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कर्मचरियों के हक का पैसा डकारने पर नगर परिषद मंडी के खाते सीज, EPFO ने ऐसे की रिकवरी - शिमला ने मंडी नगर परिषद के बैंक खातों को सीज किया

कर्मचरियों के हक का पैसा डकारने पर नगर परिषद मंडी के खाते ईपीएफओ ने किए सीज, खातों में जमा 26 लाख 65 हजार निकाल कर की रिकवरी .

Mandi's account was sealed by EPFO
मंडी के खाते ईपीएफओ ने किए सीज
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Published : Dec 12, 2019, 3:18 PM IST

मंडी: जिला मंडी में कर्मचारियों के हक का पैसा डकार कर भविष्य निधि में अंशदान जमा न करवाने पर ईपीएफओ शिमला ने नगर परिषद मंडी के खाते सीज कर दिए हैं. बता दें कि मार्च 2019 में इस संदर्भ में ईपीएफओ ने मंडी नगर परिषद को नोटिस जारी किया था, लेकिन राशि जमा नहीं हुई. लिहाजा वसूली अधिकारी ईपीएफओ शिमला ने मंडी नगर परिषद के बैंक खातों को सीज करके राशि को वसूल लिया है.

वहीं, नगर परिषद मंडी द्वारा अपने स्थाई या नियोजन पर लिए गए कर्मचारियों का भविष्य निधि पेंशन एवं अन्य अंशदान जमा नहीं कराने के कारण ईपीएफओ शिमला ने अर्ध-न्यायिक प्रक्रिया के तहत पहले ही आदेश पारित किए थे. क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त सुदर्शन कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि ईपीएफ कानून के तहत अंशदान जमा नहीं करवाने वाली स्थापनाओं के खिलाफ कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध उपबंध अधिनियम 1952 के तहत सख्त कार्रवाई की जाती है.

वीडियो रिपोर्ट

प्रभावित कर्मचारी ऑनलाइन कर सकते हैं आवेदन

समय पर भविष्य निधि राशि जमा नहीं करवाना भविष्य निधि अधिनियम के धारा 14, 14ए, 14एबी एवं 14 एसी के तहत एक अपराध भी है. जिसके तहत ईपीएफओ शिमला उन स्थापनाओं/नियोक्ताओं के खिलाफ फौजदारी के मुकदमे दर्ज करवाता है, जो जानबूझकर पीएफ राशि जमा नहीं करवाती. वर्ष 2012 से 17 तक भविष्य निधि के लिए प्रभावित कर्मचारी ऑनलाइन दावा कर सकते हैं.

ईपीएफओ के अनुसार नगर परिषद मंडी के सभी कर्मचारी, जिनकी इस अवधि में भविष्य निधि राशि जमा नहीं हुई थी, भविष्य निधि राशि प्राप्त करने के लिए सेवा मुक्ति या अन्य पात्रता को लेकर वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन दाखिल कर अपनी भविष्य निधि और पेंशन राशि को प्राप्त कर सकते हैं.

बता दें कि मंडी नगर परिषद में विकास कार्य हाशिये पर है. अब ईपीएफओ ने नगर परिषद के खाते सीज करके बड़ा झटका दिया है. भविष्य में नगर परिषद अब अधिक वित्तीय संकट से जूझ सकता है. जिसका सीधा असर विकासात्मक योजनाओं पर पड़ सकता है.

ये भी पढ़ें: DC सिरमौर की पहल, मंदिरों में पूजा के लिए चढ़े फूलों से बनेगी हर्बल धूप

मंडी: जिला मंडी में कर्मचारियों के हक का पैसा डकार कर भविष्य निधि में अंशदान जमा न करवाने पर ईपीएफओ शिमला ने नगर परिषद मंडी के खाते सीज कर दिए हैं. बता दें कि मार्च 2019 में इस संदर्भ में ईपीएफओ ने मंडी नगर परिषद को नोटिस जारी किया था, लेकिन राशि जमा नहीं हुई. लिहाजा वसूली अधिकारी ईपीएफओ शिमला ने मंडी नगर परिषद के बैंक खातों को सीज करके राशि को वसूल लिया है.

वहीं, नगर परिषद मंडी द्वारा अपने स्थाई या नियोजन पर लिए गए कर्मचारियों का भविष्य निधि पेंशन एवं अन्य अंशदान जमा नहीं कराने के कारण ईपीएफओ शिमला ने अर्ध-न्यायिक प्रक्रिया के तहत पहले ही आदेश पारित किए थे. क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त सुदर्शन कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि ईपीएफ कानून के तहत अंशदान जमा नहीं करवाने वाली स्थापनाओं के खिलाफ कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध उपबंध अधिनियम 1952 के तहत सख्त कार्रवाई की जाती है.

वीडियो रिपोर्ट

प्रभावित कर्मचारी ऑनलाइन कर सकते हैं आवेदन

समय पर भविष्य निधि राशि जमा नहीं करवाना भविष्य निधि अधिनियम के धारा 14, 14ए, 14एबी एवं 14 एसी के तहत एक अपराध भी है. जिसके तहत ईपीएफओ शिमला उन स्थापनाओं/नियोक्ताओं के खिलाफ फौजदारी के मुकदमे दर्ज करवाता है, जो जानबूझकर पीएफ राशि जमा नहीं करवाती. वर्ष 2012 से 17 तक भविष्य निधि के लिए प्रभावित कर्मचारी ऑनलाइन दावा कर सकते हैं.

ईपीएफओ के अनुसार नगर परिषद मंडी के सभी कर्मचारी, जिनकी इस अवधि में भविष्य निधि राशि जमा नहीं हुई थी, भविष्य निधि राशि प्राप्त करने के लिए सेवा मुक्ति या अन्य पात्रता को लेकर वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन दाखिल कर अपनी भविष्य निधि और पेंशन राशि को प्राप्त कर सकते हैं.

बता दें कि मंडी नगर परिषद में विकास कार्य हाशिये पर है. अब ईपीएफओ ने नगर परिषद के खाते सीज करके बड़ा झटका दिया है. भविष्य में नगर परिषद अब अधिक वित्तीय संकट से जूझ सकता है. जिसका सीधा असर विकासात्मक योजनाओं पर पड़ सकता है.

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Intro:मंडी। कर्मचारियों के हक का पैसा डकार कर भविष्य निधि में अंशदान जमा न करवाने पर ईपीएफओ शिमला ने नगर परिषद मंडी के खाते सीज कर दिए हैं। साथ ही खातों में जमा 26.65 लाख की राशि भी निकालकर रिक्वरी कर ली है।यह कार्रवाई मंडी नगर परिषद पर जून 2012 से अगस्त 2017 यानी पांच सालों तक कि अवधि के दौरान स्थाई या नियोजन पर लिए कर्मचारियों के खाते में ईपीएफ की राशी जमा ना करवाने पर हुई है।

Body:मार्च 2019 में इस संदर्भ में ईपीएफओ ने मंडी नगर परिषद को नोटिस जारी किया था। लेकिन रकम जमा नही हुई। लिहाजा वसूली अधिकारी ईपीएफओ शिमला ने मंडी नगर परिषद के बैंक खातों को सीज करके राशि को वसूल लिया है। नगर परिषद मंडी द्वारा अपने स्थाई या नियोजन पर लिए गए कर्मचारियों का भविष्य निधि पेंशन एवं अन्य अंशदान जमा नहीं कराने के कारण ईपीएफओ शिमला ने अर्ध-न्यायिक प्रक्रिया के तहत पहले ही आदेश पारित किए थे। यह तय किया कि भविष्य निधि अधिनियम के तहत 26 लाख 65 हजार रूपय की राशि जो ईपीएफ कानून के तहत जमा करना बाध्यकारी था, जमा नहीं कराया। क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त सुदर्शन कुमार ने इसकी पुष्टि की है। उनके अनुसार ईपीएफ कानून के तहत अंशदान जमा न कराने वाली स्थापनाओं के खिलाफ कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध उपबंध अधिनियम 1952 के तहत सख्त कार्रवाई की जाती है। समय पर भविष्य निधि राशि जमा नहीं करवाना भविष्य निधि अधिनियम के धारा 14, 14ए, 14एबी एवं, 14 एसी के तहत एक संज्ञेय अपराध भी है। जिसके तहत ईपीएफओ शिमला उन स्थापनाओं/ नियोक्ताओं के खिलाफ फौजदारी के मुकदमे दर्ज करवाता है, जो जानबूझकर पीएफ राशी जमा नहीं करवाती। वर्ष 2012 से 17 तक भविष्य निधि के लिए प्रभावित कर्मचारी आनलाइन दावा कर सकते हैं। ईपीएफो के अनुसार नगर परिषद मंडी के सभी कर्मचारी, जिनकी इस अवधि में भविष्य निधि राशि जमा नहीं हुई थी, भविष्य निधि राशि प्राप्त करने के लिए सेवा मुक्ति या अन्य पात्रता पर ऑनलाईन दावा वैबसाईट पर दाखिल कर अपनी भविष्य निधि और पेंशन राशि को प्राप्त कर सकते हैं।
Conclusion:
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वित्तीय संकट से जूझ रही नगर परिषद
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृहजिला के जिला मुख्यालय की नगर परिषद मंडी पहले ही वित्तीय संकट से जूझ रही है। नेतृत्व और समन्वय की कमी के चलते पहले ही मंडी नगर परिषद में विकास कार्य हाशिये पर हैं। अब ईपीएफओ ने नगर परिषद के खाते सीज करके बड़ा झटका दिया है। भविष्य में नगर परिषद अब अधिक वित्तीय संकट से जूझ सकता है। जिसका सीधा असर विकासात्मक योजनाओं पर पड़ सकता है।

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