हिंसा व उन पर हो रहे बलात्कारों को देखकर लगता है कि मानों महिलाओं को जीने का कोई अधिकार नहीं। आज महिलाओं के साथ अत्याचार इतना बढ़ गया है कि सरकाघाट में महिला को डायन बताकर मंदिर के गुर व परिजनों द्वारा महिला का मुंह काला कर जूतों की माला पहना कर गांव में घुमाने की घटना सामने आई हैं। यह मामला बहुत गंभीर है। जिला सचिव सुनीता बिष्ट ने निर्भया कांड के दौरान पूरे देश की जनता सड़कों पर उसके विरोध में उतर आई थी। तब लगा कि सरकार महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों, बलात्कारों के लिए कड़े कानून बनेगें व दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिल पायेगी। उसके बाद भी देशभर में यह सिलसिला बरकरार रहा। हिमाचल प्रदेश भी इस प्रकार की घटनाओं से अछूता नहीं हैं। गुडिया प्रकरण हिमाचल प्रदेश का सबसे चर्चित व खौफनाक घटना का हिस्सा रहा है।

बाइट : सुनीता बिष्ट, जिला सचिव, हिमाचल ज्ञान विज्ञान समितिConclusion:रैली के बाद सेरी मंच में जनसभा का आयोजन भी किया गया।
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