मंडी: जिला मंडी में कर्मचारियों के हक का पैसा डकार कर भविष्य निधि में अंशदान जमा न करवाने पर ईपीएफओ शिमला ने नगर परिषद मंडी के खाते सीज कर दिए हैं. बता दें कि मार्च 2019 में इस संदर्भ में ईपीएफओ ने मंडी नगर परिषद को नोटिस जारी किया था, लेकिन राशि जमा नहीं हुई. लिहाजा वसूली अधिकारी ईपीएफओ शिमला ने मंडी नगर परिषद के बैंक खातों को सीज करके राशि को वसूल लिया है.
वहीं, नगर परिषद मंडी द्वारा अपने स्थाई या नियोजन पर लिए गए कर्मचारियों का भविष्य निधि पेंशन एवं अन्य अंशदान जमा नहीं कराने के कारण ईपीएफओ शिमला ने अर्ध-न्यायिक प्रक्रिया के तहत पहले ही आदेश पारित किए थे. क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त सुदर्शन कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि ईपीएफ कानून के तहत अंशदान जमा नहीं करवाने वाली स्थापनाओं के खिलाफ कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध उपबंध अधिनियम 1952 के तहत सख्त कार्रवाई की जाती है.
प्रभावित कर्मचारी ऑनलाइन कर सकते हैं आवेदन
समय पर भविष्य निधि राशि जमा नहीं करवाना भविष्य निधि अधिनियम के धारा 14, 14ए, 14एबी एवं 14 एसी के तहत एक अपराध भी है. जिसके तहत ईपीएफओ शिमला उन स्थापनाओं/नियोक्ताओं के खिलाफ फौजदारी के मुकदमे दर्ज करवाता है, जो जानबूझकर पीएफ राशि जमा नहीं करवाती. वर्ष 2012 से 17 तक भविष्य निधि के लिए प्रभावित कर्मचारी ऑनलाइन दावा कर सकते हैं.
ईपीएफओ के अनुसार नगर परिषद मंडी के सभी कर्मचारी, जिनकी इस अवधि में भविष्य निधि राशि जमा नहीं हुई थी, भविष्य निधि राशि प्राप्त करने के लिए सेवा मुक्ति या अन्य पात्रता को लेकर वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन दाखिल कर अपनी भविष्य निधि और पेंशन राशि को प्राप्त कर सकते हैं.
बता दें कि मंडी नगर परिषद में विकास कार्य हाशिये पर है. अब ईपीएफओ ने नगर परिषद के खाते सीज करके बड़ा झटका दिया है. भविष्य में नगर परिषद अब अधिक वित्तीय संकट से जूझ सकता है. जिसका सीधा असर विकासात्मक योजनाओं पर पड़ सकता है.
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